ध्यान फाउंडेशन पूर्वोत्तर भारत में गौशालाये खोलेगा: BSF का सहयोग लेंगे

पशु संदेश,१० मार्च 2019

आध्यात्मिक एवं मानवीय मूल्यों के माध्यम से देश में जीव दया एवं पशु कल्याण के दिशा में प्रचार प्रसार हेतु समर्पित ध्यान फाउंडेशन , नई दिल्ली के एक शिष्य सुदर्शन कौशिक ने बताया कि देश में गोवंशीय पशुओं की स्थिति अत्यंत खराब है। पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों से बांग्लादेश के लिए तस्करी निरंतर जारी है। उन्होंने बताया कि ध्यान फाऊंडेशन के संस्थापक योगी अश्विनी अपने समस्त शिष्यों एवं अनुयाईयों के माध्यम से अवैधानिक यातायात के जरिए कत्लखाने भेजे जाने वाले गोवंशीय पशुओं की तस्करी को रोकने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे है। फाउंडेशन द्वारा अब तक 15 लाख से अधिक पशुओं की जीवन रक्षा की जा चुकी है। ध्यान फाउंडेशन देश की अत्यंत लोकप्रिय वैदिक पद्धति से योग साधना की शिक्षा देने वाली संस्था है जिसमें देश के कोने- कोने के लोग इस आध्यात्मिक केंद्र से जुड़े हुए हैं।

सुदर्शन कौशिक पिछले एक हफ्ते से पूर्वोत्तर भारत के भ्रमण पर निकले हैं और कल कोलकाता से लौटकर आज रांची नगर में पशु अपराध नियंत्रण की एक बैठक की जिसमें कई संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे। उन्होंने बताया कि राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड झारखंड जल्दी ही प्रदेश व्यापी कार्यक्रम आरंभ करेगा जिस में ध्यान फाउंडेशन द्वारा हर प्रकार की संभव सहायता की जाएगी। कौशिक ने पश्चिमी बंगाल के रास्ते बांग्लादेश बॉर्डर पर पशु अपराध नियंत्रण रोकने के लिए बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स से सहायता मिलने की सूचना से सभी को अवगत कराया। कहा कि बचाए गए पशुओं के जीवन रक्षा के लिए झारखंड, बिहार तथा उड़ीसा के कई जगहों पर जन सहभागिता के माध्यम से पशुओं के लिए शरण स्थल बनाया जाएगा। इस दिशा में जल्दी ही कार्य आरंभ होने की बात बताई । ज्ञात रहे कि ध्यान फाउंडेशन एंबुलेंस सर्विस से लेकर तस्करों से छुड़ाए गए पशुओं की सेवा -श्रूषा और चारा- दाना प्रबंधन के प्रबंधन का कार्य बखूबी से किया जाता है।

कौशिक ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अक्सर बचाए गए पशुओं को नीलाम कर दिया जाता है जो एक अत्यंत दुखद बात है। होता क्या है कि ऐसे पशु दोबारा अवैधानिक कत्लखाने जाने के लिए मजबूर हो जाते हैं।बीएसएफ के द्वारा पकड़े गए पशुओं को अक्सर नीलामी कर विस्थापित किया जाता था किंतु ध्यान फाउंडेशन के जुड़ाव के बाद बीएसएफ को नीलामी की समस्या से अब निदान मिल गया है जो पशुओं के प्राण रक्षा के दिशा में बहुत बड़ी सफलता है। आज पशु प्रेमियों को एक जुट होकर चुनौतियों का सम्मान करना चाहिए। ऐसे परिस्थितियों का सामना करने के लिए राज्य सरकारों की भूमिका को अहम् बताया एवं कहा कि कुछ राज्यों को छोड़कर अधिकांश राज्यों से कोई सहयोग नहीं मिलता है। पशु कानून संबंधी पुलिस की अज्ञानता और सहयोग को आज की बहुत बड़ी समस्या हैं। कौशिक ने गौशालाओं के निर्माण एवं संचालन के लिए इच्छुक व्यक्ति से अनुरोध किया है कि वह तत्काल ध्यान फाउंडेशन से संपर्क( मोबाइल:+919999567895 /+919910183375) करें। योग्य व्यक्तियों को गौशाला प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

इस संबंध में उन्होंने बताया कि ध्यान फाउंडेशन वर्तमान आवश्यकता के अनुसार बंगाल, असम ,मेघालय ,त्रिपुरा आदि जगहों में गौशाला बनाने का निर्णय लिया है। नवनिर्मित प्रबंधन कार्यकर्ताओं को इन जगहों पर उचित मानदेय पर नियुक्त किया जाएगा। कौशिक ने यह भी अनुरोध किया कि गौ संरक्षण एवं संवर्धन से संबंधित किसी भी मामले पर सहायता के लिए तत्काल संपर्क किया जाना चाहिए। यह देखा गया है कि अवैधानिक यातायात के दौरान पशुओं के साथ बड़ा ही क्रूरतम व्यवहार किया जाता है। उन्होंने अपने अनुभव का हवाला देते हुए बताया कि लम्बे एवं अवैधानिक यातायात में गाये भूखी, प्यासी, बीमार और घायल अवस्था में रहती हैं जिन्हें तुरंत चारा -दाना मुहैया कराने की आवश्यकता होती है। योगी अश्वनी के संदेशों का जिक्र करते हुए बताया कि कोई भी साधना एवं भक्ति बिना सेवा के हमेशा अधूरी होती हैं। गोसेवा एक सर्वोत्तम सेवा हैं इस लिए सभी को भागीदार बनना चाहिए।