पशुपालकों तक पहुँचेगा IVF, ETT तकनीकों का लाभ - लाखन सिंह यादव

पशु संदेश, 27th February 2019

मध्य प्रदेश राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के अधीन बुल मदर फॉर्म पर संचालित भ्रूण प्रत्यारोपण प्रयोगशाला की नवीन आई वी एफ प्रयोगशाला का अनावरण एवं लोकार्पण दिनांक 26 फरवरी 2019 को मंत्री, मध्य प्रदेश शासन, पशुपालन विभाग, लाखन सिंह यादव ने किया ।इस अवसर पर विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव एवं निगम के प्रबंध संचालक डॉ. एच. बी. एस. भदौरिया  समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित उपस्थित रहे।

अपर मुख्य सचिव ने प्रयोगशाला के पशु शेड एवं पूर्व से संचालित भ्रूण प्रत्यारोपण प्रयोगशाला का निरीक्षण किया तथा किए जा रहे कार्य की प्रशंसा की।

पशुपालन मंत्री यादव ने प्रयोगशाला में स्थापित समस्त सुविधाओं का निरीक्षण किया एवं IVF तकनीक के बारे में जानकारी प्राप्त की। प्रयोगशाला के  नोडल अधिकारी डॉक्टर आनंद कुशवहा ने मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव  को  विस्तार से  प्रयोगशाला की गतिविधियों  की जानकारी दी।  उन्होंने अवगत कराया कि राज्य आयोजना अंतर्गत वर्ष 2012-13 में ई. टी . टी. प्रयोगशाला की स्थापना की गयी थी जिस पर प्रथम वत्स का उत्पादन 19 अप्रैल 2015 में हुआ तथा आज दिनाक तक 180 वत्सों का उत्पादन इस तकनीक का प्रयोग कर किया जा चुका है। इनमें से 14 सांड प्रदेश के केंद्रीय वीर्य संग्रहाल्य को, 11 केरल के केंद्रीय वीर्य संग्रहाल्य प्रदान किये तथा 4 एन डी डी बी के बीडज स्थित केंद्रीय वीर्य संग्रहाल्य को प्रदान करने के लिये आरक्षित किये गये हैं। 

अपने उद्घाटन उदबोधन में मंत्री लाखन सिंह यादव ने प्रदेश में संचालित होने वाली देश की इस प्रथम प्रयोगशाला को तैयार कर उपयोग योग्य बनाने पर सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने बुल मदर फार्म तथा प्रयोगशाला की पशु शालाओं की स्वच्छता एवं व्यवस्थाओं की मुक्त कण्ठ से प्रशंसा की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस तकनीक का उपयोग,  प्रयोगशाला से पशुपालकों तक पहुंचाया जा सकेगा तथा इसका लाभ प्रदेश एवं देश के पशुपालकों को प्राप्त होगा। 

इसी अवसर पर अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने ब्राजील का उदाहरण देते हुए आशा व्यक्त की जिस प्रकार भारत की नस्लों को ब्राजील ने अपने देश में ले जाकर इतना विकसित कर दिया है कि आज उनकी उत्पादन क्षमता देश में उपलब्ध पशुओं से कई गुना अधिक हो गई है उसी प्रकार यह प्रयोगशाला भी प्रदेश की नस्लों के संरक्षण, संवर्धन एवं अनुवांशिक विकास में सफल होंगी। 

निगम के प्रबंध संचालक, डॉ. भदौरिया ने उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों का धन्यवाद करते हुए आश्वासन दिया कि यह प्रयोगशाला अपने उद्देश्यों की पूर्ति में सफल रहेगी।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत स्थापित विभिन्न प्रदेशों में स्थापित होने वाली IVF लैब्ज़ में सर्वप्रथम मध्य प्रदेश की इस प्रयोगशाला ने कार्य शुरू किया है। इन वीटरो फ़र्टिलिज़ेशन (IVF) ऐवम एम्ब्रीओ ट्रान्स्फ़र तकनीक (ETT) के द्वारा उन्नत नस्ल के ब्रीडिंग बुल्ज़ अत्यंत काम समय में तय्यार किए जा सकेंगे।वर्तमान में हमारे देश के सीमेन स्टेशन पर उन्नत साँड़ों बहुत कमी है।किसानो को इस तकनीक से प्राप्त उन्नत साँड़ों से उच्च क्षमता वाली गायों तथा भैसों का लाभ मिल सकेगा। इस तकनीक से कम समय में अधिक संख्या में उच्च नस्ल के पशुओं की progeny तय्यार की जा सकती है।