IVRI द्वारा एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण एवं प्रक्षेत्र भ्रमण

पशु संदेश, 22 अगस्त 2018

पशुपालन की उत्पादकता बढ़ाने  तथा कम लागत में  हरे चारे की उपलब्घता बढ़ाने के  के उद्देश्य  से भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर  द्वारा दिनाॅक 18 अगस्त, 2018 को बाजरा नेपियर संकर  घास विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं प्रक्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

प्रक्षेत्र भ्रमण के अन्तर्गत  कृषकों को खेत मे ले जाकर, खेत तैयार करने तथा कटिंग रोपण का सही तरीका प्रदशित किया गया।  साथ ही संस्थान के प्रक्षेत्र पर लगी 30 एकड़ बाजरा संकर नेपियर घास चारा फसल का भी भ्रमण कराया गया।  इस अवसर पर, संस्थान के निदेशक, डा. राज कुमार सिंह द्वारा 30 गाॅव के 35 कृषकों को नेपियर घास की 54,000 कटिॅग निःशुल्क प्रदान की गयी।  इस संबंध में उपस्थित कृषकों को निदेशक महोदय द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में आवश्यकता के मुकाबले हरे चारे की उपलब्धता में लगभग 64 प्रतिशत की  कमी है जिसका पशु के स्वास्थ एवं उत्पादन पर असर पड़ता है।  इस कमी को पूरा करने के लिये नेपियर घास एक बहुत अच्छा विकल्प है। प्रक्षेत्र भ्रमण के अवसर पर निदेशक महोदय के अतिरिक्त  संस्थान के संयुक्त निदेशक शोध,  डा. बी.पी. मिश्रा, संयुक्त निदेशक,  शैक्षिणक , डा. त्रिवेणी दत्त, संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा  डा महेश चन्द्र, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रभारी कृषि विज्ञान केन्द्र डा. बी.पी. सिंह, आदि  उपस्थित रहे ।  
प्रशिक्षण  कार्यक्रम में 30 गाॅवों के 54 कृषकों को बाजरा संकर नेपियर घास विषय पर व्याख्यान दिया गया  जिसमें  कटिॅग का चुनाव, खेत की तैयारी, पौषक तत्व प्रबन्धन,  कटिंग का  रोपण, सिचाई प्रबन्धन, खरपतवार प्रबन्धन, चारा  कटाई का उचित समय एवं तरीका आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गयी। यह तीव्र वृद्धि, शीघ्र पुर्नवृद्धि, अत्यधिक कल्ले, अत्यधिक पत्तियों  तथा  नीचे से लेकर ऊपर तक पूरा हरा एवं मुलायम रहने  आदि गुणों के कारण यह 40-45 दिन में 4-5 फुट उँची हो जाती है तथा 2500 से 3000 क्विंटल /हेक्टेयर /वर्ष तक हरा चारा उत्पादन देने में सक्षम है।

बरेली जनपद में जिन कृषकों के खेत पर संस्थान के प्रयासों से  यह नेपियर लगी है, उनके माध्यम से भी दूसरे कृषक, नेपियर को अपने खेतों में लगा रहे।  फेसबुक, व्हाटस्एप, यूटयूब के माध्यम से जानकारी प्राप्त करके, उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त, उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार के कृषक भी नेपियर की कटिंग लेकर जा रहे है। इस प्रकार नेपियर, बरेली के कृषको के बीच बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रही है। इस अवसर पर  कृषकों को संकर बाजरा नेपियर घास पर साहित्य भी वितरित किया गया ।