ऑर्गेनिक खेती की लोकप्रियता से चुनावी जंग में उतरे केरल के पी. राजीव

घर -घर बांट रहे हैं ऑर्गेनिक सब्जियों का उपहार

पशु संदेश, 08 April 2019

डॉक्टर आर बी चौधरी

भारत एक ऐसा देश है जहां की सबसे बड़ी विशेषता है कि एकता में अनेकता,विविधताओं के बीच में जब प्रेम और सौहार्द का अनुपम संगम मिलता है तो ऐसा दृश्य विश्व के किसी कोने में नहीं दिखाई देता |इस बार चुनावी रंगारंग आयोजनों के बीच में अर्नाकुलम(केरल) से चुनावी जंग में कूदने वाले सीपीएम के एक चर्चित प्रत्याशी पी राजीव जो पेशे से ऑर्गेनिक फार्मर हैं ,इस लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं| जब वह घर से चुनाव के प्रचार में निकलते हैं तो अपनी गाड़ी में ढेर सारी ऑर्गेनिक सब्जियां भर लेते हैं और अपने समर्थकों में बांटते जाते हैं |उनका कहना है वह अगर चुनाव में जीत जाते हैं तो सबसे पहले जन स्वास्थ्य सुरक्षा और टिकाऊ खेती के माध्यम से स्वस्थ भोजन उत्पादन में आने वाली समस्याओं को निपटाएंगे।

पी राजीव ने बताया कि यह आंदोलन किसानों के लिए है ताकि स्वस्थ अन्न पैदा करें, खुद  खाएं और लोगों को खिलाएं|चालीस के दशक में जब एक गरीब महिला ने अपनी संपूर्ण पूंजी के रूप में बछिया चुनाव जीतने के लिए उनके पार्टी को दान कर दिया तभी से उनकी पार्टी ने गरीबों और किसानों के दुख -दर्द में शामिल होने का संकल्प लिया|उनकी पार्टी गरीबों और किसानों के हित के लिए समर्पित है|यही वह कारण है कि अपने चुनावी अभियान में वह घर -घर जाकर लोगों से मिल रहे हैं और जब भी किसी के घर जाते हैं तो उसे अपनी ऑर्गेनिक खेती का उपहार ऑर्गेनिक सब्जियां अवश्य देते हैं|अब तक अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि किसानों,वरिष्ठ पार्टी नेताओं,सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा प्रबुद्ध वर्ग से लेकर विद्यार्थियों,किसानों,शिक्षकों आदि से मिल चुके हैं|

उन्होंने बताया कि कोच्चि में 31 मार्च को नामांकन पत्र भरने के बाद उनका यह अभियान आरंभ हुआ है जो लगातार जारी है|सब्जियों को उपहार देना अब उनका एक पुराना शौक बन  चुका है और इस कार्य पर उन्हें बहुत अभिमान है| इससे उनको एक पहचान मिली है जिसे वह खोना नहीं चाहते|अपने जिले में जैविक खेती को आगे बढ़ाने के लिए "जीवामृतम" नामक एक परियोजना का शुभारंभ किया था जो बेहद सफल रहा और वह वहां के हीरो बन गए|"जीवामृतम" के आशातीत सफलता के वजह से जिले के किसानों ने ऑर्गेनिक खेती का एक मिसाल पैदा कर दिया है| इससे किसानों की आमदनी में व्यापक सुधार हुआ है|

राजीव ने बताया कि जब उन्होंने इसकी शुरुआत की तो लोगों को विश्वास नहीं हो रहा था| लोग अक्सर कहा करते थे कि अर्नाकुलम जैसे शहरीकरण की ओर बढ़ते नगर में टिकाऊ खेती का सपना देखना हिमालय पर चढ़ने के बराबर है |लेकिन ,जिले भर के किसानों को जैविक खेती की तकनीक का फायदा दिखाने का अवसर उन्हें प्राप्त हुआ और सफलता भी जिसका नतीजा है कि आज वह लोगों के दिलों -दिमाग में बैठ गए है|

पी राजीव का स्वयं पर विश्वास है| विश्वाश यह है कि जिले भर के किसान उनके परिवार के सदस्य हैं, इसलिए अवश्य जीतेंगे|हालांकि,उनका मुकाबला एक केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के विधायक से आमने -सामने हैं|लेकिन वह मानते हैं कि यह त्रिकोणीय संघर्ष का उनके ऊपर कोई असर नहीं है और वह चुनाव अवश्य जीतेंगे |