लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाज़े गए डॉ रामेश्वर सिंह

Pashu Sandesh, 14 January 2020

भारत के अग्रणी ग्लोबल कृषि पत्रिका एग्रीकल्चर टुडे ग्रुप के द्वारा आयोजित इंडियन डेयरी अवार्ड 2020 में बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रामेश्वर सिंह को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया। उन्हें यह अवार्ड विगत तीन दशकों से डेयरी के क्षेत्र में उनके द्वारा उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया। इस अवार्ड की प्राप्ति के लिए किसी व्यक्ति को कम से कम दो राष्ट्रीय और एक अंतरराष्ट्रीय बॉडी द्वारा उनके द्वारा किये गए कार्यों की मान्यता होने के पश्चात ही दिया जाता है, साथ ही डेयरी के क्षेत्र के में नई तकनीकी क्रांति और बढ़ावा देने के लिए पथप्रदर्शक के रूप में कार्य करने हेतु प्रदान किया जाता है।

डॉ सिंह ने डेयरी शिक्षा एवं अनुसन्धान, फर्मेन्टेड मिल्क प्रोडक्ट, प्री-बायोटीक्स और डेयरी स्टार्टर कल्चर्स के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है उनके अनेकों शोध कार्य व आईडिया से डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा मिला है। उन्होंने राष्ट्रीय डेयरी कल्चर संग्रहण की स्थापना भी की।

डॉ रामेश्वर सिंह ने देश के अग्रणी संस्थान राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल से 1977 में डेयरी माइक्रोबायोलॉजी में एमएससी की डिग्री प्राप्त की है, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्था, बरेली से पीएचडी करने के बाद डॉ सिंह ने वैज्ञानिक के तौर पर भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्था में योगदान दिया, तत्पश्चात राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल में भी अपना योगदान दिया है। 2012 में उन्हें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मुख्यालय, नई दिल्ली में कृषि ज्ञान प्रबंध निदेशालय में बतौर निदेशक कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। डॉ सिंह ने नेशनल अकादमी ऑफ एग्रीकल्चर साइंस, इंडिया साइंस कांग्रेस, ट्रस्ट फ़ॉर एडवांसमेंट ऑफ एग्रीकल्चर साइंस, नेशनल नॉलेज नेटवर्क, प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, दूरदर्शन किसान जैसे कई प्रमुख संस्थानों के साथ जुड़कर कार्य किया है।

वर्ष 2017 में उन्होंने पटना स्थित बिहार पशु विज्ञान विश्वविधालय में कुलपति के पद पर योगदान दिया, उनके योगदान के बाद विश्वविद्यालय के विकास को बल मिला है, कई लंबित कार्यो को पूर्ण किया गया है साथ ही कई राष्ट्रीय शोध कार्य का निष्पादन उनके देख-रेख में किया जा रहा है, तकनीकी प्रगति और डिजिटल प्रक्रिया को लागु कर विश्वविद्यालय के कार्यो में तेजी लायी गयी है, विगत वर्ष में मात्स्यिकी महाविद्यालय किशनगंज में नियमित रूप से पहले सत्र का शुभारम्भ हुआ।

एग्रीकल्चर टुडे द्वारा आयोजित इस अवार्ड में देश के 14 प्रख्यात डेयरी वैज्ञानिक और पशु वैज्ञानिकों के एक दल ने ज्यूरी की भूमिका निभाईं।