राष्ट्रीय कामधेनु आयोग द्वारा आयोजित गो विज्ञान परीक्षा 25 फरवरी को - आयोग के साइट पर पंजीकरण  जारी

आयोग के अध्यक्ष  डॉक्टर वल्लभभाई कथीरिया ने कहा कि  इस अभियान में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जाएगा 

पशु संदेश, अहमदाबाद (गुजरात); 15 फरवरी 2021

डॉक्टर आर बी चौधरी

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग  ने भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड एवं मुंबई की अत्यंत लोकप्रिय संस्था - समस्त महाजन  के समन्वित  वेबीनार में  राष्ट्रीय कामधेनु आयोग द्वारा आयोजित गो विज्ञान परीक्षा  के आयोजन की  विधिवत तैयारी की  जानकारी दी  और बताया गया कि  25 फरवरी को  सुनिश्चित किए गए तिथि के अनुसार  कामधेनु गो विज्ञान प्रसार  अभियान के तहत  राष्ट्रीय स्तर पर  परीक्षा आयोजित की जा रही है । जिसमें  भारत सहित  कई देशों के  पशु प्रेमी एवं  गौ सेवक शामिल होंगे।  आयोग का मानना है कि  इस आयोजन के माध्यम से  देश में गौ संवर्धन- संरक्षण की  योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू किया जाएगा।  इस कार्यक्रम से  लोगों में  गाय के बारे में  सिर्फ रुचि ही नहीं  बढ़ेगी बल्कि  वैज्ञानिक तरीके से गोपालन का कार्य कर  गौशालाओं को समृद्ध बनाया जाएगा  तथा खेती- बाड़ी  के क्षेत्र में बढ़ती निराशा  को  दूर कर  खेती को अधिक  टिकाऊ एवं आमदनी देने वाला बिजनेस बनाया जाएगा।  इस कार्य से  आत्मनिर्भर भारत की  ही नहीं संकल्पना ही नहीं साकार होगी बल्कि  ग्रामीण भारत - समृद्ध भारत  का उदय होगा और  सामाजिक-आर्थिक  स्थिति में  व्यापक सुधार आएगा।  साथ ही साथ पर्यावरण संरक्षण का कार्य भी  चलता रहेगा।

वेबीनार  कार्यक्रम में  आयोग के अध्यक्ष डॉ वल्लभभाई कथीरिया  ने  गोपालन के विभिन्न  महत्व की चर्चा की  और बताया कि  टिकाऊ खेती के लिए  गौ संवर्धन  रामबाण है और  किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ गौशालाओं को  आय के  नए-नए  आयाम दे रहा है।  आयोग के  सघन कार्यक्रम से  देश भर के युवाओं में एक नए जोश का  संचरण हुआ है।  गांव से  गायब हो रहे  गोपालन व्यवस्था को  फिर से पुनः स्थापित कर रहे हैं।  इसलिए  इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच में ले जाना अति आवश्यक है।  इस कार्यक्रम में भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के  सदस्य गिरीश जयंतीलाल शाह ने बताया कि  आयोग को  भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के  मानद  जीव जंतु कल्याण अधिकारियों  की सेवाओं से  जोड़ने की जरूरत है  ताकि लोगों के बीच में अधिक से अधिक   पहुंचा कर  इस लक्ष्य का विस्तार किया जा सके।  उन्होंने   आयु को "वालंटियरस  नेटवर्क" बनाने की राय दी  और कहा कि इस तरह के कार्यप्रणाली को  स्थापित कर स्वयंसेवियों   के सहयोग एवं समर्थन  से बहुत कुछ किया जा सकता है । शाह ने  देश भर के पशु प्रेमियों से अपील किया कि  गो विज्ञान परीक्षा के बारे में अधिक से अधिक लोगों तक ले जाएं और  लोगों को शामिल होने के लिए प्रेरित करें  ताकि इस कार्यक्रम को  मूर्त रूप दिया जा सके।  उन्होंने डॉ वल्लभभाई कथीरिया के   प्रयास की सराहना की और कहा कि  आने वाले दिनों में  राष्ट्रीय कामधेनु आयोग  देशभर में एक आमूलचूल परिवर्तन लाएगा।  वेबीनार बैठक में बताया गया कि  25 तारीख को  किसकी परीक्षा होगी और 26 तारीख को इसका परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।  श्रेष्ठ  अंक पाने वाले  प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा ।

वेबीनार कार्यक्रम में  भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सचिव डॉ एस के दत्ता  ने गोधन के महत्व संबंधित कई महत्वपूर्ण आंकड़े सहित जानकारियां दी  और कहा कि  तमाम ऐसे देश हैं जहां की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए  गोधन का बहुत बड़ा योगदान है।  भारत की अर्थव्यवस्था भी गोधन पर आधारित है  इसलिए  नवसृजित  सरकारी कार्यक्रमों के सफलता के लिए  आम आदमी को सामने आना चाहिए  और उसका लाभ उठाना चाहिए।  उन्होंने कहा कि  मिट्टी की  उर्वरा शक्ति बनाए रखने के लिए  गोबर  के प्रयोग का  बहुत बड़ा महत्व है। इस कार्य में देसी पशुओं  का बहुत बड़ा योगदान है  क्योंकि  वह है घास-फूस खा कर के  गरीब किसान के घर   भी पल जाते हैं और अपनी  कई अमूल्य सेवाएंदेते हैं ।  अनादिकाल से दूध एक ऐसा  परिपक्व  भोजन है  जिसमें  शरीर के विकास के लिए सारे तत्व मौजूद होते हैं ।  इसलिए  माता के दूध के सामान रखने वाले गाय के महत्व को कभी नकारा नहीं जा सकता है।  इस कार्यक्रम को और  प्रखर बनाने के लिए  वैज्ञानिक विधियों का समावेश अत्यंत जरूरी है।  देश में ज्ञान-विज्ञान का निरंतर विकास हो रहा है।  बोर्ड के सचिव ने यह भी कहा कि  इस परीक्षा के आयोजन के बारे में  सभी जीव जंतु कल्याण अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है और उनसे कहा गया है कि  इसकी जानकारी लोगों तक पहुंचाएं  ताकि  लोग इसका फायदा उठा सकें।

राष्ट्रीय  कामधेनु आयोग के  मीडिया कोऑर्डिनेटर पुरिस   कुमार  ने बताया कि  गो विज्ञान  आज विज्ञान की कसौटी पर बिल्कुल खरा   उतर चुका है।  देशभर में ढेर सारे अनुसंधान किए जा चुके हैं  और धीरे-धीरे लोगों को  उसका फायदा मिल रहा है।  उन्होंने बताया कि गाय  एवं  उसके उत्पाद से संबंधित  गुणवत्ता पर  कई तरह के पेटेंट भी कराए जा चुके हैं ।  इस दिशा में  देश के कई  पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान  अनुसंधान संस्थानों ने  कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है  जिसे लोगों के बीच में ले जाने की परम आवश्यकता है।  आयोग के  सहयोगी सुनील कुमार ने  कामधेनु विज्ञान परीक्षा की  पंजीकरण प्रणाली को  बड़े ही सरल ढंग से समझाया और बताया कि  आयोग के साइट पर जाने के बाद सारी जानकारी एक के बाद एक  खुद ही होने लगती है।  किसी भी तरह की शंका समाधान के लिए आयोग कार्यालय से तत्काल संपर्क किया जा सकता है।  उन्होंने अपील किया कि लोग स्वयं अधिक पंजीकरण कर  दूसरे  अधिक से अधिक लोगों को  इस परीक्षा में शामिल करने के लिए प्रेरित  एवं सहायता करें।  कार्यक्रम का संयोजन कर रहे  मित्तल खेतानी  एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के  अजीत महापात्रा ने इस परीक्षा के महत्व पर   अपना-अपना विचार रखा।