पशुओं में सरण की समस्या

Pashu Sandesh, 08 MAy 2020

वैभव भारद्वाज1* और गौरव कुमार1

पशु का पिछ्ले पैरो को झटक के चलने को सरण कहते है। इसमे पशु कभी-कभी या लगातार पिछ्ले पैरो को झटका दे कर चलता है। यह समस्या किसी भी मौसम मे हो सकती है परंतु आमतौर पर सर्दियो के मौसम मे ज्यादा होती है। इस समस्या मे पशु के घुटने की हड्डी ऊपर चढ जाती है और वही अटक जाती है। जिसकी वजह से पशु को पैर मोढने मे दिक्कत आती है। इस समस्या मे पशु को ऊठने-बैठने मे काफी परेशानी होती है। कभी-कभी तो पशु को एकदम से ऊठ कर चलने के बाद पिछ्ले पैरो मे लगडांपन भी आ जाता है। अगर काफी लम्बे समय तक यह समस्या रहे तो पशु का खाना-पीना भी कम हो जाता है जिसकी वजह से पशु का दुध भी कम हो जाता है। बाद मे पशु के पिछ्ले पैरो के ख़ुर भी घिसने लगते है। यह समस्या पिछ्ले किसी भी पैर मे या दोनो पैरो मे हो सकती है।

सरण का कैसे पता लगाये:

  1. पशु का पिछ्ले पैरो को झटक के चलना
  2. काफी देर बैठने के बाद एकदम से ऊठ कर चलने मे पिछ्ले पैरो को झटक कर चलना 
  3. पिछ्ले पैर को बाहर की तरफ ख़ीच कर चलना
  4. पैर मे ख़िचाव कि वजह से ऊठने-बैठने मे दिक्कत होना
  5. सर्दियो के मौसम मे ज्यादा लगडेंपन की शिकायत होना 
  6. पिछ्ले पैरो के ख़ुर घिस जाना 

सरण का उपचार:

इस समस्या का उपचार एक छोटे से ऑपरेशन से ही होता है जो एक पशु चिकित्सक द्वारा ही किया जाता है। ऑपरेशन के दौरान पशु को एक तरफ लिटाया जाता है और जिस पैर मे समस्या होती है वो पैर निचे कि तरफ रख़ा जाता है। फिर पशु चिकित्सक घुटने के पास एक छोटा सा चीरा लगाता है और वहाँ का एक लिगामेंट काट देता है। ऐसा करने से घुटने की हड्डी वापिस नीचे आ जाती है‌। और चीरे वाली जगह पर एक या दो टॉके ही लगते है। ऑपरेशन के तुरंत बाद ही पशु सामान्य चलने लगता है। 

ऑपरेशन के बाद रख़े जाने वाली सावधानियॉ:

  • जख्म पर रोज दिन मे दो-तीन बार दवाई लगाना चाहिये
  • पशु चिकित्सक द्वारा बताये गये टीके लगवाने चाहिये
  • जख़्म को मिट्टी, पानी, गोबर और पिशाब से बचाना चाहिये
  • ऑपरेशन के 12-14 दिनो बाद ख़ाल के टाकें कटवाने चाहिये 

वैभव भारद्वाज1* और गौरव कुमार1  

1पशु शल्य चिकित्सा एवम् विविकरण विभाग, लाला लाजपतराय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार-125004 (हरियाणा)