Pashu Sandesh, 06 July 2020
एनिमल वेलफेयर के फील्ड प्रॉब्लम पर देश के प्रथम शोधकर्ता, भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के पूर्व अधिकारी, डॉ. आर.बी. चौधरी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रिय विषय गौ संवर्धन एवं गौशाला विकास को संचालित करने वाली संस्था "उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग" द्वारा सलाहकार नामित किया गया है। उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग अपने गरिमाऔर प्रतिष्ठा के मामले में गौ संरक्षण- संवर्धन और गौशाला विकास के लिए देश के अन्य प्रदेशों में संचालित गोसेवा आयोगों की सूची में प्रमुख स्थान रखता है। वर्तमान में आयोग कई नई योजनाओं का शुभारंभ करने का निश्चय किया है। उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग लावारिस गोवंश के लालन-पालन के लिए गौशालाओं के स्वाबलंबन पर पहले से ही कई महत्वाकांक्षी अभियान चला रहा है। यह बता दें कि डॉ. चौधरी पिछले 3 दशक से एनिमल वेलफेयर से संबंध रहे जिसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश से ही किया था और उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य भी रह चुके हैं।
डॉ.चौधरी पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय से पास आउट एक पशु पोषण विशेषज्ञ हैं और वह गो वंशीय पशुओं खिलाए जाने वाले वाले घटिया चारे को जैविक विधि से पौष्टिक बनाने की तकनीक पर एक महत्वपूर्ण शोध कार्य किया था जिसको विश्वविद्यालय ने एक महत्वपूर्ण शोर बताया था। पशु कल्याण के दिशा में डॉ. चौधरी आगरा विश्वविद्यालय, तमिलनाडु वेटरिनरी साइंस यूनिवर्सिटी एवं पीवीएनआर तेलंगाना स्टेट वेटरिनरी साइंस यूनिवर्सिटी के सहयोग से अपने डॉक्टरेट अनुसंधान में पाया कि गोवंशीय पशुओं को ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन देकर दूध उतारने के प्रभावों पर कार्य करें यह पता लगाया कि ऑक्सीटॉसिन इंजेक्शन देने के बाद प्राप्त दूध उपयोग के लायक नहीं रहता और अंधाधुन ऑक्सीटॉसिन इंजेक्शन लगाकर दूध दुहने के पशु न ही पशु प्रजनन योग्य भी रह जाते। डॉ चौधरी के अनुसंधान परिणाम को देखते हुए ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के चेयरमैन द्वारा पत्र लिखने के बाद ऑक्सीटॉसिन की बिक्री पर पाबंदी कर लगा दिया गया। डॉ. चौधरी भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड एवं द रॉयल सोसायटी फॉर द प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स (यूनाइटेड किंगडम) के साथ पशु कल्याण शिक्षा अधिकारी, बोर्ड के पत्रिकाओं के प्रधान संपादक- जनसंपर्क अधिकारी और सहायक सचिव जैसी विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहकर सेवाएं दे चुके हैं। गत 30 वर्षों से उन्होंने लगातार एनिमल वेलफेयर में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कुछ समय के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा संचालित पशु कल्याण के राष्ट्रीय संस्थान के फैकल्टी हेड के रूप में भी सेवाएं दिया है।
पशु कल्याण अनुसंधान, शिक्षा और संचार के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें कृषि विज्ञान परिषद पुरस्कार (1982), ऋषभ पुरस्कार (2001), एनिमल वेलफेयर फ़ेलोशिप अवार्ड (2004), अमेरिकन बायोग्राफिकल इंस्टिट्यूट के रिसर्च बोर्ड ऑफ एडवाइजर्स में सदस्य और न्यूज़पेपरस एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया का अचीवमेंट अवार्ड(2013) के सम्मान से नवाजा जा चुका है। डॉ. चौधरी वर्तमान में एनिमल पर पुस्तक लेखन में संलग्न हैं और पशु कल्याण पर प्रकाशित लोकप्रिय पत्रिका "एनिमल वेलफेयर"का संपादन कर भी रहे हैं जो पशु प्रेमियों का पसंदीदा प्रकाशन है। डॉ. चौधरी राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संस्था- "समस्त महाजन" के भी मीडिया और एजुकेशन एडवाइजर है।