डॉ.वल्लभभाई कथिरिया ने साझा किए अपने अनुभव: गौसंरक्षण पर देश की पहली बैठक

पशु संदेश, 13th March 2019

डॉ आर .बी. चौधरी

ग्वालियर (मध्य प्रदेश) राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के नए नियुक्त अध्यक्ष, डॉ वल्लभभाई कथीरिया ने हाल ही में ग्वालियर में आयोजित गौशाला प्रतिनिधियों की बैठक में शरीक हुए। जहां गौशाला में रोजमर्रा की समस्याओं और चुनौतियों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। मध्य प्रदेश में गौशाला विकास मिशन के एक व प्रतिनिधि डॉ. के.पी. सिंह भदौरिया ने कहा कि गौशाला विकास का गुजरात मॉडल आज जगह-जगह चर्चा का विषय बना हुआ है।इस पद्धति को अपनाए जाने संबंधित प्रमुख बिंदुओं पर डॉक्टर कथिरिया ने अपने अनुभव को साझा किया। अनेक प्रतिभागी गायों और उनकी संतानों के संरक्षण, संवर्धन और विकास के विभिन्न मुद्दों पर अपने प्रश्नों का समाधान ढूंढा ।

इस पाठक में डॉ. कथीरिया ने गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए देसी नस्लों के विकास, पंचगव्य दवाओं के उत्पादन और विपणन, जैविक खेती अन्न उत्पादन आदि के मुद्दों चर्चा के केंद्र थे। डॉ. कथीरिया ने कहा कि यह राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के चेयरमैन के रूप में ग्वालियर का आगमन उनकी पहली सरकारी यात्रा थी। उन्होंने बताया कि गौशाला प्रतिनिधियों की यह बैठक अत्यंत रोचक रही । कार्यक्रम का आयोजन मध्य प्रदेश के विभिन्न पशु कल्याण संगठनों और गौशालाओं के प्रतिनिधियों के द्वारा किया गया था जिसमें आर.के. मिशन, सेंट्रल जेल, नगर निगम आदर्श गौशाला , ग्वालियर के केशव गौशाला आदि शामिल हुए।

डॉ.भदोरिया ने बताया कि भारत सरकार ने “पशुपालन और पशुपालन विभाग ,कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय , भारत सरकार के तहत कार्यरत राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का गठन अभी हाल में ही किया है जो ग्रामीण समृद्धि एवं कृषकों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए गायों और उनकी संतानों के संरक्षण, संवर्धन और विकास के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने बताया कि यह आयोग आज देश के जाने-माने गौशाला विशेषज्ञ, डॉ. वल्लभभाई कथिरिया को आयोग के चेयरमैन नियुक्त कर गोवंश पशु के संवर्धन की बहुत बड़ी जिम्मेदारी रखी है। ज्ञात रहे संसद में बजट पेश करने के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में गायों और उनकी संतति संवर्धन के लिए राष्ट्रीय कामधेनुयोग की स्थापना करने की घोषणा की थी।

डॉ. वल्लभभाई कथीरिया, गौसेवा और गौचर विकास बोर्ड, गुजरात के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व मंत्री को अयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। डॉ कथीरिया सौराष्ट्र में एक प्रसिद्ध कैंसर सर्जन हैं। वे बचपन से ही आरएसएस के स्वयं सेवक हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में विभिन्न क्षमता में कार्य करते हैं। 126 से अधिक बार रक्त दान करके या जन और वर्ग, ग्रामीण और शहरी, गरीब और कुलीन वर्ग के बीच काम करके सेंचुरियन ब्लड डोनर के रूप में उनका काम और योगदान हमेशा बकाया रहा है, राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में स्वच्छ और स्वच्छ छवि रखने वाले 100 गैर सरकारी संगठन और सामाजिक संगठन। शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक क्षेत्रों के क्षेत्र में। गरीबों के आर्थिक उत्थान और दलितों के उत्थान के लिए। उन्होंने जल संचयन, पर्यावरण संरक्षण, ग्रामीण विकास और गौसेवा के क्षेत्र में कई स्थलों को स्थापित किया है।

यहां डॉ. वल्लभभाई कथीरिया के बारे में बताना अति आवश्यक है। डॉक्टर कथिरिया चार बार राजकोट से लोक-सभा (1996-2009) के सीटों से विजई होकर सबसे लोकप्रिय सांसद रहे हैं । उन्होंने स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी सरकार (1999-2004) राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया है।अटल बिहारी सरकार में उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम ,मानव संसाधन , स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग में राज्य मंत्री थे। यह भी बताया कि ग्वालियर स्थित जेल गौशाला का भी उन्होंने भ्रमण किया और बताया कि इस प्रयोग को पूरे देश में अपनाया जाएगा। इससे जहां स्थानीय नस्ल को बढ़ावा बढ़ावा मिलेगा वहीं गौशालाओं की बुनियादी आवश्यकताएं स्वतः पूरा होगी तथा संलग्न कैदियों की चिंतन धारा में भी परिवर्तन आएगा जो कि एक बहुत बड़ी सफलता होगी।

आदर्श नगर निगम गौशाला का दौरा करने के बाद डॉ. कथिरिया ने आत्मनिर्भरता के साथ शहर के इलाकों में आवारा गायों की समस्या को हल करने के लिए शहरी नगरपालिका क्षेत्र में इस तरह के मॉडल के बारे में गौशाला प्रतिनिधियों को अवगत कराया। चेयरमैन ने विभिन्न धार्मिक संगठनों से आग्रह किया कि वे अपने प्रतिष्ठानों के माध्यम से सार्वजनिक शिविरों का आयोजन करें ताकि समाज के इच्छुक लोग इसमें शामिल हो सके।