पशु संदेश , 22 अगस्त 2018
डॉ सुनील राजोरिया, डॉ संजय कुमार रेवानी, डॉ विरेन्द्र सिंह, डॉ मनीषा सिंगोदिया
प्रस्तावना:
भारत जैसे भौगोलिक विविधताओं वाले देश मे मुख्यतः सूखा, बाढ़, भूकंप और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाएं न केवल मानव जीवन अपितु पशुधन के समक्ष भी प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से चुनौतियाँ पेश करती आई है। बाढ़ के कारण खाद्य पदार्थो की कमी, पौधों की विषाक्तता, निर्जलीकरण, संक्रमण तथा बीमारियों जैसी अनेको समस्याओं से गाय, भैंस, बकरी, भेड़, मुर्गी, सुकर और पशुपालको को विभिन्न तरह की मुश्किलों पैदा होती है, जिनके कारण इन्सान अपने पशुधन पर ध्यान नहीं दे पाता है। इन प्राकृतिक आपदाओं की वजह से देश को आर्थिक वरन करोडो पशुपालको को पशुधन क्षति एवं अल्प उत्पादन से करोड़ों का नुकसानो का सामना करना पड़ता है। अत: बाढ़ के दौरान पशुपालको को आर्थिक नुकसान से बचने के लिए पशुओं की देखभाल पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
बाढ़ के कारण:
अत्यधिक बारिश, जल निकासी का उचित प्रबंध न होने पर, पहाड़ी क्षेत्रों में असामान्य बारिश, बांध एवं तट बंधुओं का टूटना, बादल फटना तथा सुनामी आदि बाढ़ आने के मुख्य कारण है।
बाढ़ के दौरान प्रबंधन:
बाढ़ के बाद प्रबंधन:
बचाव एवं रखरखाव:
सारांश:
प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, तूफान एवं चक्रवात आदि के लिए मौसम विज्ञान द्वारा नजदीकी सटीकता के साथ भविष्यवाणी की जाती है जिनके आधार पर मानव कल्याण हेतु एक आपातकालीन कार्य योजना तैयार की जा सकती है।
एक आपातकालीन कार्य योजना किसी आपात स्थिति के दौरान पशुधन का प्रबंधन करने में मदद कर सकती है, जिससे आपातकालीन घटना के बाद शुरुआती चरणों में स्वच्छ पानी, उपयुक्त चारा और एक सुरक्षित वातावरण को प्राथमिकता देने में मदद मिलती है इसलिए पूर्व-नियोजित योजनाओं के आधार पर पशु पालको और उनके पशुओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए बेहतर परिणाम हो सकता है इसलिए किसी घटना की बेहतर तैयारी के माध्यम से नुकसान से बचा जा सकता है।
Dr. Sunil Rajoria, Dr. Sanjay Kumar Rewani, Dr. Virendra Singh. Dr. Manisha Singodia
Dr. Sunil Rajoria, Teaching Associate, Veterinary University Training & Research Center, Dungarpur (Rajasthan)
Dr. Sanjay Kumar Rewani, Assistant Professor, Post Graduate Institute of Veterinary Education and Research, Jaipur (Rajasthan)
Dr. Virendra Singh, Teaching Associate, Veterinary University Training & Research Center, Dungarpur (Rajasthan)
Dr. Manisha Singodia, Assistant Professor, Mahatma Jyotiba Fule Veterinary College, Jaipur (Rajasthan)
Corresponding Auther: Dr. Sunil Rajoria
Rajoriasunil22@gmail.com