राजस्थान के पथमेड़ा गौशाला की रजत जयंती महोत्सव में गौ सेवकों का जनसैलाब उमड़ा

राजस्थान के मुख्यमंत्री सहित एक लाख से अधिक गौ गौ सेवकों को ठहरने की व्यवस्था की गई- समस्त महाजन के संस्थापक ट्रस्टी गिरीश जयंतीलाल शाह को "कामधेनु कल्याण पुरस्कार"

पशु संदेश, सांचौर(राजस्थान):2 नवंबर 2019

रिपोर्ट:डॉ आर बी चौधरी

राजस्थान में स्थित पथमेड़ा की गौशाला पूरे देश के लिए एक मिसाल है।इस माह के प्रथम सप्ताह में पथमेड़ा की गौशाला के संचालक स्वामीदत्त शरणानंद जी इस साल की गोपाष्टमी का आयोजन बड़े ही भव्य ढंग सेआयोजित कर रहे हैं।आयोजन समिति के के अनुसार श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा रजत जयंती समारोह ,2019 का आयोजन जा रहा है जहां परगौ संरक्षण संवर्धन में संलग्न तकरीबन एक लाख से अधिक की भीड़ इकट्ठा होने की संभावना है।इस अवसर पर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता स्वयंसेवी संस्था-समस्त महाजनके मैनेजिंग ट्रस्टी गिरीश जयंतीलाल शाह,सदस्य- भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड भी शरीक हुए और शाह के उल्लेखनीय योगदान एवं उपलब्धियों से प्रभावित होकर आयोजन समिति के ओर से पथमेड़ा गौशाला के संस्थापक स्वामी दत्त शरणानंद नेगिरीश जयंतीलाल शाह को "कामधेनु कल्याण पुरस्कार-2019" से सम्मानित किया।समस्त महाजन ने आयोजन समिति इस सम्मान के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि गौ सेवा मेंएक नई संस्कृति पैदा करने वाले पथमेड़ा के स्वामी जी का यह आशीर्वाद है।समस्त महाजन इस दिशा में अपने लगन- निष्ठा के साथ गौ संरक्षण संवर्धन के लिएकार्य करेगी।

गिरीश जयंतीलाल शाह  ने बताया कि स्वामी दत्त शरणानंद जी के मार्गदर्शन  में राजस्थान के सांचौर जिले में स्थित पथमेड़ा गौशाला तथा उसकी अन्य शाखाओं में कुल 50,000 से ज्यादा गोवंश की देख-रेख की जाती है। यह गौशाला देश की सबसे बड़ी गौशाला है ।  राजस्थान की गोपालन  संबंधी कठिनाइयों और चुनौतियों  को मद्देनजर रखते हुए स्वामी जी के मार्गदर्शन में एक  आठ दिवसीय विराट गो महोत्सव का आयोजन किया गया है।शाह ने  प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि इस महोत्सव में मुझे  शरीक होने का अवसर प्राप्त हुआ  जिसके लिए मैं अत्यंत आभारी हूं। इस अवसर पर मुझे आयोजन समिति की ओर स्वामी जी ने सम्मानित किया। यह मेरा परम सौभाग्य है। उन्होंने आगे बताया कि इस महोत्सव में देश भर से हजारों गौ सेवक एवं गौशाला संचालक  शरीक हुए हैं। 4 नवंबर  2019 को  आयोजित गोपाष्टमी कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्य मुख्यमंत्री भी शरीक होंगे।इस आयोजन में एक लाख  से अधिक गौ सेवकों को शरीक होने की  संभावना है। 

गौ सेवा के इस आयोजन से यह बात  अब बिल्कुल साफ हो गया है कि राजस्थान में गौ संवर्धन- संरक्षण से लोगों में बहुत अधिक जागृति  आएगी  जिससे अधिक से अधिक पशुओं को प्राकृतिक आपदा एवं अकाल  इत्यादि विपदा से से बचाया जा सकेगा।इस  महोत्सव से  होने वाली जागृति का असर सिर्फ राजस्थान नहीं बल्कि पूरे देश में पड़ेगा। जिसका नतीजा होगा कि देश भर की गांव-गांव में संचालित छोटी-छोटी गौशालाओं के माध्यम से बेसहारा पशुओं को रखने का अभियान चलेगा।अधिकांश लोगों को यह पता नहीं होगा कि  राज्य में अकेले 2,500 से अधिक गौशाला संचालित की जाती है। बड़े गर्व की बात  है कि राजस्थान के पावन- पवित्र धरती पर महाजन परंपरा  गौरवान्वित है जिसकी महिमा है कि  राजस्थान के जनजीवन में जीव दया, करुणा एवं पशु कल्याण की भावना कूट-कूट भरी है।राजस्थान की धरती पर पुरुषार्थ को उजागर करता हुआ स्वामी जी और उनके  सानिध्य में सभी संतो के प्रयास से ही  गौ संरक्षण संवर्धन पर इतना बड़ा आयोजन  संभव हो पाया है जो अंधेरे में एक उजाले का स्रोत है।

मूलतः गुजरात में जन्मे और मुंबई अपनी कमधस्थली बनाने वाले गरीश जयंतीलाल शाह पेशेवर व्यवसाई हैं किंतु,अपने जीवन दिनचर्या की शुरुआत और समापन सामाजिक सरोकारों पर आधारित कायों से करते है ।आप इसी में जीते हैं और इसी में बसते हैं। प्रकृति ,मनुष्य एवं पर्यावरणके चुनौतियों को सुलझाने में खोए रहने वाले गिरीश जी कई जाने-माने मानवतावादी विचारधारा के अनुयायियों के साथ में "समस्त महाजन" नामक एक स्वयंसेवी संस्था की स्थापना  किया है ।यह संस्था जीव दया के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण ,ग्रामीण विकास ,पशु कल्याण,गौ संरक्षण - संवर्धन के साथ-साथ जल संरक्षण पर अत्यंत समर्पित भाव से काम कर रही है। गिरीश जयंतीलाल शाह के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में समस्त महाजन संस्था कई उल्लेखनीय उपलब्धियों को देखते हुए भारत सरकार ने राष्ट्रीय पुरस्कार-" प्रियदर्शनी वृक्ष तमत्र अवार्ड(2005)"से नवाजा है।इसी क्रम में संस्था ने महाराष्ट्र में जल संरक्षण के उल्लेखनीय उपलब्धियों को देखते हुए "पानी फाउंडेशन" के श्रेष्ठ पुरस्कार "सत्यमेव जयते वाट्र कप अवॉर्ध (2016)" तथा जीव दया करुणा एवं पशु कल्याण के तदशा में प्रशंसनीय कार्य हेतु "जीव रत्न अवार्ड(2012)"से से भी सम्मानितकिया जा चुका है।

इतना ही नहीं पर्यावरण संरक्षण, गौ सेवा , जीव दया एवं पशु कल्याण के दिशा में गिरीश जी के लगन ,निष्ठा एवं समर्पण को देखते हुए केंद्र सरकार ने भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया है।जीव दयाएवं पशु कल्याण शाह जी के जीवन का अब मूल मंत्र बन गया है।तन मन से वह ग्रामीण लोक- संस्कृति,कुदरती व्यवस्था तथा लोगों की खुशहाली के लिए कटिबद्ध हैं।ग्रामीणअर्थव्यवस्था के लिए चिंतित शाहजी ऋषि- कृषि या  पारंपररक खेती के तौर-तरीकों को फिर से जागृत करने के लिए गोवंश आधारितग्रामीण विकास के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चला रहे हैं। अपने संस्था के अभियान के जरिए सभी जीव जंतु के संरक्षण, कल्याण का काम करना,गौशाला जैसी संस्थाओं को स्वावलंबी बनाना,जन जागृति एवं प्रशिक्षण,प्राकृतिकआपदाओं में पशुओं तथा पीड़ित लोगों की सहायता करना,आम आदमी को जल संरक्षण के लिए जागृत करना एवं जल बचाना इत्यादि समस्याओं को लेकर आम आदमी के बीच में जाना और उनके बीच में काम करना  अपना प्रमुख लक्ष्य बना लिया है।

रिपोर्ट:डॉ आर बी चौधरी

(विज्ञान लेखक एवं पत्रकार,मीडिया हेड एवं प्रधान संपादक-एडब्ल्यूबीआई,भारत सरकार)