गौ संरक्षण संवर्धन रोजगार ढूंढने वालों को  वैज्ञानिक जानकारी मिलेगी - डॉ कथीरिया

कामधेनु गौ-विज्ञान जन जागृति के लिए  परीक्षा का आयोजन

पशु संदेश, नई दिल्ली 7 जनवरी 2021 

डॉ.आर.बी.चौधरी

भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का गठन 21 फरवरी 2019 किया गया था जिसके तहत देसी नस्ल की गायों और उनकी संतति के संरक्षण, संवर्धन और सुरक्षा के लिए कार्यक्रम संचालित किया जा सके।  राष्ट्रीय कामधेनु आयोग नीति का निर्माण करने  और गाय से सम्बंधित योजनाओं के कार्यान्वयन को दिशानिदेश देने के लिए अच्छा अधिकार प्राप्त स्थायी निकाय है जिससे तहत  लघु और सीमान्त किसानों, युवाओं, महिलाओं के आजीविका सृजन पर अधिकसे अधिक जोर दिया जा सके। इससे  गौ संरक्षण संवर्धन से रोजगार ढूंढने वालों को वैज्ञानिक जानकारी मिलेगी ।

आयोग के अध्यक्ष ,पूर्व सांसद एवं केंद्रीय मंत्री डॉक्टर बल्लभ भाई कठेरिया ने बताया कि अपने आरंभिक काल में ही राष्ट्रीय कामधेनु आयोग गायों की आर्थिक, स्वास्थ्य और पर्यावरणीय महत्ता को जनता के बीच में पहुंचाने में सफल रहा है।  दूध के अलावा गोमय और गोमूत्र जो आसानी से सुलभ और पर्यावरण के अनुकूल हैं, उनका धन कमाने के लिए व्यवहारिक उपयोग कर के आर्थिक प्रगति में सुचारु प्रयोग किया जा सकता है।  राष्ट्रीय कामधेनु आयोग द्वारा चलाये गए अभियान  - गोमय गणेश , कामधेनु दीपावली, कामधेनु देव दीपावली एवं सेमिनार, वेबिनार और प्रशिक्षण श्रृंखलाओं के माध्यम से  गोमय और गोमूत्र की आर्थिक और सामाजिक उपयोगिता जन जन तक प्रभावी ढंग से पहुंचाने में कामयाब रहा है।

जनचेतना एवं जागृति के लिएराष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने यह निर्णय लिया है कि सभी विश्व विद्यालयों में कामधेनु चेयर की स्थापना की जाएगी जिसका आरम्भ हो गया है इस संबंध में देश भर के तमाम विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और शिक्षाविदों में काफी उत्साह है। विद्यार्थियों , युवा पीढ़ी एवं जन जन तक देशी गायों के सर्वांगीण महत्व को पहुंचाने के लिए , इस बारे में लोगों को पढ़ने और सही जानकारी जुटाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य के साथ राष्ट्रीय कामधेनु आयोग कामधेनु गौ विज्ञान परीक्षा का आयोजन करने जा रहा है। देशी नस्ल की गायों के बारे में जो जानकारी जान समुदाय तक होनी चाहिए वो सब एवं इस विषय में उत्सुकता जगाने की दिशा में, शोध कार्यो के लिए प्रेरित करने की दिशा में और गायों के माध्यम से आमदनी कैसे की जा सकती है इसकी सही जानकारी देने की दिशा में ये एक प्रभावी कदम होगा।  जो गाये दूध नहीं देती उनके भी समुचित आर्थिक उपयोग को गौ पालक एवं समाज तक पहुंचाने में उपयुक्त वातावरण का निर्माण करने में सहायक होगा।

आयोग अध्यक्ष ने यह बताया कि कामधेनु गौ विज्ञान प्रचार प्रसार परीक्षा से जुडी महत्त्वपूर्ण बातें राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की वेबसाइट kamdhenu.gov.in और kamdhenu.blog और सोशल मीडिया पे जारी की जाएगी। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिएवेबसाइट पर विजिट किया जा सकता है । आयोग का कहना है कि यह परीक्षा चार श्रेणियों के परीक्षार्थियों में विभाजित होगी।

इस परीक्षा में कक्षा 8वीं से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थी भाग ले सकेंगे । साथ ही संस्था के लोगों तथा आम आदमी के लिए भी इस परीक्षा की व्यवस्था की गई है। हिंदी अंग्रेजी के अलावा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी परीक्षा काप्रारूप तैयार किया गया है ।परीक्षा का कोई शुल्क नहीं है और परीक्षा की पाठ्यक्रम,अध्ययन सामग्री इत्यादि सुविधाएं ऑनलाइन मुहैया कराई जाएंगी । इस परीक्षा को पास करने के बाद पुरस्कार और  प्रमाण पत्र प्रदान किए जाने का प्रावधान रखा गया है ।

डॉक्टर कथीरिया ने यह भी बताया कि कामधेनु गौ विज्ञान प्रचार प्रसार परीक्षा भविष्य में कामधेनु आयोग द्वारा  वार्षिक रूप से आयोजित की जाएगी।  आशा है कि कामधेनु गौ-विज्ञान परीक्षा स्वदेशी गाय के विज्ञानं के बारे मे आम आदमी में रुचि पैदा करने और प्रेरणा देने का एक लंबा रास्ता तय करेगी। न केवल किसान और गोपालक बल्कि शिक्षित युवाओं, महिलाओं और उद्यमियों द्वारा भी इसके लाभ को समझ कर देश की आर्थिक समृद्धि का वाहक बनेगी ।  यह  हरित भारत, डिजिटल भारत, स्वच्छ भारत,  स्वस्थ भारत आदि  माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी की अवधारणाओं के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्यों को भी पूरा करेगा।