आईवीआरआई में मनाया गया विश्व पशु चिकित्सा दिवस

पशु संदेश, लखनऊ। 2 मई

विश्व पशु चिकित्सा दिवस पर भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान आईवीआरआई में आयोजित गोष्ठी के मौके पर भारत सरकार में स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के पूर्व सचिव तथा भारतीय औषधि अनुसंधान परिषद आईसीएमआर के पूर्व महानिदेशक डॉ विश्व मोहन कटोच ने पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि हमें अपना स्वास्थ्य अच्छा रखना चाहते हैं तो हमें बेक्टीरियल,वायरल ,प्रोटोजोअल,पेरासिटिक तथा फूड बार्न रोगों पर नियंत्रण करना होगा,तभी मानव एवं पशु स्वास्थ्य रह सकते हैं। इस अवसर पर शेरे.ए.कशमीर कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,जम्मू के पूर्व कुलपति डॉ.नागेन्द्र शर्मा ने पशुचिकित्सा एवं मानव चिकित्सा से जुड़े चिकित्सकों में तालमेल पर जोर दिया देते हुए कहा कि आज के परिवेश में अधिकतर बीमारी पशुओं से मानव में प्रवेश कर रही हैं।
आईवीआरआई के निदेशक डॉ. आरके सिंह ने अपने उदबोधन में बताया कि आईवीआरआई से रिंडरपेस्ट और ग्लैंडरस बीमारीयों का उन्मूलन किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त अन्य कई रोगों के उन्मूलन पर भी कार्य किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में सेन्ट्रल एवियन रिसर्च इनसिटयू्रट के निदेशक डॉ जगमोहन कटारिया समेत एसआरएमएस मेडिकल कालेज, रुहेलखण्ड मेडिकल कालेज के डाक्टर्स एंव साइंटिस्ट तथा आईवीआरआई के फेक्लटी मेम्बरस और छात्र उपस्थित रहे।
पशुओं का परीक्षण किया
आईवीआरआई के पॉलीक्लीनिक में विश्व पशुचिकित्सा दिवस पर लगाए गए कैंप में 235 पशुओं का परीक्षण एंव उपचार किया गया। इस अवसर पर पशुओं को रैबीज के टीके भी लगाए गए। इसके अलावा इस मौके पर विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे फोटोग्राफ्री, पेंटिंग, रंगोली आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।

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