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श्रीराम ताठे, एन. के. बजाज, एस.एस. माहोर, मधु शिवहरे, कुणाल, अंकिता, तन्मय, शालिनी, मधुर रोहित
मादा प्रजनन एवं प्रसूति विभाग, पशु चिकित्सा एवं पशु पालन महाविद्यालय, महू
गाय के गर्मी में आने का समय उस अवधि के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसके दौरान वह अपने झुंड के साथियों या बैल की सवारी के लिए खड़ी रहती है। यह हर 18-24 दिनों में होता है गाय-भैंसों से अधिक बछड़े प्राप्त करने और दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए सही समय पर गर्भाधान कराना आवश्यक है। इसके लिए पशुओं में हीट (उष्मा) की सही पहचान बहुत ज़रूरी है।
हीट की पहचान के लक्षण और तरीके:-
कृत्रिम गर्भाधान करने का सही समय
हीट शुरू होने के 12 से 18 घंटे बाद कृत्रिम गर्भाधान कराना सबसे उपयुक्त माना जाता है। यदि सही समय पर गर्भाधान न कराया जाए तो गर्भ ठहरने की संभावना कम हो जाती है।
किसानों के लिए आसान सुझाव
अपने पशुओं को दिन में दो बार, सुबह और शाम, करीब से देखें।
हीट के समय पशु अधिक चंचल और उत्साहित दिखाई देते हैं।
जननांग से निकलने वाले हल्के श्लेष्मा और बार-बार रंभाना हीट के संकेत हैं।
किसी भी संदेह में तुरंत पंजीकृत पशु चिकित्सक से संपर्क करें।
रिकॉर्ड रखें: किस दिन हीट शुरू हुई और गर्भाधान किया गया। इससे भविष्य में बेहतर प्रजनन योजना बनाई जा सकती है।
स्वस्थ और पर्याप्त पोषण पशुओं को हीट के समय सक्रिय बनाता है, इसलिए अच्छे आहार का ध्यान रखें।
निष्कर्ष
हीट की सही पहचान और समय पर कृत्रिम गर्भाधान करना गाय-भैंसों की प्रजनन क्षमता और दूध उत्पादन दोनों के लिए आवश्यक है। किसानों को चाहिए कि वे नियमित निगरानी रखें और पशु चिकित्सक की सलाह से हीट का सही समय पहचान कर गर्भाधान कराएँ।