सर्दियों में पशुओं की देखभाल कैसे करें
Pashu Sandesh, 05 Dec 2025
राहुल चौरसिया , मधु शिवहरे
सहायक प्राध्यपक, पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालाया , महू
भारत में सर्दियाँ कई क्षेत्रों में अत्यधिक ठंडी और कोहरे वाली होती हैं, जो पशुओं के स्वास्थ्य, उत्पादन और वृद्धि पर सीधा असर डालती हैं। तापमान गिरने से दूध उत्पादन कम होना, जानवरों का सुस्त होना, भूख में कमी और श्वसन संबंधी रोग आम हो जाते हैं। ऐसे में पशुपालकों के लिए जरूरी है कि वे समय रहते समुचित प्रबंधन करें। इस लेख में सर्दियों में पशुओं की देखभाल के सभी पहलुओं को विस्तार से समझाया गया है
- पशुओं के लिए गर्म और सुरक्षित आश्रय (Shelter Management)
- शेड को ठंडी हवा से बचाएँ - सर्द हवाएँ और कोहरा पशुओं में निमोनिया, खांसी और जुकाम का बड़ा कारण बनते हैं।
- शेड के उत्तर और पश्चिम दिशा को बंद रखें, क्योंकि अधिकतर ठंडी हवा यहीं से आती है।
- शेड की दीवारों में दरारें हों तो भरवाएँ।
- बांस की चटाई, प्लास्टिक शीट या तिरपाल लगाकर हवा रोकने की व्यवस्था करें।
- सूखी और मुलायम बिछावन की व्यवस्था
- फर्श पर भूसा, सूखी घास, लकड़ी की बुराद या रबर मैट बिछाएँ।
- गीली बिछावन बैक्टीरिया बढ़ाती है, इसलिए रोजाना साफ रखें।
- छत और फर्श का तापमान नियंत्रित रखें
- टीन की छत ठंडा करती है—ऊपर सूखी घास, भूसे के बोरे या थर्मल शीट रखें।
- कंक्रीट फर्श ठंडा होता है, इसलिए मोटी बिछावन अनिवार्य है।
- पौष्टिक आहार और चारे का सही प्रबंधन (Winter Feeding Management)
- सर्दियों में शरीर गर्म रखने के लिए पशुओं की ऊर्जा की मांग 20–30% तक बढ़ जाती है
- हरे चारे की कमी का समाधान - सर्दियों में हरे चारे की उपलब्धता कम हो जाती है।
- सिलेज, हाइड्रोपोनिक चारा, सुखा चारा + कंसंट्रेट का मिश्रण प्रयोग करें।
- मेथी, बरसीम, जई और मिश्रित हरे चारे का उपयोग सबसे उपयुक्त है।
- गुनगुना पानी पिलाना क्यों जरूरी है? - ठंडा पानी पीने से पशुओं के शरीर का तापमान अचानक गिरता है और वे कम पानी पीते हैं।
- दूध देने वाले पशुओं को दिन में 3–4 बार गुनगुना पानी पिलाएँ।
- नवजात और कमजोर पशुओं के लिए यह और भी महत्वपूर्ण है।