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पशु संदेश, 20 जुलाई 2022
गोधन न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार पशुपालकों से अब तक 150 करोड़ रुपए से अधिक का गोबर खरीद चुकी है| आज से ठीक दो वर्ष पूर्व 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व के दिन छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना की शुरुआत की थी | इस योजना के तहत सरकार राज्य के पशुपालकों से 2 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीद रही है| खरीदे गए गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद बनाया जाता है, जिसके बाद किसानों को कम दाम पर जैविक खाद उपलब्ध कराई जाती है | ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने तथा जैविक खेती को बढ़ावा देने के मकसद से शुरू की गई ये योजना देश के लिए एक नजीर है |
इस योजना के माध्यम से सरकार पशुपालकों और किसानों से गौठानों पर दो रुपये प्रति किलो की दर से गोबर खरीदती है। गोठान में महिला स्वयं सहायता समूह के द्वारा इस गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद, गोबर के दीये, अगरबत्ती, गुलाल व अन्य उत्पाद बनाये जाते हैं | इन उत्पादों को उचित दर पर स्थानीये बाजार में बेचा जाता है | सरकार द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 8 हजार से अधिक गौठान संचालित हो रहे हैं, जिनमें 3 लाख से अधिक पशुपालक पंजीकृत हैं | इन गोठनों के माध्यम से सरकार अब तक 150 करोड़ रुपय मूल्य का 75 लाख कुंटल गोवर खरीद चुकी है | राज्य में अब तक 10,665 गौठान स्वीकृत किए जा चुके हैं, तथा राज्य सरकार ने चरणबद्ध रूप से गौठानों का विस्तार करते हुए प्रदेश की सभी 11630 ग्राम पंचायतों और सभी 20 हजार गांवों में गौठान निर्माण का लक्ष्य रखा है |
देश की अपने तरह की पहली गोधन न्याय योजना से कृषि लागत में कमी आयेगी और कृषि भूमी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी । इसके अतिरिक्त इस योजना से खुले में चराई की प्रथा पर रोक भी लगेगी, जिससे फसलों की सुरक्षा सुनिशित होगी | इस योजना से पर्यावरण में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी बड़े बदलाव की उम्मीद है |