प्रसिद्ध गौशाला स्कॉलर गिरीश जे. शाह एडब्लूबीआई का दोबारा सदस्य बने

Pashu Sandesh, 03 June 2023

चेन्नई (तमिलनाडु): डॉ. आर.बी चौधरी

देश केजाने-माने पशु कल्याण और गौशाला विकास स्कॉलर, श्री गिरीश जयंतीलाल शाह, जो एक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता पशु कल्याण संगठन (एडब्ल्यूओ) - "समस्त महाजन" के प्रबंध न्यासी भी हैं , को एक बार फिर केंद्र सरकार ने भारतीय पशु कल्याण बोर्ड(एडब्ल्यूबीआई) के सदस्य के रूप में नामित है । श्री शाह देशभर के तमाम एडब्ल्यूओ(संस्थाओं) को वित्तीय और तकनीकी सहायता देकर देश में सैकड़ों गौशालाओं और पशु कल्याण संगठन के संरक्षक की भूमिका निभा रहे हैं। समस्त महाजन देश में एकमात्र संगठन है जो हर साल लगभग ₹30 - 40 करोड़ की धनराशि दान करता है ताकि गौशाला को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। इसके लिए उनकी संस्था समस्त महाजन साल भर में लगभग 3-4 राष्ट्रीय स्तर की प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है। श्री शाह के उल्लेखनीय कार्यों को देखकर उन्हें पशु कल्याण और गौशाला विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दर्जनों राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से विभूषित किया जा चुका है। देशभर के कई पशु कल्याण कार्यकर्ताओं ने उन्हें एडब्ल्यूबीआई का सदस्य के रूप में फिर से केंद्र सरकार द्वारा नामित के लिए उन्हें बधाई दी है।

पशु कल्याण विज्ञान पर प्रकाशित लोकप्रिय पत्रिका "पशु मित्र" से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि एडब्ल्यूबीआई मत्स्य पालन, पशु पालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कार्य करता है। यह नामांकन जीव जंतु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 (1960 का 59) की धारा 4 की उपधारा (1) तथा धारा 5ए के तहत किया गया है। केंद्र सरकार ने एडब्ल्यूबीआई के लगभग पूर्व कार्यरत सभी सदस्यों को फिर से नामांकित किया है जिसमें श्री राजीव गुप्ता, सेवानिवृत्त आईएएस; प्रोफेसर (डॉ) आर एस चौहान; वैद्य (डॉ.) हितेश जानी; श्री सुनील मानसिंहका; श्री राम किशन रघुवंशी; सुश्री अंजलि गोपालन; डॉ एस पी गुप्ता, सेवानिवृत्त आईएएस और श्री राकेश गुप्ता। बाकी सदस्यों को पीसीए अधिनियम, 1960 के प्रावधान के अनुसार विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। जिसमें शीर्ष अधिकारी के रूप में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के डीजीएफ और विशेष सचिव; पशुपालन आयुक्त ;संयुक्त सचिव -गृह मंत्रालय; संयुक्त सचिव -मानव संसाधन विकास; आईजीएफ-वन्यजीव; डीजी-आईसीएमआर; एमसीजी-गुवाहाटी के प्रतिनिधिभी शामिल किए गए हैं।

इस प्रकार, एडब्ल्यूबीआई 28 सदस्यों में से के कुल 17 सदस्यों को ही नामित किया गया है जिसमें 9 सदस्यों की जगह रिक्त है । यह बता दें कि इस रिक्ति में 6 सदस्य संसद सदस्य (4 लोकसभा और 2 राज्यसभा) भी शामिल हैं। देशभर के पशु कल्याण कार्यकर्ताओं को बड़ी उम्मीद है कि कई महत्वपूर्ण लंबित कार्यों को जल्दी ही पूरा किया जाएगा जिसमें पीसी एक्ट 1960 में संशोधन और देश में पशु कल्याण गतिविधियों को गति देने के लिए पर्याप्त बजट जैसे मामलों को निश्चित रूप से विशेष प्राथमिकता देगा ताकि जानवरों का अधिक से अधिक कल्याण हो सके।

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