पशु संदेश, 10 Oct 2022
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर शुरू की गई मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना से प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को बड़ा संबल मिला है। राज्य में दुग्ध उत्पादन क्षेत्र को मजबूत करने तथा पशुपालक परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार की सोच के साथ शुरू की गई योजना से 8 लाख से अधिक दुग्ध उत्पादक लाभान्वित हो रहे हैं। दुग्ध उत्पादन संबल योजना राज्य में क्रांति के रूप में उभरी है। इस योजना से प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी हुई और पशुपालकों की आय भी बढ़ी है।
राज्य सरकार ने फरवरी 2019 में मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन संबल योजना की शुरुआत की थी। योजना के तहत दुग्ध उत्पादकों को 2 रुपये प्रति लीटर अनुदान दिया जा रहा था, जिसे बजट घोषणा 2022-23 में बढ़ाकर 5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। बढ़ाया गया अनुदान 1 अप्रैल, 2022 से मिलना शुरू हो गया है। योजना के तहत फरवरी 2019 से मार्च 2022 तक सहकारी डेयरियों से जुड़े दुग्ध उत्पादकों को 600 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 116 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। इस वित्तीय वर्ष में दुग्ध उत्पादकों को 550 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है।
महिला सशक्तीकरण को मिल रहा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर देने के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 5 हजार डेयरी बूथ खोलने की घोषणा की थी, जिसमें से एक हजार डेयरी बूथ महिलाओं एवं महिला स्वयं सहायता समूह को दिए जाएंगे। घोषणा के तहत राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन (आरसीडीएफ) द्वारा 31 अगस्त, 2022 तक 434 डेयरी बूथ आवंटित कर दिये गए हैं। इसमें से 282 डेयरी बूथ महिलाओं औऱ महिला स्वयं सहायता समूह को आवंटित किये गये हैं। पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी 5 हजार से अधिक डेयरी बूथ खोलने की घोषणा की गयी थी, जिसके विरूद्ध आरसीडीएफ द्वारा 31 मार्च 2022 तक 5 हजार 269 डेयरी बूथ खोले गए।
दौसा जिले के ग्राम खेड़ला के दुग्ध उत्पादक राजेश ने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का इस योजना के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि योजना के तहत मिल रहे आर्थिक अनुदान से उनके जीवन स्तर में सुधार आया है, पारिवारिक आय में वृद्धि हुई है। साथ ही दूध का उचित मूल्य मिलने लगा है।