उत्तर प्रदेश के किसानों की टीम "रूरल हब" ने कृषि उत्पादों के सीधे लाभ हेतु मिजोरम सरकार के साथ हाथ मिलाया: गौरव गुप्ता
पशु संदेश, 06 जुलाई 2024
रुरल हब फाउंडेशन के प्रतिनिधियों का एक समूह, जिसे लोकप्रिय रूप से "रूरल हब" के नाम से जाना जाता है, जो देश भर के किसानों के घर पर पहुंच कर उन्नत तकनीक देते हुए उन्नत प्रौद्योगिकी प्रदान करके किसानों की समृद्धि के लिए समर्पित है। वर्तमान में मिजोरम सरकार के कृषि और बागवानी विभाग की विभिन्न एजेंसियों और अधिकारियों के साथ बैठक कर रहा है। समूह के टीम लीडर, इंजीनियर गौरव गुप्ता ने बताया कि रूरल हब मिजोरम के किसानों से कच्ची हल्दी और अदरक की खरीद करके उसे बेहतरीन विपणन मध्य देते हुए मिजोरम के किसानों को उन्नत खेती करने के लिए एक अनुबंध करने जा रहा है ताकि उन्हें अधिकतम लाभ मिल सके। कई विशेषज्ञों के अनुसार इस तरह के प्रयास किसने की आमदनी बढ़ाने के लिए एक बेहतरीन प्लेटफार्म है जो उनके जीवन बदलने में पूर्ण सक्षम साबित होगा।
इंजीनियर गुप्ता ने इस संबंध में इस अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि उपज को एमएसपी के प्रावधान के तहत खरीदा जाएगा और इस पूरे विपणन नेटवर्क की निगरानी कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ), प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (पीएमएफएमई) के तहत की एक विशेष नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। मिजोरम में पहुंचे टीम लीडर गौरव गुप्ता ने कहा, "ग्रामीण हब किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए हल्दी और अदरक जैसी सबसे लोकप्रिय कृषि उपज की खरीद और विपणन के लिए कृषि और उसके बागवानी विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए उनकी टीम मिजोरम आई है। कच्चे उत्पादों के प्रसंस्करण के बाद उपज का विपणन किया जाएगा और अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए मिजोरम के किसानों के उत्पाद को एक विशेष विपणन नेटवर्क में जोड़ा जाएगा।" उन्होंने आगे यह भी कहा कि ऐसे उत्पादों को छोटी-छोटी फैक्ट्रियां लगाकर संसाधित किया जाएगा जिससे उन्हें एक विकसित और उपयुक्त बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा।
यह बता दें कि रुरल हब उत्तर प्रदेश के एक छोटी सी शहर लखीमपुर-खीरी स्थित सहकारी उत्पादन और विपणन नेटवर्क का मुख्यालय स्थापित किया गया है जो 2022 से काम कर रहा है, जब कोविड-19 महामारी के ठीक बाद देश गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था। वर्तमान में, ग्रामीण हब में 350 लघु उद्यम और 1500 कृषि उत्पादकों का एक ऐसा सक्रिय नेटवर्क है जो प्राकृतिक खेती के प्रति गहरी आस्था और स्वस्थ भारत के अभियान से अभिप्रेरित हैं, रुरल हब अपनी कोशिशें से किसानों को उनकी उपज से उच्चतम आय दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दरअसल, रुरल हब सिंगल विंडो योजना प्रदान करता है और डिजिटल कृषि को बढ़ावा दे रहा है। इस अभियान ने जीरो बजट से ग्रामीण व्यापार नेटवर्किंग की शुरुआत कर कर इस समय लगभग 20 करोड़ का सालाना कारोबार कर रहा है। टीम लीडर गुप्ता के अनुसार, "रुरल हब किसी भी सरकारी सब्सिडी की आवश्यकता नहीं है और किसानों की समृद्धि के लिए अपनी मेहनत और समर्पण से आगे बढ़ रहे हैं। ग्रामीण हब ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में लावारिस मवेशियों (गाय और उसके गोवंश) के चुनौतियों और बढ़ती आबादी की समस्या को कम करने के लिए गौशाला विकास और गोबर आधारित कृषि के लिए भी काम कर रहा है।
गौरव गुप्ता एक नौजवान इलेक्ट्रिकल इंजीनियर और ग्रामीण व्यवसाय पर उत्कृष्ट लेखक एवं पत्रकार भी हैं और नियमित रूप से प्रिंट इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया जैसे विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से किसानों और ग्राम विकास के प्रतिनिधियों से सीधे संवाद भी करते हैं। वर्तमान में वह एक पशु कल्याण पत्रिका-पशु मित्र के एसोसिएट एडिटर की भी भूमिका निभा रहे ह