1 जनवरी से पशुधन परिवहन के नए नियम लागू


पशु संदेश,नई दिल्ली

 यदि अब किसी वाहन चालक ने पशुओं को वाहन में ठूस-ठूसकर भरा तो उसकी खैर नहीं होगी। दरअसल, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटरयान अधिनियम में नए बदलाव करते हुए पशुधन परिवहन के मापदंड तय कर दिए है । मापदंड के अनुसार यदि परिवहन नहीं किया जाता है तो संबंधित वाहन चालक का लाइसेंस निरस्त और वाहन भी राजसात किया जा सकता है। यह नियम 1 जनवरी 2016 से लागू हो गए हैं। यदि नियम का कोई पालन नहीं करता है और वह दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई में सजा और आर्थिक दंड का दोनों का ही प्रावधान रखा है।
इस कानून के तहत पशुधन का परिवहन करने वाले वाहनों को भारतीय मानक ब्यूरो (बीएसआई) द्वारा पशु परिवहन के लिए निर्धारित मानकों का पालन करना होगा। नये नियमों के अनुसार पशु परिवहन करने वाले वाहनों की बॉडी में परिवहन किए जाने वाले पशु की प्रजाति के अनुसार प्रत्येक पशु के लिए स्थाई, पृथक चेंबर बनाने को अनिवार्य किया गया है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी पशु परिवहन में प्रयोग होने वाले वाहनों के लिए अलग से लाइसेंस जारी करेंगे। इस श्रेणी के तहत लाइसेंस प्राप्त वाहन पशुओं के अलावा किसी अन्य वस्तुओं के परिवहन में इस्तेमाल नहीं किए जा सकेंगे।
विभिन्न पशुओं के लिए वाहन में निर्धारित क्षेत्रफल
गाय व भैंस-              2 वर्गमीटर
घोड़ा-                      2.25 वर्गमीटर
भेड़ और बकरी-         0.3 वर्गमीटर
सुअर-                     0.6 वर्गमीटर
कुक्कुट-                  40 वर्ग सेंटीमीटर
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटरयान अधिनियम 1989 की धारा 212 की उपधारा (1) के अनुसार पशुधन परिवहन करने वाले वाहनों का यह माप रखा है। पशु परिवहन के लिए जो यह मापदंड पूरा करेंगे उन्हें ही विशेष इजाजत परिवहन अधिकारी द्वारा दी जाएगी। इस नियम में यह भी तय किया गया है कि जिन वाहनों में पशुधन का परिवहन होगा वह अन्य वस्तुओं के परिवहन के लिए इस वाहन का इस्तेमाल नहीं कर सकेगे।

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