इस दिवाली में  गाय के गोबर से बने दिए जलाएं - राष्ट्रीय कामधेनु आयोग

समस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी  गिरीश जयंतीलाल शाह ने  अपने अनुभव साझा किए

Pashu Sandesh,4 अक्टूबर 2020,अहमदाबाद (गुजरात)

रविंद्र कुमार जैन 

हाइलाइट्स:

@ युवाओं एवं मजदूरों को रोजगार मिलेगा  

@ आत्मनिर्भर  भारत बनाने में योगदान होगा 

@ गोआधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा

@ पंचगव्य  औषधियों  के निर्माण से समृद्धि 

@ देसी गोवंश का संरक्षण अभियान को बढ़ावा

भारत की प्रमुख समाज सेवी संस्था  समस्त महाजन के द्वारा आयोजित ऑनलाइन वेबिनार में राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के प्रथम चेयरमैन  वल्लभ कथीरिया ने बताया कि इस दिवाली 11 करोड़ परिवारों द्वारा गोबर से बने  दीए जलाए जाएं ऐसा लक्ष्य  हमने तय किया है और इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर जोर-शोर से काम किया जा रहा है। वेबिनार  परिचर्चा में  प्रमुख वक्ता के रूप में समस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी  गिरीश जयंतीलाल शाह ने  गोबर के प्रयोग के विभिन्न  अनुभव  बताएं और  भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड भारत सरकार के सदस्य के रूप में  देशभर में  गोबर गोमूत्र के बेहतर प्रयोग के  प्रभावी नीतियों को लाने के लिए  आयोग अध्यक्ष  डॉक्टर बल्लभ भाई कथीरिया को  कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।

परिचर्चा के आरंभ में आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर कथीरिया  ने कहा कि उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कि आत्म निर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए गरीब मजदूरों को रोजगार दिलाने के अभियान में भी यह मुहिम कारगर रहेगी। देसी गाय का केवल दूध ही उपयोगी नहीं है उसका गोबर और गोमूत्र अत्यंत ही उपयोगी है वर्तमान में मोबाइल तथा विभिन्न टेक्नोलॉजीयों के बढ़ते हुए रेडिएशन से हमें बचाने के लिए गोबर की अत्यधिक महता है, इस बात को जन-जन को समझाना है, जिससे कि दूध देना बंद करने के बाद भी गाय को लोग अपने घरों में उसके गोबर को प्राप्त करने के लिए पालते रहे।

आगे उन्होंने यह बताया कि राष्ट्रीय कामधेनु आयोग इस प्रयास में लगा हुआ है की देशी गोवंश का संरक्षण इस देश में होता रहे तथा उसके फायदे आम जनता को मिले इसके लिए उनमें जागृति लाने का काम हम करते रहेंगे। वेबीनार में समस्त महाजन के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य गिरीश भाई शाह ने वेबीनार में देशभर से शामिल 100 से अधिक विशिष्ट महानुभावों से यह निवेदन किया कि हमें 11 करोड़ परिवारों में  गोबर से बने दिए जलाने की इस योजना में बढ़-चढ़कर भाग लेना है, स्वयं भी गोबर से बने हुए दीयों का उपयोग करना है और अधिक से अधिक लोगों को इसके लिए प्रेरित करना है।

आयोग अध्यक्ष ने  समस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी  गिरीश जयंतीलाल साहब को  बोलने का आग्रह किया। शाह ने  अपने संवाद में कई महत्वपूर्ण बातों को उठाएं और कहा कि गोबर घर की लिपाई से लेकर खेत की उर्वरा शक्ति बनाए रखने में हमेशा सहयोगी रहा है। आज स्वस्थ और स्वादिष्ट  अनाज पैदा करने में हम फेल है जिसका मुख्य कारण है केमिकल फर्टिलाइजर का अंधाधुंध प्रयोग  जिससे मिट्टी और उससे पैदा की गई खाद्यान्न  जहर में तब्दील हो गई है।  इसे हम रोक सकते हैं गोवा का प्रयोग गोबर का प्रयोग  खाद के रूप में प्रयोग करें। उन्होंने प्रशंसा करते हुए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष की सराहना की और बताया कि वह 24 घंटे  गाय गोबर गांव गोचर के बढ़ावे की अनार वध प्रयास में लगे हुए हैं।

शाह ने राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष से यह अनुरोध किया कि भारत में जितने भी गोबर से और गोमूत्र से उत्पाद बन रहे हैं।  उन सब का सरकार के द्वारा पेटेंट करवाना चाहिए और उस पेटेंट में यह शर्त रहनी चाहिए कि उसे कोई भी भारतीय बनाएं तो उसको कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा और यदि कोई भी विदेशी इन उत्पादों को बनाता है तो उसकी रॉयल्टी उसे भारत सरकार को देनी होगी। गाय के गोबर से बनने वाले देसी खाद तथा अन्य विभिन्न उत्पादों के विषय में भी चर्चा सत्र के दौरान चर्चा हुई। इस वार्ता क्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय गौ सेवा गतिविधि के राष्ट्रीय संयोजक अजीत महापात्रा  ने बताया कि वर्तमान में गाय के गोबर गोमूत्र से 306 उत्पाद भारत में तैयार हो रहे हैं ,इन उत्पादों का उपयोग आम जनता के द्वारा किया जाना चाहिए जिससे कि भारतीय अर्थव्यवस्था में गाय के गोबर की भूमिका को समझा जा सके।  कर्नाटका स्टेट एनिमल वेलफेयर बोर्ड के  डॉ एसके मित्तल ने भी अपने विचार रखे।

इस वेबीनार में समस्त महाजन के मित्तल खेतानी राजकोट, देवेंद्र जैन वापी, डॉक्टर आर बी चौधरी चेन्नई, रविंद्र कुमार जैन फलोदी, हर नारायण सोनी ओसियां ने भी भाग लिया व गोबर के दिये बनाने व लोगों को इसके प्रयोग के लिए प्रेरित करने की बात कही। गाय के गोबर से मूर्तियां बनाने तथा विभिन्न प्रकार के अन्य उत्पाद बनाने की काफी जानकारी राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के वेब पेज पर तथा फेसबुक पेज पर उपलब्ध हैं उसका फेसबुक  आर कामधेनु आयोग नाम से है।