समस्त महाजन ने विनाशकारी तूफान तौकाते से प्रभावित गौशालाओं को 50 लाख का अनुदान किया वितरित

"गौशालाओं की दीवार तथा छत को पक्का बनाइए -आत्मनिर्भात और  टिकाऊ व्यवस्था के लिए गौशाला के गोबर के बदले से चारा प्राप्त करें या स्वयं चारा उगाएं:गिरीश जयंतीलाल शाह"

Pashu Sandesh, 18 July 2021 धलौरा/अहमदाबाद (गुजरात)

डॉक्टर आरबी चौधरी

इस साल के पहले चक्रवाती तूफान का नाम "तौकाते" रखा गया जिसका  नामकरण म्यांमार  मैं किया गया था ।  "तौकाते" का मतलब होता है  भीषण गर्जना  भरी  भयानक तूफान ।  17 और 18 मई को पश्चिमी तट की ओर से आने वाली इस तूफान ने  बहुत कुछ उजाड़ कर रख दिया।  इसका सबसे अधिक नुकसान  जीव जंतु, पशु पक्षियों का हुआ  क्योंकि वह अपनी रक्षा करने में  सफल नहीं हो पाए  और देखते ही देखते जान माल  का भारी नुकसान हो गया।  समस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी गिरीश जयंती लाल शाह ने  गुजरात के  प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर बताया कि तकरीबन 5 करोड़ का नुकसान  सिर्फ गौशालाओं और पंजरापोलों  का हुआ है और  संस्थाएं बहुत परेशान है ।  उन्हें सहायता की अत्यंत आवश्यकता है ।  आज  शाह जी के धलौरा फार्म हाउस पर संचालित गौशाला गोकुलग्राम  पर अनुदान वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया ।  जहां  गुजरात राज्य के अधिक प्रभावित  गौशालाओं- पंजरापोलों  को मरम्मत के लिए  50 लाख का अनुदान सहायता प्रदान किया गया। शाह ने इस  अवसर पर  लोगों को  गौशाला संचालन के लिए  कई टिकाऊ  व्यवस्था बताते हुए  कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए

समस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी गिरीश जयंतीलाल शाह ने बताया कि तौकाते  का प्रभाव अत्यंत  भयावह था  और इससे बहुत बड़ा नुकसान हुआ, खास करके गौशालाओं एवं पंजरापोलों का ।  उन्होंने यह भी कहा कि जब इसका अध्ययन किया गया तो जानकारी हुई कि कुल नुकसान तकरीबन  5 करोड़ तक पहुंच गया है।  शाह इस मामले को बड़ी गंभीरता से  लिया और  प्रभावित संस्थाओं में  पाले जा रहे  गोवंश तथा पशु पक्षियों का  बहुत बुरा हाल है। जिन्हें तत्काल सहायता की आवश्यकता है । आज  समस्त महाजन के बैनर के तले उनके फार्म हाउस पर स्थापित  गौशाला  परिसर में  10 प्रमुख  अति प्रभावित  संस्था के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया  और  50 लाख की  आर्थिक सहायता बांटी गई।  उन्होंने बताया कि  समस्त महाजन संस्था की ओर से यह निर्णय लिया गया था कि  5 करोड़ की धनराशि की क्षतिपूर्ति का 10% हिस्सा  समस्त महाजन की ओर से दिया जाएगा  जो आज  पूरा कर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार से अनुदान प्राप्त करने के लिए वह शीघ्र ही राज्य सरकार के सभी संबंधित विभाग के मंत्रियों तथा मुख्यमंत्री से मिलेंगे ताकि अन्य सभी प्रभावित गौशालाओं को सहायता मिल सके।

अनुदान वितरण के इस अवसर पर  शाह ने सभी  गौशाला प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप  छप्पर और टीन के  छत मत बनाएं  और न  ही कच्ची दीवार बनाएं।  पक्की दीवार और कंक्रीट के  पक्के छत बनाने से  आपको लंबी अवधि तक  परेशानियों से छुट्टी मिल जाएगी।  आंधी तूफान या किसी भी प्राकृतिक आपदा से आप मुक्त रहेंगे और बार-बार जोखिम की समस्या से  निजात पाएंगे।  शाह ने अपने संबोधन में कई महत्वपूर्ण बातों को रखा जिसमें गौशाला के गोबर के बदले चारा प्राप्त करने का सुझाव दिया तथा कहा कि हर गांव को अपनी गौशाला के लिए चरागाह तथा गोचर भूमि विकसित करना  अत्यंत आवश्यक है। इससे गौशाला के ऊपर अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा । अगर चारा उत्पादक को फ्री में गौशाला वाले अपनी गौशाला का गोबर प्रदान करें तो वह चारा उत्पादक किसान गौशाला को चारा बड़े ही सुगमता पूर्वक प्रदान करेगा। इस प्रकार गौशाला को निरंतर चारा मिलता रहेगा। शाह ने सभी को स्वयं चारा उगाने की राय दी और कहा कि इससे गौशाला के खर्च में बहुत बड़ी राहत मिलेगी। कार्यक्रम में उन्होंने गोचर भूमि के विस्तारीकरण के लिए जोर देते हुए कहा कि जिन गांव में गोचर भूमि जहां भी है वहां गौशालाओं का प्रबंधन कार्य अत्यंत आसान हो गया है ।

अपने सुझावों  में उन्होंने यह भी कहा कि जिन जगहों पर पानी की समस्या है, वहां पर तालाब की सफाई और खुदाई का कार्य अत्यंत जरूरी है ताकि बरसात के पानी को एकत्र कर गर्मी में प्रयोग किया जा सके। साथ ही साथ वृक्षारोपण पर के महत्व को बताते हुए कहा कि पशु पक्षियों या गोवंश के लिए छाया बहुत जरूरी है। अगर वृक्षारोपण नियमित किया जाए तो गौशाला पशुओं के लिए सिर्फ छाया ही मिलेगा बल्कि वृक्षों की पत्तियों से चारा,फल फूल, औषधियां , भूमि को पोषक तत्व,शुद्ध हवा और जल संरक्षण में बहुत बड़ी सहायता मिलती है। आज के कार्यक्रम में  राजस्थान से आए ओसवाल गौशाला तथा गोपाल गौशाला ओसिया द्वारा विकसित औषधि युक्त गौघृत का लोकार्पण किया गया। गौ घृत की विशेषता बताए हुए शाह ने कहा कि यह औषधि  सर्दी, जुकाम, सर दर्द,रक्तचाप तथा श्वास की बीमारी के लिए अत्यंत मुफीद है। नीलगिरी, लोंग, तुलसी, पुदीना, कपूर इत्यादि औषधियों से युक्त इस गौ घृत का लोगो को अधिक से अधिक सेवा करना चाहिए। इसके लिए संबंधित गौशालाओं से संपर्क किया जा सकता है।

इस कार्यक्रम मेंसमस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी तथा भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य गिरीश जयंतीलाल शाह,मित्तल खेतानी,दीपक रानपुरा,धीरेंद्र कानुभाई,लीलाधर भाई(भाभर गोशाला),राजस्थान से रवींद्र कुमार जैन,हीरा राम जी गोदारा, हर नारायण जी सोनी सहित विभिन्न संस्थाओं के लगभग 100 जीवदया प्रेमी शामिल हुए । यह शाह जी के फार्म हाउस पर संचालित गौशाला गोकुलग्राम ,धोलेरा,गुजरात में आयोजित किया गया था।