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पशु संदेश,शिमला।
हिमाचल सरकार ने हिम तेंदुओं की रक्षा के लिए स्नो लेपर्ड कंजरवेशन प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसके तहत राज्य में पाए जाने वाले हिम तंदुओं को संरक्षित किया जाएगा। स्नो लेपर्ड कंजरवेशन प्रोजेक्ट यूनाइटेड नेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) के तहत शुरू किया गया है। प्रोजेक्ट के अंतर्गत बर्फीली पहाडिय़ों में कैमरे लगा कर तेंदुओं पर नजर रखी जाएगी। हिम तेंदुए ग्लोबल वार्मिंग के कारण बढ़ते तापमान की वजह से यहां से पलायन करने लगे हैं। इन तेंदुओं की सटीक जानकारी किसी भी राज्य के पास नहीं है। इसके कारण इनके शिकार का खतरा भी बढ़ता जा रहा है | इनका शिकार रोकने के लिए यूएनडीपी ने स्नो लेपर्ड कंजरवेशन प्रोजेक्ट में सबसे ज्यादा ध्यान क्षेत्रीय लोगों की आजीविका के संसाधन मजबूत करने पर दिया है। भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून ने स्नो लेपर्ड की गणना कराने की सलाह दी थी। हिमाचल में स्नो लेपर्ड का पता लगाने के लिए कई जगहों पर कैमरे लगाए हैं। लाहौल,स्पीति और पांगी एरिया में स्नो लेपर्ड पाए जाते हैं। इसके अलावा उत्तराखंड के गंगोत्री, नंदादेवी, पिथौरागढ़, अस्कोट आदि क्षेत्रों में स्नो लेपर्ड पाए जाते हैं। इसको लेकर 9 जुलाई को लेह में यूएनडीपी की स्नो लेपर्ड के चार राज्यों के वन अफसरों की बैठक होगी। जिसमें इसके आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। अभी तक देश भर में हैं 516 स्नो लेपर्ड है जिसमें हिमाचल में ही 90 लेपर्ड होने का अनुमान जताया जा रहा है। उत्तराखंड में स्नो लेपर्ड की तस्करी के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं। इसकी रोकथाम के लिए भी राज्य सरकार ने काम शुरू कर दिया है