Pashu Sandesh, 30th August 2021
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय ने रविवार को अपना चार साल पूरा किया, इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा स्थापना दिवस समारोह मनाया गया। बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान के सभागार में आयोजित इस समारोह में राज्य के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री श्री मुकेश सहनी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। डॉ० अल्लुद्दीन अहमद खान, भूतपूर्व कुलपति, शेर-ए-कश्मीर विश्वविद्यालय, जम्मू विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे, साथ ही विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ० रामेश्वर सिंह, बि.आई.टी., पटना के निदेशक डॉ० अरविन्द कुमार, भा०कृ०अ०प०, पटना के निदेशक उज्जवल कुमार, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. (कैप्टेन) आनंद गोपाल बंद्योपाध्याय और निदेशक अनुसन्धान डॉ० रविन्द्र कुमार मंच पर उपस्थित थे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया तत्पश्चात बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय, पटना और संजय गाँधी गव्य प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना पेश किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. (कैप्टेन) आनंद गोपाल बंद्योपाध्याय ने मंचासीन व अन्य अतिथियों का स्वागत किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का विमोचन किया गया जिनमे प्रैक्टिस मैन्युअल ऑन फंडामेंटल ऑफ़ माइक्रोबायोलॉजी, कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण पुस्तिका (मैत्री प्रशिक्षनार्थियों के लिए), पेरेंटिंग डॉग्स: रेडी रेकनर फॉर वेटरनरी प्रैक्टिशनर एंड स्टूडेंट और प्रसार शिक्षा विभाग द्वारा तैयार की गयी तीस लीफ्लेट्स शामिल है।
इस अवसर पर माननीय मंत्री ने अपने अभिभाषण में कहा की विश्वविद्यालय द्वारा पशुपालन और इससे सहबद्ध क्षेत्रों के विकास हेतु बनाये जाने वाली योजना में वित्तीय अड़चन नहीं आयेगी ऐसा प्रयास किया जायेगा। उन्होंने आगे कहा की जल्द ही विश्वविद्यालय के नए भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जायेगा जिसके लिए सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गयी है। विश्वविद्यालय के कार्यो से राज्य के पशुपालकों और किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से कार्य करना होगा। सात निश्चय- द्वितीय पर बोलते हुए उन्होंने कहा की जल्द ही डोर-टू-डोर पशु चिकित्सा की सेवा दी जाएगी, जिसके तहत बड़े पैमाने में पशुचिकित्सकों की आवश्यकता पड़ेगी, पशुचिकित्सकों की बहाली प्रक्रिया जल्द प्रारंभ किया जायेगा साथ ही मोबाइल एम्बुलेंस सेवा की भी शुरुआत की जानी है। उन्होंने आगे कहा की मत्स्यपालन में संसाधन रहते हुए हमें दुसरे प्रदेशो का सहारा लेना पड़ रहा है जिस ओर तेजी से काम किया जा रहा है और हम जल्द ही मत्स्य पालन में स्वावलंबी होने के साथ-साथ दुसरे राज्यों को एक्सपोर्ट करने की क्षमता को विकसित करेंगे। बिहार में पशुपालकों के लिए नस्ल सुधार का काम किया जा रहा है जिससे उन्हें लाभ मिलेगी। इस क्षेत्र को बढ़ाने में सरकार द्वारा कोई कसर नहीं छोड़ा जा रहा है राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अति पिछड़ा वर्ग को नब्बे प्रतिशत अनुदान देकर इस क्षेत्र से जोड़ा जा रहा है साथ ही मुर्गी पालन, बकरी पालन, सुअर पालन एवं गाय पालन पर सरकार का विशेष प्लान के तहत काम चल रहा है।
विश्वविद्यालय द्वारा पशुपालन, मत्स्यपालन और डेयरी के क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रगतिशील पशुपालकों/उद्यमियों को माननीय मंत्री श्री मुकेश सहनी द्वारा प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
सम्मान पाने वाले पशुपालक/उद्यमी:
इस अवसर पर शिक्षण, अनुसंधान, ऑनलाइन टीचिंग, कोविड कण्ट्रोल प्रोग्राम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को माननीय मंत्री द्वारा पुरुस्कृत किया गया।
स्थापना दिवस समारोह में निदेशक स्नातकोत्तर शिक्षा डॉ. वीर सिंह, डीन बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय डॉ. जे.के.प्रसाद, निदेशक, प्रसार शिक्षा डॉ. ए.के.ठाकुर, निदेशक छात्र कल्याण, डॉ. रमण त्रिवेदी, डीन मात्स्यिकी महाविद्यालय, किशनगंज डॉ. वेद प्रकाश सैनी, एस्टेट ऑफिसर राममूर्ति चयेल, निदेशक कार्य और संयंत्र रंजन कुमार, जनसंपर्क पदाधिकारी सत्य कुमार सहित विश्वविद्यालय के अंगीभूत बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय, पटना, संजय गाँधी गव्य प्रौद्योगिकी संस्थान, पटना और मातिस्यिकी महाविद्यालय, किशनगंज के तमाम शिक्षकगण, कर्मचारीगण और विद्यार्थी उपस्थित थे।