Pashu Sandesh, 09 Jan 2023
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अंगीभूत बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय में सोसायटी फॉर फार्म एंड कंपेनियन एनिमल के संयुक्त तत्वावधान में डॉग लवर्स के लिए एक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संवाद कार्यक्रम में पटना और आस-पास के क्षेत्रों के लगभग पैंतीस डॉग लवर्स ने भाग लिया और अपने डॉग्स के समस्याओं और केयर के लिए जानकारियां प्राप्त की।
इस अवसर पर कुलपति डॉक्टर रामेशवर सिंह ने कहा की वर्तमान समय में कम्पैनियन एनिमल का देश के अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान है। आज स्थिति यह है की 60% घरों में पेट्स है। इस क्षेत्र के व्यापक होने से जीविकोपार्जन के अवसर पैदा हुए है। कोविड के समय में कई लोगों ने अपने परिवार में पैट्स को जगह दिया है।इस क्षेत्र में संस्थागत ढांचा बहुत कम है जिसपर कार्य करने की जरूरत है, और देश में पेट्स के लिए एक पालिसी का होना आवश्यक है। उन्होंने इस अवसर पर जानकारी दी की बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय देश का पहला विश्वविद्यालय है जहां कैट और गोट शो का आयोजन कर पैट्स लवर्स को एक अच्छा प्लेटफार्म दिया है।
बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. जे.के.प्रसाद ने कार्यक्रम में आये सभी पेट लवर्स का स्वागत किया और बताया की इस आयोजन से विश्वविद्यालय डॉग लवर्स को उनके कम्पैनियन को और अच्छे से केयर देने, उनके सेफ्टी और उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखने के मकसद से किया गया है ताकि हम उनकी समस्याओं को समझें और उनके देख-भाल में आ रही सही इफ और बट्स का समाधान कर सके। उन्होंने देशी ब्रीड्स के अडॉप्टेशन और उनके कल्याण पर विशेष ध्यान देने की बात कही।
कार्यक्रम में सात सेशंस हुए जिसके माध्यम से पेट के केयर पर बिहार पशुचिकत्सा महाविद्यालय के डॉक्टर्स ने विस्तार से प्रस्तुति दी।
डॉ. रमेश तिवारी ने अलग-अलग ब्रीड्स के सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में बताया और कहा की डॉग रखने से पहले उनके ब्रीड्स की चयन और पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है साथ ही उस ब्रीड्स की पूरी जानकारी रखें, उन्होंने डॉग्स की खरीदारी अच्छे केंनल और ब्रीडर से करने पर जोर दिया।
डॉ. विवेक कुमार सिंह ने स्किन केयर और ग्रूमिंग पर बातें की, उन्होंने बताया की इंसान के लिए उपयोग में लाये जाने वाले प्रोडक्ट्स जैसे शैम्पू इत्यादि डॉग्स पर न करें क्योंकि इंसान और जानवरों के पीएच लेवल में फर्क होता है जिससे पेट्स को नुकसान पहुँचता है। उन्होंने हर दिन दो बार पेट्स को ब्रशिंग करने की सलाह जी जिससे उनका ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
डॉ. ज्ञानदेव सिंह ने ओरल हाइजीन पर लोगों का ध्यान आकृष्ट कराया उन्होंने कहा की स्वान का ओरली फिट होना बहुत जरुरी है, अगर उन्हें मुँह और दांत की बीमारी से दूर रखते है तो घर का वातावरण भी स्वच्छ रहेगा। उन्होंने पेट्स को चॉकलेट, मिठाई और दांतो में चिपकने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करने की सलाह दी।
डॉ. संजय कुमार ने कमर्शियल फ़ूड और घर के खाने पर अपनी प्रस्तुति दी उन्होंने कहा की हम अपने पेट्स को खाना तो खिलाते है मगर कितना भोजन कब और कितने मात्रा में देना है इसका ध्यान रखना जरुरी है, उन्होंने आगे बताया की पेट्स के भोजन में मिनरल्स का होना बहुत जरुरी है।
डॉ. पल्लव शेखर ने पर्वो वायरस, कैनाइन डिस्टेंपर और केनल कफ़ जैसे आम और जानलेवा बीमारियों के बारे में बताया उन्होंने कहा की बहुत लोगों की यह धरना बनी हुई है की पर्वो वायरस से मनुष्यों को भी खतरा है मगर ऐसा नहीं है, साथ ही पेट्स को पर्वों वायरस अटैक होने पर घर को ब्लीचिंग पाउडर के घोल से डिसइंफेक्ट कर सकते है। उन्होंने बताया की समय पर वक्सीनशन से हम अपने पेट्स को सभी बीमारियों से दूर रख सकते है। साथ ही शर्दी के मौसम में अपने पेट्स को अधिक सुबह की सैर और ठण्ड से बचाये।
डॉ. शीतल में हीट, मेटिंग और बंध्याकरण जैसे विषयो पर अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा की जो ओनर अपने पेट्स की मेटिंग नहीं करना चाहते वो उनके हीट में आने के छह से आठ महीने के अंदर बंध्याकरण करा सकते है जिससे जनसँख्या नियंत्रण भी होता है साथ ही उनका जीवनकाल भी बढ़ता है और जो मेटिंग करना चाहते है वो 4 वर्ष की आयु से पहले करा ले जिससे पेट्स का स्वास्थ्य बेहतर रहे।
डॉ. पंकज कुमार ने रेबीज और एंटी रेबीज वैक्सीन के बारे में बताया उन्होंने कहा की रेबीज एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है यह जिसे हुआ उसे बचाया जाना कठिन है, इसलिए अपने बचाव के लिए स्वान के काटने पर वैक्सीन जरूर लगाए साथ ही अपने पेट्स को एंटी रेबीज वक्सीनशन कराये।