राजस्थान अकाल प्रबंधन: गौशाला पांजरापोल  प्रशिक्षण शिविर कार्यक्रम का  दूसरा  दिन 

पशु संदेश,19th May 2019

डॉ.आर.बी.चौधरी

देश में गौशाला एक अत्यंत पुरानी जीव दया और पशु कल्याण की संस्था है जिसमें निराश्रित, बीमार और घायल गोवंशीय पशुओं की सेवा की जाती है| इस कार्य को श्रद्धा , आस्था और धर्म-कर्म के नजरिए से देखा जाता है|

समस्त महाजन के  गौशाला प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन  प्रतिभागियों को गुजरात के प्रख्यात भाभर स्थित जलाराम गौशाला - पशु चिकित्सालय ले जाया गया जहां समूची गौशाला एक बेहतरीन पशु अस्पताल में परिवर्तित कर दी गई है| तकरीबन 10,000 से भी  अधिक घायल , बीमार तथा दुर्घटना से बचाए गए गोवंशीय  पशुओं को गौशाला में चिकित्सा एवं देख-भाल की जाती है और जब ठीक हो जाते हैं तो उन्हें  स्थानीय गौशाला को सुपुर्द किया जाता है ।समस्त महाजन के ट्रस्टी एवं गौशाला प्रशिक्षण  के समन्वयक देवेंद्र जैन ने बताया कि इस गौशाला में सिर्फ एक्सीडेंटल या इमरजेंसी केस लिए जाते हैं जिन्हें विभिन्न जगहों से लाया जाता है| यह पूरी गौशाला एक अस्पताल है जिसमें अलग - अलग शेड और बाड़े बनाए गए हैं| सभी बड़ों में अलग- अलग बीमारियों की चिकित्सा की जाती है जैसे सिंग का कैंसर, टूटी हुई हड्डियों के मरीज,बीमार और तत्काल एक्सीडेंट से जख्मी केस आदि अलग -अलग रखे जाते हैं|

इमरजेंसी केस और रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए इस गौशाला में  टाल-फ्री नंबर की एंबुलेंस चौबीस घंटा चलती रहती है| हमेशा रेस्क्यू ऑपरेशन से बचाए चोटिल और घायल जानवरों के चिकित्सा के लिए गौशाला में अपनी एक्स - रे, पैथोलॉजी, ऑपरेशन थिएटर, इंटेंसिव केयर यूनिट और सामान्य वार्ड से लेकर इमरजेंसी वार्ड भी बनाया गया है|देवेंद्र जैन ने यह भी बताया कि आज प्रशिक्षण कार्यक्रम में शरीक प्रतिभागियों को हरीधाम गौशाला ले जाया गया जहां अदभुत प्रकार के  कैटल शेड, विशाल  चारा भंडार गृह एवं बेहतरीन पक्षी घर दिखाया गया|यहां से 20 किलोमीटर दूर दुधवा गांव में एक  पशु प्रेमी दाता के माध्यम से प्राप्त 55 एकड़ की जमीन पर उगे  बहुत बड़े बबलू के जंगल को काटकर समतल किया गया और उस पर गौशाला पशुओं के लिए चारा उत्पादन का कार्य किया जा रहा है ताकि स्थानीय गौशालाओं को  सस्ते मूल्य पर साल भर चारे की सप्लाई की जा सके|

समस्त महाजन के आज के प्रशिक्षण परिभ्रमण में जलाराम - हरिधाम गौशाला के अधीन संचालित इस  चारा उत्पादन कार्यक्रम की नींव रखी समस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी गिरीश भाई ने जिनके सहयोग और  मार्गदर्शन में चारा उत्पादन  एवं  व्यापक वितरण आरंभ किया  जा रहा है जो आज चारा उत्पादन के मामले में एक राष्ट्रीय मिसाल बन गया है|आज इस गौशाला के पास न सिर्फ बहुत बड़ा चारा भंडार गृह भर ही नहीं है बल्कि लावारिस पशुओं के लिए बेहतरीन आश्रम अर्थात कैटल शेड भी है जहां आज हजारों पशुओं को संरक्षण मिल रहा है|

यह बता दे कि यह गौशाला जहां आपातकालीन परिस्थितियों मे पशुओं को चारा उपलब्ध कराता वहीं अपने पशु आश्रय में भूले भटके बिछड़े  लावारिस बेघर  पशुओं  को शरण देता है | इतने ही नहीं  पूरे साल भर आसपास के गौ-शालाओं के लिए सस्ते दर पर चारा  उगाने - बेचने का प्रशिक्षण भी देता है |प्रशिक्षण समन्वयक देवेंद्र जैन ने बताया कि प्रशिक्षुओं जीव दया को प्रबल बनाने के लिए धार्मिक एवं आध्यात्मिक चेतना से जोड़ने के लिए को स्थानीय मंदिरों के दर्शन कराए गए और अगले दिन के कार्यक्रम के लिए गुजरात की प्रख्यात बंसी गिर गौशाला के लिए प्रस्थान किया जहां देशी गोवंशीय पशुओ की बेहतरीन नस्ल संरक्षण कार्यक्रम को दिखाया जाएगा|साथ ही साथ वहां पर गोबर- गोमूत्र से बनाई जाने वाली पंचगव्य दवाओं की उत्पादन, पैकेजिंग, विपणन, जन स्वास्थ्य लाभ की परिचर्चा एवं जन कल्याण कार्यक्रमों को विशेषज्ञों के माध्यम से रूबरू कराया जाएगा|