IVRI-इज्जतनगर, बरेली द्वारा ‘‘बाजरा-नेपियर संकर घास’’ विषय पर कृषक कार्यशाला का आयोजन

पशु संदेश, 21 सितम्बर 2018

IVRI-इज्जतनगर, बरेली द्वारा, बरेली जनपद में हरे चारे की उपलब्धता बढ़ाने के लिये ‘‘बाजरा-नेपियर संकर घास’’ विषय पर दिनांक 17 सितम्बर, 2018 को एक कृषक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के महानिदेशक डा0 त्रिलोचन महापात्रा जी द्वारा नेपियर घास पर लिखे साहित्य जैसे पोस्टर एवं फोल्डर का विमोचन किया गया तथा कार्यशाला में भाग ले रही कृषक महिलाओं, कृषकों एवं ग्रामीण युवाओं से नेपियर घास के प्रबन्धन, उपयोग की विधि, पशुओं द्वारा इसे पसन्द किये जाने तथा दुग्ध उत्पादन पर इसके प्रभाव के सम्बन्ध में प्रश्न किये जिसके उत्तर में कृषक महिलाओं ने उन्हें अवगत कराया कि इसके दो गाँठ के टुकड़े काटकर मेड़ पर दोनों तरफ एक गाॅठ जमीन में दबा कर तथा एक गाॅठ ऊपर रखकर लगाते हैं और रोपण के बाद पानी लगा देते हैं। चारे की पहली कटाई 60 दिन पर तत्पश्चात् 40 दिन के अन्तर पर कटाई करके कुट्टी काट कर पशुओं को खिलाते हैं। उन्होंने महानिदेशक महोदय को यह भी बताया कि जिन लोगों ने गाॅव में बाजरा-नेपियर संकर घास का हरा-चारा लगाया है उनके यहाॅ हरे चारे की उपलब्धता बढ़ गयी है तथा जिन महीनों में चारे की कमी रहती है उन महीनों में भी हरे-चारे की भरपूर उपलब्धता रहती है। जिसके कारण उनके यहाॅ दुग्ध उत्पादन बढ़ गया है।

इसके पश्चात् महानिदेशक महोदय ने सभी कृषकों तथा कृषक महिलाओं को नेपियर घास की कटिंग का वितरण किया जिससे वे अपने खेतों में इसे लगाकर पशुओं के लिये कम लागत में हरे चारे की उपलब्धता को बढ़ा सके। इस अवसर पर उपमहानिदेशक मत्स्य पालन एवं पशुविज्ञान डा. जे.के जैना, संस्थान के निदेशक डा0 राजकुमार सिंह, संयुक्त निदेशक प्रसार शिक्षा डा0 महेश चन्द्र, आदि उपस्थित थे। इससे पूर्व कार्यशाला में प्रतिभागियों को नेपियर घास लगाने की शस्य वैज्ञानिक विधियों जैसे खेत की तैयारी, खेत में मेड़ बनाना, खरपतवार प्रबन्धन, रोपण का सही तरीका, पोषक तत्व प्रबन्धन, सिंचाई प्रबन्धन तथा चारे की कटाई की सही अवस्था आदि के सम्बन्ध में जानकारी दी गई। कार्यक्रम में बरेली, पीलीभीत एवं बदाॅयू जनपदों के 120 कृषक एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया।