डिजिटल होगी 20 वीं पशु गणना : सॉफ्टवेयर- टेबलेट का होगा उपयोग

पशु संदेश,18 जनवरी 2018  

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने बुधवार को नई दिल्ली में 20वें पशु गणना के लिए डाटा इकट्ठा करने के लिए सॉफ्टवेयर लांच किया | उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने अगले पांच वर्षों में किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है | इस लक्ष्य को हासिल करने में डेयरी क्षेत्र की अहम भूमिका है | इस अवसर पर सिंह ने एम्ब्रीयो ट्रांसफर टेक्नोलॉजी संबंधी काफी टेबल बुक तथा नेशनल एक्शन प्लॉन ऑन डेयरी डेवलपमेंट के आधार पर बने डॉक्यूमेंट विजन 2022  को  भी जारी किया |

सॉफ्टवेयर लांच के मौके पर बोलते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि 20वें पशु गणना में प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया इनेशियेटिव के अनुरूप डिजिटल तकनीक का उपयोग किया जायेगा | 20वें पशु गणना में टेबलेट कम्प्यूटर  इस्तेमाल करने का फैसला किया गया है | उन्होंने कहा कि डाटा इकट्ठा करने के लिए लांच किये जा रहे इस सॉफ्टवेयर में  सभी प्रकार के एनालिटिकल रिपोर्ट्स तैयार करने और सेंसस ऑपरेशन के रियल टाइम निगरानी की भी व्यवस्था होगी |

अक्टूबर 2016 में चलाये गए estrus synchronization प्रोग्राम के परिणामों की जानकारी देते हुए सिंह ने बताया कि, इस प्रोग्राम के तहत 1,24,000 पशुओं का देशी नस्लों के उच्च गुणवता वाले वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान किया गया था | इन देशी गायों का बियाने तक अनुसरण किया गया | इन सभी पशुओं को UID के द्वारा चिन्हित किया गया तथा इनाफ डाटा बेस पर रजिस्टर भी किया गया | राज्यों से आई रिपोर्ट के अनुसार इस प्रोग्राम के तहत् 41,353  बछडे-बछडी उत्पन्न हुए हैं | इन बछडे-बछडीयों का अनुसरण भी विभाग द्वारा किया जा रहा है |

2 से 14 अक्तूबर, 2017 के दौरान चलाये गए mass embryo transfer प्रोग्राम के बारे में जानकारी देते हुए सिंह ने बताया कि, राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत 10 राज्यों के सहयोग से देश भर के 12  ईटीटी केंद्रों में देशी नस्लों में सामूहिक embryo transfer का महत्वपूर्ण कार्यक्रम देश में पहली बार किया गया | इस कार्यक्रम के तहत सरोगेट गायों में उच्चतम आनुवंशिक गुणता वाली 6 देशी गोपशु नस्लों जैसे साहीवाल, गिर, रेड सिंधी, ओंगोल, देवनी तथा वेचुर के 391 भ्रूणों को अंतरित किया गया | इन गायों को   UID  के द्वारा चिन्हित किया गया है तथा इनका भी ब्याने तक अनुसरण किया जायेगा | इस कार्यक्रम से उत्पन्न उच्च गुणवता वाले बछडो का उपयोग वीर्य केन्द्रों पर वीर्य उत्पादन के लिए किया जायेगा | उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत 50 एम्ब्रीयो ट्रांसफर टेक्नोलॉजी(ETT)  लैबों को स्थापित किया जा रहा है | इन लैबों से देशी नस्लों के संरक्षण एवं संवर्धन को एक नयी दिशा मिलेगी |

  

    

 

 

 

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