पशु संदेश,19 जनवरी 2018
‘Dairy Processing & Infrastructure Development Fund (DIDF)’ के विभिन्न पहलुओं पर हितधारकों को जानकारी उपलब्ध कराने हेतू 18 जनवरी 2018 को डॉ. कुरियन सभागार, आणंद में NDDB द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया | इस कार्यशाला का शुभारंभ NDDB के चेयरमैन दिलीप रथ ने किया | इस अवसर पर उन्होंने, योजना की विस्तृत जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से डीआईडीएफ के वेबपेज का भी शुभारंभ किया | इस कार्यशाला में राज्य सरकारों के सचिव (एएच/डीडी), दूध महासंघो के प्रबध निदेशक (एमडी), दूध संघों/उत्पादक कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ), नाबार्ड तथा एनडीडीबी/एनडीडीबी सहायक संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित रहे ।
अपने उद्घाटन भाषण में रथ ने बताया कि, 2017-18 के केंद्रीय बजट में भारत सरकार ने डेरी क्षेत्र में प्रोसेसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास एवं विस्तार हेतु डेरी सहकारिताओं को सहयोग देने के लिए ‘Dairy Processing & Infrastructure Development Fund (DIDF) के निर्माण की घोषणा की है । इस fund का मुख्य उद्देश्य चिलिंग के लिए बुनियादी ढ़ांचे की स्थापना द्वारा एक कुशल मिल्क कलेक्शन व्यवस्था का निर्माण करना है | इसके साथ ही इलेक्ट्रानिक दूध मिलावट परीक्षण उपकरणों की स्थापन तथा वैल्यू एडेड मिल्क प्रोडक्ट्स के लिए प्रोसेसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, आधुनिकीकरण एवं विस्तार करना शामिल है । इस योजना में वर्ष 2017-18 से लेकर 2028-29 तक की अवधि के लिए कुल 10,881 करोड़ रूपए का प्राबधान है । इस के अंतर्गत राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) में रू. 8,004 करोड़ का एक कोष गठित किया जाएगा ।
NDDB और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) को यह राशि ऋण के रूप में प्रदान की जाएगी | जिसमें 2,001 करोड़ रूपए end borrower का contribution तथा 12 करोड़ रूपए एनडीडीबी/एनसीडीसी का शेयर होगा | 864 करोड़ का योगदान डिपार्टमेंट ऑफ एनिमल हसबेंडरी डेरी एंड फिशरी (DAFD) द्वारा ब्याज सहायता के रूप में दिया जाएगा । 2017-18 से 2028-29 तक की 12 वर्षों की संपूर्ण ऋण पुनर्भुगतान अवधि के लिए DAFD द्वारा नाबार्ड को ब्याज सहायता हेतु राशि प्रदान की जाएगी । इससे अंतिम ऋणी प्रतिवर्ष 6.5% के किफायती ब्याज दर पर ऋण प्राप्त कर सकेंगे और मौजूदा बुनियादी ढ़ांचे को उन्नत बनाने अथवा नए बुनियादी ढ़ांचे का निर्माण करने हेतु इस धन राशि का निवेश कर सकेंगे । एक इम्प्लीमेंटिंग एजेंसी के रूप में एनडीडीबी दूध सहकारिताओं और उत्पादक कंपनियों के जरिए इस योजना को लागू करेगी ।
डीआईडीएफ योजना से ऋण सहायता प्राप्त करने हेतु डेरी सहकारिताओं और उत्पादक कंपनियों से प्रोजेक्ट प्रपोजल तैयार करने के लिए अनुरोध किया गया है । योजना के विभिन्न घटक, कार्यान्वयन व्यवस्था, पात्रता मानदंड, नियम एवं शर्तों, योजना के अंतर्गत डीपीआर तैयार करने और उसको जमा करने तथा अनुमोदन प्राप्त करने की प्रक्रिया पर विचार-विमर्श करने के लिए इस कार्यशाला ने एक मंच प्रदान किया । वर्कशॉप में हितधारकों की शंकाओं का समाधान भी किया गया ।