दुधारू पशुओं के लिए संतुलित आहार

Pashu Sandesh, 30 July 2022

 

डॉ मयंक सोनी , डॉ पूर्णिमा द्विवेदी , डॉ अंतरा केन , डॉ तनुप्रिया राम , डॉ शिवांगी पाठक (सहायक प्राध्यापक) नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विश्वविद्यालय, अधारताल, जबलपुर

भारत एक कृषक प्रधान देश है भारत का 60% भूभाग कृषि से घिरा हुआ है भारत में कृषि एवं पशुपालन कृषक की आजीविका का प्रमुख साधन है पशुपालन से कृषक दुग्ध विक्रय के माध्यम से दिन में दो बार अपनी दैनिक आमदनी तैयार कर सकता है इस प्रकार पशुपालन व्यवसाय कृषि एवं कृषक दोनों के लिए ही रीड की हड्डी साबित हुआ है|

दुग्ध उत्पादन में वृद्धि की आवश्यकता -

भारत ने पशुपालकों के सहयोग से श्वेत क्रांति में अपना वर्चस्व बना लिया है वर्तमान में भारत 19.84 करोड टन वार्षिक दुग्ध उत्पादन (NDDB 2019-20) करके विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश बन गया है, जहां प्रति व्यक्ति दूध खपत 427 ग्राम प्रतिदिन(2020-21) है, NDDB के अनुमानित आंकलन के अनुसार 2030 में शहरी क्षेत्र में प्रति व्यक्ति दुग्ध खपत 592 मिलीलीटर प्रतिदिन तथा ग्रामीण क्षेत्र में 404 मिलीलीटर प्रति दिन रहेगी और इस दुग्ध खपत की कमी के अंतराल को समान करने के लिए पशुपालकों का दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के प्रति रुझान आवश्यक है और इसके लिए आवश्यक है संतुलित पशु आहार तथा उचित प्रबंधन।

वैज्ञानिक परीक्षणों से इस बात की पुष्टि हुई है कि केवल संतुलित और पोषक पशु आहार देकर दुधारू पशुओं का दुग्ध उत्पादन 60% तक बढ़ाया जा सकता है।

संतुलित दाना मिश्रण कैसे बनाएं -

एक पशुपालक को आवश्यक है कि मिश्रण में उपयोग में लिए जाने वाले पदार्थों से प्राप्त होने वाले पाचक तत्व जैसे कच्ची प्रोटीन(CP), कुल पाचक तत्व(TDN) तथा चयापचयी ऊर्जा(ME) का भी ज्ञान हो तभी हम इन तत्वों के आधार पर संतुलित दाना मिश्रण तैयार कर सकते हैं। आइए जानते हैं संतुलित दाना मिश्रण में मिलाए जाने वाले पदार्थ तथा उनकी मात्रा।

मक्का/जौ/जई      -  40 किलोग्राम

बिनोले की खल       -16 किलोग्राम

मूंगफली की खल    - 15 किलोग्राम

गेहूं का चोकर         - 25 किलोग्राम

खनिज मिश्रण(MM)- 2 किलोग्राम

साधारण नमक       -  1 किलोग्राम

  (कुल 100 किलोग्राम दाना मिश्रण)

उपरोक्त पदार्थों की मात्रा 100 किलोग्राम संतुलित दाना आहार बनाने के लिए उपयुक्त है।

उत्पादन के लिए आहार-

पशुओं में अधिक उत्पादन के लिए आवश्यक है पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक चारा। उत्पादन आहार पशु आहार कि वह अतिरिक्त मात्रा है जो पशुओं के जीवन निर्वाह के लिए सामान्यतः दिए जाने वाले आहार के अतिरिक्त उसके दुग्ध उत्पादन के लिए दी जाती है इसमें देसी गाय के लिए प्रति 2.5 लीटर दूध के उत्पादन के लिए जीवन निर्वाह के आहार के अतिरिक्त 1 किलो दाना देना चाहिए, जबकि संकर गायों अथवा भैंसों में यह मात्रा प्रति 2 किलो दूध पर दी जाती है। और यदि अच्छी गुणवत्ता वाला हरा चारा उपलब्ध है तो 10 किलो अच्छी गुणवत्ता वाले चारे को 1 किलो दाना की जगह उपयोग में लिया जा सकता है इससे पशुपालक को आहार की कीमत में कुछ राहत मिलेगी। इसके अलावा ग्रीष्म ऋतु में पशु को तापीय तनाव से बचाने के लिए साफ पानी कम से कम दिन में तीन बार जरूर पिलाना चाहिए। गाय तथा भैंसों को जीवन निर्वाह के लिए 30 से 35 लीटर पानी की प्रतिदिन आवश्यकता होती है तथा दुधारू पशुओं को इसके अतिरिक्त प्रति लीटर दूध उत्पादन पर 2 लीटर पानी और अधिक पिलाना चाहिए।

दुधारू पशुओं के लिए अन्य सामान्य प्रबंधन-

पशुओं को साफ पानी ही पिलाना चाहिए खेतों के समीप भरे गड्ढे या पोखर का पानी पिलाने से बचना चाहिए क्योंकि खेतों में उपयोग में लिए जाने वाले कीटनाशक तथा खरपतवार‌ रिसकर इनमें आ जाते हैं जो पशुओं के लिए विषैले हो सकते हैं। पशुबाड़े में गोबर तथा मूत्र के निकास के लिए उचित प्रबंध होना चाहिए कम से कम दिन में एक बार फिनाइल के घोल से सफाई जरूर करना चाहिए। गर्मियों में भारी तापमान तथा लू से पशु को बचाना आवश्यक है अन्यथा पशुओं के दूध उत्पादन में गिरावट आ जाती है।

अतः इन सभी प्रबंधन तरीकों तथा संतुलित आहार से दुग्ध उत्पादन को बढ़ाया तथा कम होने से बचाया जा सकता है जो कि पशुपालकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।