केंद्र ने  पशु कल्याण अधिनियम  में  बदलाव के लिए  देशभर के पशु प्रेमियों के साथ की बैठक

पशु अपराध नियंत्रण के छह दशक पुराने नियम को बदलने के लिए संकल्पित सरकार का प्रयास अंतिम चरण में है:गिरीश जयंतीलाल शाह

पशु संदेश, मुंबई(महाराष्ट्र);17 अप्रैल 2021:

डॉ.आर.बी.चौधरी

हाइलाइट्स:

# अब पशु अपराधियों को ₹10 - ₹50 की जगह ₹75,000 का जुर्माना देना होगा

# केंद्र सरकार ने देश भर के पशु प्रेमियों की वेबीनार मीटिंग की

# 25 अप्रैल तक लिखित सुझाव मांगे गए हैं

# राज्य जीव जंतु कल्याण बोडों को अब काम करना पड़ेगा

भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड की स्थापना वर्ष 1962 में जीव जंतु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत किया गया था जिसका मूल उद्देश्य यह था कि पशु पक्षियों के ऊपर होने वाले क्रूरता, अत्याचार एवं अपराध को रोका जा सके। आज से तकरीबन 60 साल पहले बनाए गए कानून के तहत पशुओं पर अत्याचार करने वाले अपराधियों के लिए लगाए जाने वाला जुर्माना सिर्फ  ₹10 से लेकर ₹50 तक था जिसे केंद्र सरकार बढ़ाने के लिए मन बना लिया है। इस विषय पर इस बृहस्पतिवार को आयोजित वेबीनार बैठक में देशभर के पशु प्रेमियों तथा संबंधित लोगों कोविचार विमर्श के लिए आमंत्रित किया गया था और तकरीबन 2 घंटे की मीटिंग में कई बातें खुलकर आई। भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य गिरीश जयंतीलाल शाह ने बोर्ड केअध्यक्ष डॉ ओ पी चौधरी तथा संबंधित मंत्रालय -मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के मंत्री गिरिराज सिंह की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड का पूरा इतिहास बदलने जा रहा है। इससे पशुओं पर होने वाले अपराधों को रोकने तथा राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने का एक मजबूत ढांचा मिलेगा।

गिरीश जयंतीलाल शाह वर्तमान में भारतीय जन कल्याण बोर्ड के सिर्फ एग्जीक्यूटिव मेंबर ही नहीं है बल्कि राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित एवं देश में जीव दया एवं पशुओं की रक्षा के लिए सबसे अधिक समर्पित एवं व्यवहारिक काम करने वाली संस्था समस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी भी है । आज वह पशु प्रेमियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार पशुओं के ऊपर अपराध को रोकने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है जिसका नतीजा है कि पिछले दिनों गत छह दशकों से चली आ रही घिसी - पिटी पशु अपराध नियंत्रण के नियम नियमावली नहीं बदली जा सकती थी जिसेवर्तमान सरकार ने संशोधित करने का निर्णय ले लिया है। उन्होंने बताया कि इस विषय में कल एकपशु प्रेमियों की सुबह वेबीनार मीटिंग की गई थी जिसमें सबसे राय पूछा गया। चूंकि इस बैठक में प्रतिभागियों की संख्या इतनी अधिक हो गई थी की सभी के सुझाव को सुनना एवं उन्हें समग्र रूप से एकत्र करना संभव नहीं था । इसलिए भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सचिव डॉ एसके दत्ता ने सरकार के आदेशों के अनुसार सभी प्रतिभागियों को यह अवगत कराया कि अपने विचार और सुझाव 25 अप्रैल 2021 तक मंत्रालय को प्रेषित कर दें ताकि उसके समावेश पर विचार किया जा सके ।

शाह ने भारतीय जन कल्याण बोर्ड के सचिव दत्ता के द्वारा मसौदा(ड्राफ्ट) जीव जंतु क्रूरता निवारण अधिनियम 2021 प्रभावी एवं परिपक्व बनाने के लिए वेबीनार के माध्यम से इतना सरल और आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया जो अत्यंत सराहनीय रहा है। सेक्रेटरी के पावर पॉइंट प्रस्तुति में जहां सिलसिलेवार महत्वपूर्ण धाराओं की चर्चा की गई और उसमें किए गए संशोधन को बताया गया वहीं पर मंत्रालय द्वारा यह अनुरोध किया गया कि पशु प्रेमी निर्धारित समय के अंदर अपने सुझाव को प्रेषित करें। डॉ.  दत्ता ने अपने प्रस्तुति में बताया कि जो 10 से लेकर के ₹50 का दशकों से चला आ रहा जुर्माना बढा  करके  रु.75,000 या पशु के मूल्य का 3 गुना  कर दिया गया है। इस प्रकार पशु अपराधियों के ऊपर लगाम कसने के कई महत्वपूर्ण एवं प्रभावी उपायों का समावेश किया गया है। साथ ही साथ राज्य जीव जंतु कल्याण बोडों के क्रियान्वयन एवं संचालन नियमावली शामिल करने पर भी विशेष जोर दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार इस वेबीनार मीटिंग में देशभर के सैकड़ों पशु प्रेमी शामिल हुए और अपने विचारों को रखने के लिए लालायित थे लेकिन समय और उपलब्ध सुविधा के अनुसार ऐसा संभव नहीं हो पाया। इसके बदले में  केंद्र सरकार ने इच्छुक पशु प्रेमियों से विचार मांगे हैं और जिस की अंतिम तिथि 25 अप्रैल 2021 रखा गया है। शाह ने बताया कि अधिक जानकारी के लिए भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के साइट परजाने पर अधिक जानकारी मिलेगी और सभी को सरकार के अनुरोध के अनुसार अपने विचारों को रखना चाहिए। उन्होंने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि वेबीनार बेशक एक सरल,सस्ता एवं तेज संचार का माध्यम है लेकिन ऐसे मामलों में सरकार को सेमिनार वर्कशॉप और विभिन्न स्तर की बैठकों का आयोजन कर निर्णय लेना चाहिए। 

 

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