गौसंवर्धन से पर्यावरण की तमाम समस्याएं सुलझायी जा सकती हैं :डॉक्टर नीलम बाला

पशु संदेश, 24 April 2019

ग्रामीण पशु चिकित्सा की दिशा में पहली बार आधुनिकतम पशुचिकित्सालय संचालित हुआ

डॉ.आर.बी चौधरी

"पशु कल्याण का मुद्दा आज पर्यावरण संरक्षण और स्वस्थ अन्न जुटाने के प्रबंध से लेकर स्वस्थ पशु उत्पाद लेने के लिए पशु कल्याण अपनाना निहायत जरूरी है| आप ताज्जुब करेंगे कि यूरोपियन देशों के मुकाबले हमारे देश में भूमि की उर्वरता बनाए रखने में "कारबन" और "ह्यूमस" की मात्रा 5% के बजाय 0.5% है यही कारण है कि आज न तो किसान को पर्याप्त आमदनी हो रही है और न हीं खाद्यान्नों की गुणवत्ता बरकरार है| खेती में रासायनिक खाद जहां बढ़ें हैं वहीं ऑर्गेनिक खाद की कमी के कारण उत्पादन लागत आसमान छू रही है| इसका सबसे सस्ता और आसान निराकरण है गौसंवर्धन ", यह बात कही है डॉक्टर नीलम बाला जो केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड की सचिव हैं| वह हरियाणा के दादरा में स्थापित श्री कृष्ण गौशाला मैं आयोजित एक उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी| उन्होंने हरियाणा पशु प्रेमियों से अनुरोध किया कि देश भर के सभी पशु प्रेमियों को आज की हालात में सामने आना चाहिए|संबंधित विभागों से बातचीत करना चाहिए| सरकार के पास तमाम योजनाएं है जिनका लाभ उठाया जा सकता है और संपूर्ण धरती को पर्यावरण के प्रकोप से बचाया जा सकता है|

पशु संवर्धन एवं विकास में डॉक्टरेट , युवा वैज्ञानिक पुरस्कार विजेता तथा भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड की सचिव डॉक्टर नीलम बाला ने "श्री कृष्ण गौशाला" में "आधुनिक गो-चिकित्सालय" एवं "बलभद्र नंदी शाला" का उद्घाटन किया| उन्होंने बताया कि पशुसंवर्धन और संरक्षण का कार्य बिना व्यवस्थित पशु चिकित्सा सुविधा के नहीं किया जा सकता है|आज देश में पशु चिकित्सालयों की भारी कमी है और सरकार निरंतर पशु चिकित्सा व्यवस्था में सुधारने का प्रयास कर रही है किंतु जनता की साझेदारी परम आवश्यकता है|अगर जनसहभागिता का रास्ता प्रबल हो जाए तो पशु चिकित्सालयों की कमी को काफीहद तक दूर किया जा सकता है| आज दादरी में आधुनिक पशु चिकित्सालय स्थापित कर यहां के पशु प्रेमियों और गौशाला कार्यकर्ताओं ने देश भर में एक मिसाल कायम कर दिया है|इस तरह का प्रयास देश के अन्य भागों अपनाने की आवश्यकता है|

डॉक्टर बाला ने बताया कि वर्ष 2015 के एक सर्वे के अनुसार जहां हमारी देश के 12 राज्यों में संचालित कुल पशु चिकत्सालयों/पालीक्लिनिक्स की संख्या 11,367 थी वहीं अकेले राजस्थान में 2,327 थी अर्थात देश के कुल पशु चिकत्सालयों/पालीक्लिनिक्स की तुलना में 20|47% हिस्सा अकेले राजस्थान पाई गई| हरियाणा के राज्य में महज 946 (8|32% )पशु चिकत्सालयों/पालीक्लिनिक्स पाए गए| कृषि एवं पशुपालन का अग्रदूत हरियाणा का यह आंकड़ा बहुत दुखद है| इस हालात को सुधारने की परम आवश्यकता है| यह संख्या आज तीनगुनी करने की जानी चाहिए|इसलिए प्राइवेट पशु चिकित्सालयके स्थापना के लिए उठाया गया दादरी का यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है|

यहां या बता दें की दादरी डॉक्टर नीलम वाला की जन्मस्थली है| सचिव अपने संबोधन में कई बार भावुक हो गई और अपने बचपन की यादें ताजा करते हुए कहा कि दादरी में उनका बचपन लोगों के अनन्य प्यार-मोहब्बत के बीच में बीता है|बताया जाता है कि डॉक्टर नीलम बाला के पिता एक प्रख्यात डॉक्टर थे और वह वहां की जमीन और लोगों की आत्मा से जुड़े थे|वह अपने अमूल्य मेडिकल सेवाओ के वजह से खूब जाने जाते थे|उनके लिए रात- दिन एक समान था|उनके पिता दवाखाना कभी बंद नहीं होता था|अकेले कि नहीं बल्कि समूचा परिवार लोगों के लिए जीता था|जिसकी पूरी अक्स डॉक्टर नीलम मे लोग देखते हैं| समय बदला- लोग बदले किंतु दादरी की परंपराएं, चिंतन और सोच नहीं बदली|यहां के नागरिक सिर्फ आपसी सौहार्द ,आपसी एकता और सामुदायिक विकास के लिए समर्पित है जिसका नतीजा आज हमारे सामने है|

गौशाला के प्रणेता एवं श्री कृष्ण सेवा दल के प्रमुख शिव कुमार गर्ग ने कहा कि गाय के उपचार के लिए दादरी में कोइ अच्छा किस्म का पशु चिकित्सालय नहीं था जो आज डॉक्टर नीलम बाला के प्रेरणा और उत्साहवर्धन से स्थापित किया गया जिसके लिए पूरा दादरीअत्यंत आभारी है|इस अस्पताल में एक्स-रे,ऑपरेशन थिएटर ,पैथोलॉजी औरओपीडी सहित अन्य आवश्यक विभागों की व्यवस्था की गई है| उन्होंने कहा कि इस पशु चिकित्सालय की स्थापना जन सहयोग से की गई है| हम लोग चाहते हैं कि आस-पास के गांवया कस्बे के निराश्रित पशुओं की भी सेवा की जाए| आयोजन समिति के एक सदस्य ने बताया कि इस अवसर पर कवि सम्मेलन एवं भंडारे का आयोजन भी किया गया| परम सम्मानीय बाबा रामस्वरूप ब्रह्मचारी एवं महंत बाबा सच्चा नाथ जी के आशीर्वचन एवं ब्रह्मआश्रम दंडी स्वामी जी महाराज के पावन उपस्थिति के अलावा अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे जिसमें हरियाणा गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष- भानी राम मंगला और समाज सेवी लाला ओम प्रकाश ने भी अपने विचार रखे|