गोरखपुर का सेंट्रल एनिमल ब्रीडिंग इंस्टीट्यूट शुरू करेगा स्वाबलंबी गौशाला प्रशिक्षण शिविर

गोवंश संरक्षण-संवर्धन के मामले में केंद्रीय मंत्री जनसंवाद के लिए तैयार- एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजन समिति को दिया अनौपचारिक सहमति-

Pashu Sandesh, 09 March 2022 गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)

डॉ. अमरनाथ जायसवाल

गोरखपुर एनिमल वेलफेयर ग्रुप के तत्वाधान में तुरा बाजार स्थित सेंट्रल एनिमल ब्रीडिंग इंस्टीट्यूट(सीएबीआई) के सभागार में पशु प्रेमियों तथा पशुधन विशेषज्ञों की एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में गोरखपुर शहर में पशु कल्याण कार्यक्रमों को संचालित करने तथा पशु पक्षियों पर होने वाले अपराध को नियंत्रित करके गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने गौ संरक्षण- संवर्धन के माध्यम से किसानों पशुपालकों अथवा आम जन को लाभान्वित कराने के लिए विचार विमर्श किया गया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस कार्य को मूर्त रूप देने के लिए सुनियोजित प्रशिक्षण शिविर एवं जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने की अत्यंत आवश्यकता है ताकि प्रतिभागियों को केंद्र सरकार के कार्यक्रमों से जोड़ा जा सके। इस मीटिंग में यह बताया गया कि केंद्रीय पशुपालन मंत्री गौसंवर्धन -संरक्षण विषय पर किसानों, पशुपालकों तथा पशु प्रेमियों के साथ सीधा संवाद करना चाहते हैं । मीटिंग में इस बात की भी चर्चा की गई कि सिर्फ पूर्वी उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूर्वी भारत के कई राज्य केंद्रीय पशु कल्याण तथा गौसंवर्धन- संरक्षण कार्यक्रमों से या तो लोग अनभिज्ञ है अथवा जानकारी होते हुए भी उसका भरपूर लाभ नहीं उठा पाते। इसलिए इस विषय पर शिक्षण प्रशिक्षण तथा जागरूकता की अत्यंत आवश्यकता है।

बैठक के संयोजक, उत्तर प्रदेश लाइवस्टाक डेवलपमेंट बोर्ड के पूर्व जोनल मैनेजर एवं शहर के जाने-माने वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. बी के सिंह ने उत्तर प्रदेश में पशु कल्याण के तमाम चुनौतियों और केंद्र सरकार द्वारा संचालित कई परियोजनाओं से पशु प्रेमियों को वंचित रहने की बात उठाई। उन्होंने कहा कि गोरखपुर शहर आज एक उभरता हुआ सितारा जैसे बन गया है और इस शहर की साफ- सफाई के लिए छुट्टा पशुओं की बेहतर प्रबंधन के विभिन्न उपायों को जोड़ने की अत्यंत आवश्यक है क्योंकि अनोत्पादक कहे जाने वाले गोवंश कभी अनोत्पादक नहीं होते, वह हमारे खेती -बाड़ी, पर्यावरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ी शक्ति होते है। उनके गोबर गोमूत्र की कीमत आज विज्ञान की कसौटी पर भी खरा उतर चुका है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में देसी एवं उत्पादक गोवंशीय पशुओं के नस्ल संरक्षण की विविध चुनौतियों के बारे में जानकारी दी और कहा कि इस दिशा में आम आदमी के बीच में पहुंचने के लिए बहुत सारे कार्यक्रम संचालित करने की आवश्यकता है। डॉ. सिंह ने बताया कि सेंट्रल बिल्डिंग इंस्टिट्यूट प्रदेश का ऐसा प्रतिष्ठान है जिसके पास नाइट्रोजन उत्पादन का एक बड़ा संयंत्र है जिसकी क्षमता 13 किलोलीटर है जबकि अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार के पास सिर्फ 6 किलोलीटर क्षमता का संयंत्र उपलब्ध है। यह बता दें कि लिक्विड नाइट्रोजन के माध्यम से पशु प्रजनन के लिए प्रयुक्त सीमेन संरक्षण एवं भंडारण का कार्य किया जाता है और उसी के माध्यम से सीमेन को एक स्थान से दूसरे स्थान तक सुरक्षित ढंग से पहुंचाया जाता है। चेन्नई से आए पशु कल्याण विशेषज्ञ एवं भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के पूर्व सहायक सचिव तथा मीडिया हेड/ चीफ एडिटर डॉ. आर बी चौधरी ने बताया कि पशु कल्याण विषय सिर्फ पशुओं पर अपराध को नियंत्रित करने से ही नहीं संबंधित है बल्कि इसका सीधा संबंध पशुओं के बेहतर एवं गुणवत्तापरक उत्पादन से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि आज पश्चिमी देशों में पशु कल्याण का विषय पशु चिकित्सा विज्ञान का एक अहम हिस्सा बन गया है। हमारे देश की सबसे प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान भारतीय पशु चिकित्सा परिषद ने भी पशु चिकित्सकों की पढ़ाई में इस विषय को शामिल कर लिया है । उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में सिर्फ पशुओं से होने वाली आमदनी से ही किसान की आमदनी दोगुनी की जा सकती है जो आजकल सबसे पॉपुलर सरकारी स्लोगन है । उन्होंने साइंटिफिक स्टडी का हवाला देते हुए बताया कि वर्ष 2004 में एक अंतरराष्ट्रीय एनिमल वेलफेयर साइंटिस्ट प्रोफेसर मैकइनर्नी ने इंग्लैंड के एक्सेंटर यूनिवर्सिटी में किए गए अपने एक अध्ययन के के बाद सारी दुनिया के सामने रखा कि जितना ही अधिक पशु कल्याण की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं उसी अनुसार पशुओं के उत्पादन और उसके गुणवत्ता पर असर पड़ता है।

ऑक्सीटॉसिन इंजेक्शन के दुरुपयोग पर अभिनव अनुसंधान कर उसके खुली बिक्री पर प्रतिबंध लगवाने में अहम भूमिका निभाने वाले परिचर्चा एवं एनिमल वेलफेयर साइंस पर प्रकाशित देश की पहली पत्रिका पशुमित्र के संपादक , डॉ. आर बी चौधरी ने आगे बताया कि इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि "पशु मित्र" और "गौशाला प्रबंधन" पर प्रकाशित होने वाली पत्रिका "पर्यावरण भारती" प्रयास से इस साल अप्रैल महीने में पहली बार गौशाला सम्मेलन गोरखपुर में किया जाएगा । साथ ही साथ पूर्वी भारत में पशुधन उत्पादन को बेहतरीन गोवंश शुक्राणु उपलब्ध करा कर उत्तर प्रदेश के अत्यंत पिछड़े एवं साधारण किसानों के समृद्धि के लिए सेवाएं प्रदान करने वाली संस्था "सेंट्रल एनिमल ब्रीडिंग इंस्टिट्यूट" के सहयोग से आत्मनिर्भर गौशाला प्रबंधन एवं जीव जंतु कल्याण पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस आयोजन के लिए केंद्रीय पशुपालन मंत्री श्री पुरुषोत्तम रुपाला को आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि इस संबंध में उन्होंने पहले से ही अपनी औपचारिक अनुमति दे दी है। गोरखपुर में आयोजित इस मीटिंग के लिए अपने संदेश जरिए यह बताया कि यह कार्यक्रम गौ सेवा के लिए मील का पत्थर साबित होगा । डॉक्टर सक्सेना भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के कोआप्टेड मेंबर एवं पर्यावरण भारती के प्रधान संपादक है। डॉ. जयप्रकाश सक्सेना ने बताया कि केंद्रीय पशुपालन मंत्री श्री रूपाला जी गो संरक्षण- संवर्धन के लिए अत्यंत समर्पित है और वह उत्तर प्रदेश में आने के लिए इच्छुक हैं। इस बैठक में सेंट्रल एनिमल ब्रीडिंग इंस्टिट्यूट के प्रबंध निदेशक डॉ. संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि गोरखपुर में आयोजित किए जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए श्री रुपाला जी के आगमन को गोरखपुर के पशु प्रेमी तथा पशुपालक बड़े ही सकारात्मक दृष्टि से देख रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों के लिए इंस्टिट्यूट पहले से ही प्रतिबद्ध है। सेंटर पर 72 कमरों का महिला एवं पुरुष छात्रावास उसहित आधुनिक सुविधाओं से लैस कैंटीन, यातायात के लिए गाड़ियां और अति प्रशिक्षित एवं योग्य विशेषज्ञों की फैकल्टी भी उपलब्ध है। इंस्टीट्यूट के प्रशिक्षण कार्यक्रम में नियमित तौर पर एनिमल वेलफेयर ट्रेनिंग, स्टडी, अनुसंधान और प्रचार प्रसार के कार्यों को सम्मिलित किया जाएगा ताकि लोगों को अधिक से फायदा मिल सके। डॉ. श्रीवास्तव का मानना है कि आज के युग में सस्टेनेबल डेवलपमेंट प्रणाली अत्यंत आवश्यकता है। इसलिए पशु उत्पादन के आधुनिक तकनीक के साथ पशु कल्याण की जानकारी को लोगों के बीच में ले जाना बहुत जरूरी है।

भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के मानद जीव जंतु कल्याण अधिकारी डॉ. अमरनाथ जायसवाल के अनुसार देश में मशीनीकरण के नाते गोवंशीय पशुओं का उपयोग गांव में नहीं के बराबर हो गया है। इसलिए उनके ऊपर अपराध बढ़ रहा है जो अत्यंत चिंताजनक बात है। इसे रोकने के लिए नए-नए उपाय ढूंढने होंगे तथा लोगों में जनजागृति भी पैदा करना अत्यंत आवश्यक है ताकि अधिक से अधिक लोग इस अभियान में शामिल हो सके। बैठक में पशुधन प्रसार अधिकारी श्रीमती मनीषा श्रीवास्तव तथा गोरखपुर शहर के जाने-माने पशु कल्याण कार्यकर्ता श्री शिवेंद्र यादव सहित कई लोग उपस्थित रहे और सभी प्रतिनिधियों ने अपने-अपने विचार रखे।