समस्त महाजन द्वारा आयोजित दो दिवसीय जीव दया सम्मेलन एवं गौशाला प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न
Pashu Sandesh, 1 March 2021 गडावास (राजस्थान),
गुंजन संघराजका एवं देवेंद्र जैन-वापी
आज समस्त महाजन द्वारा आयोजित दो दिवसीय जीव दया सम्मेलन एवं गौशाला प्रशिक्षण कार्यक्रम बड़े ही जोश -खरोश से गडावास मैं आयोजित गो-कथा कार्यक्रम का समापन हुआ। इस कार्यक्रम में राजस्थान के कई जनपदों से पधारे गौशाला प्रतिनिधि और प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रशिक्षु शामिल हुए। आज समस्त महाजन के पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया। संस्था के मैनेजिंग ट्रस्टी गिरीश जयंतीलाल शाह मैं आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गौ सेवा सिर्फ एक दिनचर्या ही नहीं बननी चाहिए बल्कि संस्कृति और सभ्यता बन जानी चाहिए। गांव और ग्जीवन को संभालने के लिए गोधन एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा खेती को उपजाऊ बनाने से लेकर पौष्टिक , स्वास्थ्य एवं स्वादिष्ट अन्न उत्पादन करने एक बेहतर माध्यम दूसरा कुछ नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि गाय से ही गांव को समृद्ध एवं आत्म निर्भर बनाया जा सकता है । साथ साथ पर्यावरण को भी संरक्षित और सुरक्षित रखा जा सकता है।
समस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी शाह ने बताया कि आज प्रशिक्षुओं को प्रातः पंचला तीर्थ आश्रम में योगासन की महत्ता के बारे में बताई गई और अभ्यास कराया गया। सभी प्रशिक्षुओं ने आज नागौर पंजरापोल का भ्रमण किया और वहां के कार्य पद्धति के बारे में जानकारी प्राप्त प्राप्त की। इसके बाद सभी प्रशिक्षु मेड़ता रोड पर आयोजित साप्ताहिक गो कथा कार्यक्रम में शामिल हुए। संस्था के कई ट्रस्टी और मैनेजिंग ट्रस्टी गिरी जयंतीलाल शाह ने गौ सेवा के बारे में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि एक 14 साल की बच्ची गो कथा का वर्णन इस प्रकार कर रही है कि वहां पर मौजूद जनसैलाब मंत्रमुग्ध हो होकर बस सुनता ही जा रहा था। सभा में शाह ने गोचर विकास, जल संरक्षण एवं गौशाला को स्वावलंबी बनाने के गुर भी बताएं। इस आयोजन में समस्त महाजन द्वारा विभिन्न गौशालाओं को दिए जाने वाले आर्थिक सहायता की बात बताते हुए शाह ने कहा कि पिछले साल का अवशेष गौशाला अनुदान राशि 1.5 करोड़ अब बांटा जाएगा। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय जीव दया सम्मेलन एवं गौशाला प्रशिक्षण कार्यक्रम में तकरीबन 250 प्रतिनिधि शामिल हुए जो राजस्थान के विभिन्न जनपदों से आए हुए थे। जबकि गो कथा सुनने के लिए हजारों भक्तों की भीड़ लगी थी जिसमें महिला बच्चे, बूढ़े सभी लोग शामिल थे।