गो आधारित खेती के लिए पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन
Pashu Sandesh, अहमदाबाद (गुजरात); 23 मार्च 2021
डॉ आर बी चौधरी
गुजरात के महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी के समक्ष राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संस्था समस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी एवं भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य गिरीश जयंतीलाल शाह के बीच एक अंतरंग वार्ता हुई जिसमें जीव दया एवं पशु कल्याण की विशेष चर्चा हुई। बताया जाता है कि महामहिम राज्यपाल अत्यंत अध्ययन शील , पर्यावरण एवं गौ संरक्षण विचारधारा के अनुयाई ही नहीं स्कॉलर भी है। जब वह बोलते हैं तो उनकी विचारधारा लोग बड़े ध्यान से सुनते और मनन करते हैं । श्री जलाराम गौशाला- भाभर के कार्यक्रम में शिरकत करने से पहले उन्होंने शाह जी के गौआधारित ग्राम विकास की अवधारणा पर प्रस्तुत पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन मंत्रमुग्ध होकर देखते रहे और शाह के मार्गदर्शन में संचालित गौ संरक्षण- संवर्धन के माध्यम से संचालित ग्राम्य विकास प्रणाली को खुले दिल से सराहना की।
समस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी शाह ने अपने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि पशु आधारित प्राकृतिक खेती अब एक सहारा बचा है और बिना देर किए इसे अपनाए जाने की आवश्यकता है । उन्होंने यह भी कहा कि भाभर में महामहिम राज्यपाल महोदय को पावर पॉइंट के माध्यम से यह अवगत कराया गया कि यदि सिक्किम की तरह गुजरात राज्य की सम्पूर्ण प्राकृतिक की जाए तो प्रदेश में आमूलचूल परिवर्तन आ जाएगा। उन्होंने कहा कि इस दिशा में सरकार को आगे आना चाहिए ताकि गुजरात के किसानों के बेहतर स्वास्थ और उनके खेती से आमदनी सुनिश्चित की जा सके । उनका जीवन अपनी खेती के साथ-साथ प्राकृतिक हो जाए । अब खेती को बिना नुकसान किए हुए आगे बढ़ना होगा । अपनी बात को उन्होंने मुख्यत या 8-9 बिंदुओं में समेटा और कहा कि इनके अलावा सुखी संपन्न एवं आत्मनिर्भर किसान की कल्पना अब नहीं की जा सकती।"
शाह ने जिन बातों को बिना ना चाहा उसमें सबसे पहली बात उन्होंने बताया कि गुजरात सरकार की तरफ़से रासायनिक खाद और जंतु नाशक दवाइयाँ पर सम्पूर्ण प्रतिबंध लगाना होगा और रासायनिक खाद और जंतुनाशक दवा पे सभी प्रकार की सब्सिडी बंद करनी होगी । दूसरी बात यह कि खाद की पूर्ति हेतु सभी गौशाला और पांजरापोल में सुरक्षित सभी पशु को प्रति पशु प्रति दिन रु 50 की सब्सिडी देनी होगी और तीसरी बाद के लिए बताया कि ट्रैक्टर के ऊपर और डीज़ल के ऊपर सभी प्रकार की सब्सिडी बंद करनी होगी , बैल से खेती और बैलगाड़ी से खेत माल का परिवहन प्रोत्साहित करना होगा ।
अपने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन में उन्होंने चौथे विचार बिंदु का परिचय देते हुए बताया कि पांजरापोल गौशाला के अंदर रोज़ जो गोबर और गोमूत्र उत्पन होगा वो रोज़ बरोज नज़दीक के किसानो को वीना मूल्य वितरित करना होगा तथा पांचवी पाठ के तहत कहा कि गुजरात के 18,114 गाँव के गौचर अतिक्रमण मुक्त करके विकसित करने होंगे । इसके साथ साथ छठ में विचार बिंदु के तहत उन्होंने छठे नंबर के तहत तालाब तथा झीलों के उपादेयता की बात कही और बताया कि गुजरात के 93,280 तालाब को खोदकर उसकी मूल स्थिति में लाना होगा और पानी के नाले भी सफ़ाई करने होंगे ।
सातवें विचार बिंदु के तहत उन्होंने बताया कि गौआधारित खेती तथा ग्राम में विकास के महत्व को बताते हुए उन्होंने बताया कि किसी भी कार्यक्रम को संचालित करने के लिए फंड की जरूरत होती है। इसलिए सरकार के ऊपर अतिरिक्त भोजन ना पड़े उन्होंने सुझाव दिया कि इस कार्य के लिए गुजरात के सभी डेरी में दूध पर प्रति लीटर रु 2 की इनपुट टैक्स लगाकर वो रक़म पांजरापोल गौशाला को दे सकते है और इससे जो धनराशि इकट्ठा होगा उससे पशुसंवर्धन संरक्षण का कार्य करके प्राकृतिक खेती की जा सकती है और गांव को बिना किसी अतिरिक्त खर्च के आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया जा सकता है।
शाह का मानना है कि पशु पक्षी देश के बहुत बड़े धरोहर हैं और प्रकृति के संरक्षण के महत्वपूर्ण इकाई । आठवें विचार बिंदु के तहत उन्होंने बताया कि पशु - पक्षी संरक्षण के साथ-साथ खेती के मजबूती के लिए गोवंशिय पशुओं के संरक्षण -संवर्धन को बढ़ावा देना होगा। इसके लिए सबसे पहले जो जरूरत है नौवें विचार बिंदु के तहत उन्होंने संबंधित विभागीय जिम्मेदारी और उसकी संचालन को मजबूत करने की बात पर जोर दिया और कहा कि गौसेवा आयोग और गौचर विकास बोर्ड के चेरमन की तत्काल नियुक्ति की जाय । साथ ही साथ करुणा ऐम्ब्युलन्स 1962 हर गाँव तक पहुंचे तो प्रदेश की ग्राम में विकास की प्रक्रिया अपने आप तेज हो जाएगी। क्योंकि यह व्यवस्था सिर्फ सुधर ही नहीं है टिकाऊ है इको फ्रेंडली है और किसानों को मुनाफा देने वाली है।