रांची में एनिमल हॉस्टल बनाया जाएगा: मनोज कुमार, आईएएस , नगर आयुक्त रांची

पशु संदेश, 05 March 2019

नगर निगम रांची की कई पशु कल्याण योजनाएं मुखरित होंगी। नगर निगम के नियम -अधिनियम के अनुसार पशु- पक्षियों की सुरक्षा व्यवस्था को उतना ही स्थान दिया जाएगा जितना की नगर निवासियों को क्योंकि आज के युग में हमारे जीवन की रफ्तार इतनी तेज हो गई है जहां पर पर्यावरण सुरक्षा और सतत विकास की प्रणाली को हम भूलते जा रहे हैं जो मानव के लिए हितकारी नहीं है,बल्कि आवश्यक है,यह विचार व्यक्त किया रांची नगर आयुक्त मनोज कुमार , आईएएस ने । नगर आयुक्त ने जीव जंतु कल्याण बोर्ड झारखंड के द्वारा आयोजित एनिमल वेलफेयर ट्रेनर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश भर से आए प्रशिक्षुओ के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि नगर निगम रांची पशु कल्याण की दिशा में कई महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। रांची में देश के बेहतरीन स्लॉटर हाउस होते हुए भी उसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं जिससे सिर्फ कानून कानून का उल्लंघन नहीं हो रहा है बल्कि शहर की साफ -सफाई और संतुलित पर्यावरण बनाए रखने का काम नहीं कर पा रहे हैं। नगर निगम रांची पशुओं के कल्याण के लिए अनेक प्रयास किए हैं जिसमें एनिमल हॉस्टल का निर्माण , जैविक फसल या सब्जी पाने के लिए अमृत कृषि , कुत्तों की आबादी नियंत्रण करने के लिए नसबंदी कार्यक्रम , पशु अस्पताल के निर्माण एवं संचालन सहित अवैधानिक यातायात से बचाए गए पशुओं की देखभाल योजनाएं संचालित करने का प्रयास चल रहा है। उन्होंने यह बताया कि इसमें काफी हद तक नगर निगम सफल हैं और इस दिशा में कार्य करने वाले तथा संबद्ध सभी विभागों के साथ मिल कर के पशु कल्याण की योजनाएं चलाई जाएंगी । नगर आयुक्त ने राज्य पशु कल्याण बोर्ड झारखंड के प्रशिक्षण कार्य की प्रशंसा की और हर संभव सहयोग करने का वचन दिया।

झारखंड राज्य के पशुपालन निदेशक, चितरंजन कुमार ,आईएएस ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदेश भर में चलाया जाएगा और प्रखण्ड स्तर पर जीव जंतु कल्याण की इकाइयां बनाकर के पशुओं पर होने वाले अपराधों को दूर किया जाएगा और बेरोजगार युवकों को पशु कल्याण में काम करने के लिए आगे लाया जाएगा ताकि पशु कल्याण संस्थाएं स्वाबलंबी हो करके प्रदेश के पशुधन विकास में सहायता करें। प्रशिक्षण के दूसरे सत्र में सुप्रीम कोर्ट के बहुचर्चित अधिवक्ता सिराज कुरेशी ने पशु अपराध से निपटने के अत्यंत महत्वपूर्ण कानूनी उपाय बताएं। उन्होंने प्रदेशभर से आए पशु चिकित्सकों को बताया कि पशु कल्याण से संबंधित नियमों एवं अधिनियमो की जानकारी रखना अत्यंत आवश्यक है। प्रथम सूचना रिपोर्ट की कमजोरी से पशु अपराधी बच जाता है और वह अगले अपराध की तैयारी करता है।

भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के पूर्व प्रधान संपादक एवं सहायक सचिव, डॉ आर.बी.चौधरी ने बताया कि दुनिया की अस्तित्व बचाए रखने के लिए पशु कल्याण का कार्य बहुत जरूरी है क्योंकि पशु- पक्षी हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के एक महत्वपूर्ण अंग है। इनके बिना विकास की गति अधूरी हो जाएगी। यही कारण है कि पश्चिमी देशों में पढ़ाई जाने वाली पशु चिकित्सा विज्ञान में पशु कल्याण एक महत्वपूर्ण विषय बन कर के जुड़ गया और धीरे- धीरे भारत जैसे देश के शिक्षण संस्थाओं में पढ़ाई आरंभ हो गई है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्डों की स्थापना के लिए निरंतर कटिबद्ध है। राज्य पशु कल्याण बोर्ड झारखंड देश का दूसरा सक्रिय बोर्ड है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक डॉ शिवानंद कांसी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया और झारखंड राज्य के पशु चिकित्सकों में पशु कल्याण के प्रति बढ़ती अभिरुचि की सराहना की। कार्यक्रम का मधुर संचालन किया डॉक्टर अपर्णा पांडे ने । प्रशिक्षण कार्यक्रम में झारखंड पुलिस विभाग की ओर से कई प्रतिनिधि प्रशिक्षण में शरीक हुए। इस अवसर पर डॉ शंकर प्रसाद , डॉक्टर विमल हेम्ब्रम , डॉक्टर अनिल कुमार , डॉक्टर शैलेंद्र तिवारी, डॉ ज्योति मंजूषा सहित पशुपालन विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।