कटडो मे अम्ब्लिकल हेर्निआ या नाभि हेर्निआ

Pashu Sandesh, 20th January 2020

वैभव भारद्वाज1*, गौरव कुमार1

अम्ब्लिकल हर्निया कटडो मे आमतौर पर पाया जाता है। यह एक जन्मजात बिमारी होती है। बच्चे के पेट का वो भाग जो मॉ से जुडा होता है (नाभि), उसकी मॉसपेशियॉ कमज़ोर रह जाती है। जिसकी वजह से वहॉ बच्चे के जन्म के बाद से ही सूजन दिखने लगती है। ईसे अम्ब्लिकल हर्निया या नाल हर्निया या नाभि हर्निया कहते है। इस सूजन मे भीतर के अंग जैसे कि ऑत होती है। जन्म के समय यह सूजन कम होती है परंतु जैसे जैसे  कटडा बडा होता है यह सूजन बढने लगती है।

अम्ब्लिकल हर्निया का कैसे पता लगाये: 

  1. पेट के निचले हिस्से मे सूजन होना।
  2. समय के साथ सूजन का बढना।  
  3. हाथ से दबाने पर सूजन ख़तम हो जाना और हाथ हटने पर सूजन फिर से आ जाना।
  4. कभी कभी सूजन वाले हिस्से मे दर्द होना

अम्ब्लिकल हर्निया का उपचार:

आमतौर पर हर्निया का ईलाज ऑपरेशन से ही मुमकिन होता है जो एक पशु चिकित्सक द्वारा ही किया जाता है। जन्म के शुरुआती दिनो मे इसका ईलाज आसान होता है क्योकि तब कटडे का वजन कम होता है। परंतु जैसे जैसे कटडा बडा होता है उसके पेट का आकार भी बढने लगता है और उस हिस्से पर ज्यादा वज़न पडने लगता है। जिसकी वजह से ऑपरेशन के बाद ज्यादा समस्या आती है।  इसके उपचार मे पशु चिकित्सक सूजन वाले हिस्से मे एक चीरा लगाता है और अंदरुनी अंग जैसे कि ऑत को वापिस पेट मे डाल देता है और मॉसपेशियो को सील देता है। उसके बाद बाहर की ख़ाल को भी सील देता है। इससे सूजन ख़त्म हो जाती है। 

ऑपरेशन के बाद रख़े जाने वाली सावधानियॉ:

  1. कटडे को ऑपरेशन के बाद दो-तीन हफ्तो तक कम दूध पिलना या कम चारा देना चाहिये।  
  2. जख्म पर रोज दिन मे दो-तीन बार दवाई लगाना चाहिये और मक्खी भगाने का स्प्रे लगाना चाहिये।
  3. जख़्म को मिट्टी, पानी, गोबर और पेशाब से बचाना चाहिये।
  4. ऑपरेशन के 12-14 दिनो बाद ख़ाल के टाकें कटवाने चाहिये।
  5. अगर ऑपरेशन वाली जगह पर राद पड जाये या किडे पड जाये तो तुरंत पशु चिकित्सक को दिख़ना चाहिये।

वैभव भारद्वाज1* और गौरव कुमार1

1पशु शल्य चिकित्सा एवम् विविकरण विभाग, लाला लाजपतराय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान  विश्वविद्यालय, हिसार-125004 (हरियाणा)