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पशु संदेश, भोपाल। 12 अप्रैल
दिल्ली में आयोजित होने वाले बाघ सम्मेलन की पूर्व संध्या पर इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर (आईसीयूएन) की रिपोर्ट बाघ प्रेमियों को उत्साहित करने वाली है। रिपोर्ट के अनुसार 2010 के बाद भारत समेत विश्व में बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है। हालही में जारी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 2014 के आंकड़ों के अनुसार विश्व में बाघों की संख्या बढ़कर 3890 तक पहुंच गई हैं, जो कि वर्ष 2010 में 3200 थी।
4 सालों में बढ़े 700 बाघ
रिपोर्ट के अनुसार 2010 से 2014 के बीच 4 वर्षों में विश्व में बाघों की संख्या में 700 का इजाफा हुआ है, जो बाघों के संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक संदेश है। आंकड़ों का बाघ प्रेमियों ने स्वागत किया है। यह अच्छी खबर है कि बाघों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि कुछ देशों में बाघों की संख्या में कमी भी आई है।
विश्व में बाघों की स्थिति
विश्व में बाघों की संख्या की बात की जाए तो भारत विश्व में पहले स्थान पर है। यहां विश्व भर के 70 फीसदी बाघ पाये जाते हैं। भारत में बाघों की कुल संख्या 2226 हैं। भारत के बाद दूसरा स्थान रूस का है, यहां 433 बाघ हैं। इस कड़ी में साइबेरिया में 371, मलेशिया में 250, नेपाल में 198, थाईलैंड में 189, बांग्लादेश में 106, भूटान में 103 हैं।
ऐसा नहीं है कि विश्व भर में बाघों की संख्या में इजाफा हो रहा है। कुछ देश ऐसे भी हैं, जिनमें 2010 से 2014 के बीच बाघों की संख्या में कमी आई हैं। यह देश कंबोडिया, लाओस, वियतनाम बांग्लादेश हैं। बांग्लादेश में बाघों की संख्या 440 थी, जो घटकर 106 पर आ गई है। कंबोडिया एक ऐसा देश है, जहां बाघ पूर्णत: विलुप्त हो गया।