गौ पर्यटन एवं पर्यावरण संरक्षण की अवधारणा पर कार्य शुरू

Pashu Sandesh, 27 July 2021

विश्व की विषम परिस्थितियों में प्रकृति के नजदीक रहकर ही हम स्वस्थ रह सकते है, वैश्विक महामारी कोरोना ने यह बात सबको समझ दी है । इसी बात को आधार मानते हुये समाज सेवी नटवर थानवी एवं मंजू थानवी के संगठन ने गौशाला भ्रमण, गौ पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण की अवधारणा पर कार्य शुरू किया है। जोधपुर से श्री जय अम्बे गौशाला जाखन में   25 लोगों के समूह ने प्रवास कर गौ पूजन किया एवं गायों के साथ समय बिताया ।  सीआरपीएफ के कमांडेंट जुगलकिशोर जोशी ने चुनरी ओढाकर गौशाला में गौदान भी किया । गौशालाओं में पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से पूर्व में लगे हुए पेड़-पौधों का भी अवलोकन किया तथा 500 नये पौधे लगायें। समाजसेवी व अखिल भारतीय धर्म संसद के प्रांतीय अध्यक्ष नटवर थानवी बताते है कि विदेशों में गायों के साथ वक्त बिताने का वहां के लोग  सैकड़ों डॉलर खर्च करते है, वे लोग मानते हैं कि इससे उन्हें अधिक ऊर्जा मिलती है और वे शीघ्र स्वस्थ हो रहे है।  थानवी ने कहा कि भारत में लुप्त हो रही गौ पालन की व्यवस्था को पुनर्जीवित करने, गायों के प्रति जनता में विशेष भाव जागृत करने और गौ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये हम प्रयासरत है । 

गौशाला में जब भी कोई व्यक्ति जाता है तो वो भावनात्मक रूप से गायों से जुड़कर उनके लिये कुछ ना कुछ अवश्य करता है इससे गौशालायें स्वावलंबी हो रही है। गौशाला में समय बिताने वाले लोग जल्द स्वस्थ होगें । नई पीढ़ी को गायों के प्रति लगाव होगा और गौशालाओं से प्राप्त होने वाले गोबर का ज्यादा से ज्यादा सदुपयोग करके किसानों को जैविक खेती के लिये प्रेरित किया जा सकता है। जैविक खेती ज्यादा से ज्यादा होने लगेगी तो मानव का स्वास्थ्य सही रहेगा। व्यापक रूप से देखा जाये तो गौ पर्यटन अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य एवं जीवन के अन्य सभी क्षेत्रों में एक नई क्रांति का संचार करेगा । इस अवसर पर मंजू नटवर थानवी, पुष्करणा व्हाट्स एप्प ग्रुप,जुगलकिशोर जोशी कमांडेंट सीआरपीएफ, गौशाला अध्यक्ष प्रकाश व्यास, हरनारायण सोनी, मोतीलाल सोनी,  शिव बोहरा, शिव व्यास, नरेश व्यास, दिनेश बिस्सा आकिल व पाली से उमेश पुरोहित सहित भारी तादाद में संघ की महिलाएं व गांव की मातृशक्ति आदि उपस्थित रहे। जुगलकिशोर जोशी ने मंत्रोच्चार के बीच गौदान कर समाज मे लुप्त हो रही परंपरा को जीवंत किया ।  जाखण गौशाला के अध्यक्ष प्रकाश व्यास ने बताया कि  इस तरह के गौदान व गौ पर्यटन के माध्यम से समाज के बच्चों एवं युवा वर्ग को प्रेरणा मिलेगी और उनको गाय तथा पर्यावरण से जोड़ा जा सकता है जिसके भविष्य में सुखद परिणाम मिलेगें । बच्चे संस्कारशील, पर्यावरण प्रेमी व जीवदया प्रेमी बनेंगे । उन्होंने गांव के भामाशाहों, कार्यकर्ताओं व जीवप्रेमियों का दुपट्टा ओढाकर सम्मान भी किया । संघ ने वापिसी में ओसियां की श्री गोपाल गौशाला में कल्पवृक्ष व कामधेनु पूजन का लाभ भी लिया । इस अवसर पर गौशाला सदस्यों ने गो पर्यटन में आए हुए मेहमानों का तिलक लगाकर स्वागत किया !