भारत के अग्रणीय जिला  बनासकांठा के जरूरतमंदों से जुडिए : गिरीश जयंतीलाल शाह 

Pashu Sandesh, 27 Aug 2021

डॉक्टर आर बी चौधरी

समस्त महाजन के मैनेजिंग  ट्रस्टी गिरी लाल शाह ने बताया कि गुजरात  के सबसे चर्चित जनपद बनासकांठा मे धन्यधरा  स्थान काफी चर्चित है। यह स्थान खूब जाना जाता है क्योंकि व्यापार का बहुत बड़ा केंद्र है। दुग्ध उत्पादन के दृष्टिकोण दूध उत्पादन में  के दिशा में भारत में अग्रणी ज़िला  माना गया है । बनासकांठा जनपद में 12 तालुक़ा और 1, 249 समृद्धि गाँव है।  यहां के छोटे- छोटे गाँवों में साधर्मिक रहते है और बड़े मुश्किल से  वह अपना जीवन गुज़ारा करते हैं।  अगर देखा जाए तो यह एक अत्यंत दुखद स्थिति है और इससे उबरने के लिए हमें कोशिश करने की अत्यंत आवश्यकता है।

समस्त महाजन  के मैनेजिंग ट्रस्टी ने एक ऐसा  अभियान आरंभ किया है जिसके तहत ऐसे साधर्मिकों की आवश्यकता है जो हर गाँव में जाकर सर्वे करें ताकि वह इस  सधर्म भक्तिसाधना विषय में अधिक जानकारी  प्राप्त करें, जहां एसी भक्ति-साधना हो रही है । समस्त महाजन मैनेजिंग ट्रस्टी  गिरीश जयंतीलाल शाह ने यह अनुरोध किया है कि  यदि कोई भी  सधार्मिक  स्वयं को इस गतिविधि में जुड़ना  है तो  नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से इस  ग्रुप में जुड़े और भक्ति साधना के इस अभियान का अनूठा लाभ  प्राप्त करें ।

यह बता दें कि  बनासकांठा का  वर्तमान एवं इतिहास इतना समृद्ध है कि आप  सुन कर चौक जाएंगे। क्यूएमएस मानक के अनुसार प्रमाणित सोसायटियां गुजरात के कुल सब्जी उत्पादन में लगभग 17.67% योगदान देने वाले सब्जियों के उत्पादन में जिला राज्य में पहले स्थान पर है। यह राज्य में आलू का सबसे बड़ा उत्पादक है। बजरी , मक्का, तंबाकू, अरंडी का तेल , ज्वार , साइलियम जिले की अन्य प्रमुख फसलें हैं। यह देश में इसबगुल  के प्रमुख उत्पादकों में से एक है। यह जूनागढ़ जिले और जामनगर जिले के बाद राज्य में तिलहन का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक भी है।

जिले में चूना पत्थर, संगमरमर, ग्रेनाइट, भवन पत्थर और चीनी मिट्टी सहित समृद्ध खनिज भंडार हैं। यह गुजरात के लगभग पूरे संगमरमर के भंडार (99.3%) के लिए जिम्मेदार है और राज्य में चूना पत्थर के कुल उत्पादन में लगभग 15% का योगदान देता है। इसे प्रतिष्ठित राज्य कृषि विश्वविद्यालय, सरदारकृषिनगर एवं दंतीवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय,सरदार कृषिनगर जैसे प्रमुख  कृषि विश्व विद्यालय स्थापित किए गए हैं जहां बाजरा जैसी फसलों की विभिन्न विभिन्न आवश्यकताओं एवं पर अनुसंधान किया जाता है।