गुजरात की पशु प्रेमी बेटी ने समस्त महाजन के गौ संरक्षण अभियान मे लिया हिस्सा - दान किए गौशालाओं को 11  लाख रुपए

अपने शादी की राशि में से मेवाड़ की गौशाला को दिया दान - समस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी गिरीश जयंतीलाल शाह ने इसे अनुकरणीय प्रयास कहा

पशु संदेश, 26th Jan 2020 चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)

रिपोर्ट : डॉक्टर आर बी चौधरी

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता स्वयंसेवी संस्था समस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी  गिरीश जयंतीलाल शाह जो भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड भारत सरकार के सदस्य भी है , आज उन्होंने वापी, गुजरात की बेटी कोमल के हाथों से मेवाड़ प्रांत के सभी गौशालाओं को 11 लाख रुपए का चेक प्रदान किया ताकि  गौशालाओं में  पलने वाले बूढ़े , निराश्रित , अपाहिज एवं बीमार  पशुओं की  सेवा की जा सके । शाह ने कहा कि देश में इस प्रकार की सोच रखने  वाले युवा पीढ़ी  के लोग ही देश में एक परिवर्तन की लहर ला सकते हैं। यह बता दें कि कोमल की शादी अगले महीने होने वाली है और  अपने पशु प्रेमी पारिवारिक वातावरण  से प्रेरित होकर शादी के खर्च को घटाकर गौशाला में दान देने का निर्णय लिया। गौ सेवा के इस नई पहल को लेकर आज समस्त महाजन की खचाखच भरी पंडाल में उपस्थित राजस्थान के विभिन्न इलाके से आए गौ  सेवकों  एक नया जोश भर गया।

इस नई पहल को नए वर्ष के अवसर पर लॉन्च करने के लिए समस्त महाजन के फाउंडर ट्रस्टी, गिरीश जयंतीलाल शाह अत्यंत उत्साहित थे। उन्होंने अपने संबोधन में अपने ढाई दशक के विभिन्न उपलब्धियों की संक्षिप्त कहानी बताई और कहा कि समस्त महाजन के ट्रस्टी देवेंद्र जैन की भतीजी कोमल एक बहुत बड़ी पशु प्रेमी है । उसके गौ सेवा के प्रति श्रद्धा और सम्मान  की वजह से समस्त महाजन आज गौ सेवा के एक अभिनव पहल को अंजाम दे पा रहा है। इस अवसर पर चित्तौड़गढ़ के सिविल जज, शिवकुमार शर्मा  अपने संबोधन में समाज की चिंतन धारा को बदलने का एक सशक्त माध्यम बताया। वहीं पर सुनील ओझा एडीजे ने समस्त महाजन के नए-नए प्रयोगों और गौ संवर्धन के दिशा में काम करने के तरीके की सराहना की। इस कार्यक्रम में चित्तौड़गढ़ जिला के अतिरिक्त जिला कलेक्टर,  मुकेश कलाल गौशाला विकास के कार्यों की महत्ता बताते हुए  समस्त जीवधारियों एवं पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने  मे सबसे महत्वपूर्ण माध्यम बताया।

समस्त महाजन द्वारा आयोजित इस गौ संरक्षण प्रशिक्षण एवं सम्मेलन  के दूसरे सत्र में गो संरक्षण -संवर्धन के विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा अत्यंत महत्वपूर्ण संभाषण हुए जिसमें बंसी गिर गौशाला के संस्थापक गोपाल सुतारिया ने ऑर्गेनिक खेती की विधि  बताई और खेतों में यूरिया और फास्फेट खाद डालने के प्राकृतिक तरीके बताएं। उन्होंने कहा कि रासायनिक खादों से खेत की उर्वरता अब करीब करीब नष्ट हो चुकी है  और आज किसान  अपनी लागत मूल्य निकालने में पूरी तरह से फेल है। आत्महत्या का शिकार हो रहा है। ऐसी परिस्थिति में गोबर गोमूत्र के प्रयोग को बढ़ाए जाने की परम  आवश्यकता है । अपने गौशाला में किए गए अनुसंधान की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि उनके प्रतिष्ठान से प्रदत्त जीवाणु उर्वरक या बैक्टीरियल कल्चर प्राप्त कर कोई भी किसान अपनी अपनी आमदनी बढ़ा सकता है ।उन्होंने कहा कि आज ऑर्गेनिक विधि से पैदा की गई खाद्य सामग्री का बाजार में तेजी से डिमांड बढ़ रहा है। किसानों  से अनुरोध करते हुए कहा कि यूरिया खाद की जगह बैक्टीरियल कल्चर का प्रयोग करें जिस में पाए जाने वाला नाइट्रोजन फिक्सेशन करने वाली बैक्टीरिया यूरिया खाद की कमी को पूरा  करने की क्षमता रखती है। इससे किसान भाइयों को अच्छी उपज मिलेगी ।साथ ही साथ उसकी फसल स्वस्थ एवं स्वादिष्ट होगी बशर्ते देसी गोवंश का पालन पोषण करें। खुशहाल जीवन के लिए आज हर घर में एक गाय जरूर पाली जानी चाहिए।

राजस्थान में गत वर्ष जल संरक्षण कार्यक्रम ऑर्डिनेटर रविंद्र जैन ने आज के गौशाला प्रशिक्षण एवं सम्मेलन का मनमोहक संचालन किया और उन्होंने  समस्त महाजन की ओर से श्री जैन श्वेतांबर धर्मशाला चित्तौड़गढ़ सहित सभी सहयोगियों के प्रति आभार प्रकट किया।

डॉक्टर आर बी चौधरी

( विज्ञान लेखक एवं पत्रकार, प्रधान संपादक एवं मीडिया हेड - एडब्ल्यूबीआई, भारत सरकार)