पशुओं में कृमिनाशक प्रतिरोध

पशु संदेश, 21 January 2019

डॉ गायत्री देवांगन,डॉ अखिलेश मिश्रा एवं डॉ नीतू राजपूत

पशुओं में कृमिनाशक प्रतिरोध,पशुधन उत्पादन में एक प्रमुख विश्वव्यापी बाधा बन रहा है,अगर अनदेखा किया गया तो कृमिनाशक दवाएं पूरी तरह से अप्रभावी हो जाएंगी | परजीवी संक्रमण से पशुओं में खून की कमी, शरीर का वजन कम होना, दूध का उत्पादन कम होना, प्रजनन दर कम होना एवं मृत्यु दर बढ़ जाना पाया जाता है, जिसके कारण पशुधन उद्योग को भारी मात्रा में आर्थिक नुकसान होता है| परजीवी कृमि तीन प्रकार के होते है, निमेटोड, सेस्टोड् और ट्रिमेटोड, जो कि पशुओं में स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करते है| पशुधन उद्योग में कृमिनाशक दवाओं के गहन उपयोग के कारण सभी मौजूदा कृमिनाशक के प्रति परजीविओं में व्यापक प्रतिरोध उत्पन्न हुआ है |

कृमिनाशक प्रतिरोध क्या है:

सामान्य खुराक में कृमिनाशक दवा कृमि पे असरकारक नहीं होती, क्यूंकि पशुओ में उस कृमिनाशक के लिए संवेदनशीलता कम हो जाती है,यह कृमिनाशक प्रतिरोध कहलाता है | कृमिनाशक प्रतिरोध अनुवांशिक होता है यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित होता है |

आमतौर पर मवेशियों के उत्पादन में इस्तेमाल किया जाने वाला कृमिनाशक

दवा तीन वर्गों से संबंधित हैं:

इमिडाजोथीआजोल. जैसे, लिवामीसोल

बेंज़िमिडाज़ोल . जैसे एल्बेंडाजोल,फेनबेंडाजोल, ऑक्सफेंडाजोल

मैक्रोसाइक्लिक लैक्टोन या एवरमेक्टिन और मिलबेमाइसिन . जैसे  अबामेक्टिन ,डोरामेक्टिन,प्रिनोमेक्टिन, आइवरमेक्टिन,मोक्सीडैक्टिन

कृमिनाशक प्रतिरोध के विकास में योगदान करने वाले कारक:

अनुवांशिक कारण रू परजीवी के जीनोम में एक जीन या कई जीनों में उत्परिवर्तन((mutation) के कारण परजीवी प्रतिरोध हो सकता है|

परजीवी का जीवन चक्र:

परजीवी छोटे अंतराल में प्रजनन करते हैं, परजीवी विपुल प्रजनक हैं | इसलिए प्रतिरोध क्षमता वाले पीढ़ी की वृद्धि जल्दी होती है और इस तरह कृमिनाशक प्रतिरोध जल्दी से परजीविओं में फैलता है |

प्रबंधन कारक:

बहुत बार इलाज करनारू बार बार कृमिनाशक दवा देने से संवेदनशील परजीवी की संख्या कम ख़त्म हो जाती है पर जानवरों के झुण्ड में प्रतिरोधक परजीवी का अनुपात बढ़ जाता है |

पूरे झुंड का इलाज करना: एक ही समय में पूरे झुंड का इलाज करने से एक ही बार में सभी जानवरों से अतिसंवेदनशील परजीवी समाप्त हो जाते हैं। यह कुल परजीवी आबादी में प्रतिरोधी परजीवी के अनुपात को बढ़ाता है |

कम खुराक देना रू कृमिनाशक दवा की खुराक एक अनुमोदित खुराक से कम देने पे भी परजीवी उस दवा के लिए प्रतिरोधी हो जाते है|

बार बार एक ही कृमिनाशक का उपयोग करना|

एक ही कृमिनाशक को लम्बे समय तक देना |

अपर्याप्त संगरोध (Quarantine):

नए ख़रीदे गए जानवरों में प्रतिरोधक परजीवी हो सकते हैए पशु को झुण्ड में मिलाने से पहले यदि पशु को सगरोध में नहीं रखा गया और कृमिनाशक दवा नहीं दी गई तो नए पशु से प्रतिरोधी परजीवी के झुण्ड में अंडे देने से प्रतिरोधी परजीवी झुण्ड में स्थान्तरित हो सकते है |

सही प्रबंधन अभ्यास

कृमिनाशक दवा की पर्याप्त मात्रा के साथ खुराक देना |

सबसे उपयुक्त एवं प्रभावशाली कृमिनाशक का उपयोग करना |

जब जरुरत हो तभी कृमिनाशक का उपयोग करना |

कम समय तक दी जाने वाली दवा की तुलना में ज्यादा समय तक दी जाने वाली दवा के प्रति परजीवी में जल्दी प्रतिरोध उत्पन्न होता हैए इसिलिए कम समय तक दी जाने वाली दवा चुनना चाहिए |

नए पशुओं को झुण्ड में मिलाने से पहले कुछ दिन झुण्ड से अलग रखना चाहिए एवं कृमिनाशक दवा देनी चाहिएए ताकि नए जानवरों से प्रतिरोधी कृमि बाकि जानवरों में स्थानांतरित न हो सके |

चारागाह प्रबंधन: कौन से मौसम में परजीवी,अंडे एवं लार्वा चारागाह में सबसे ज्यादा मिलते है इसकी जानकारी रखनी चाहिए ताकि ऐसे मौसम में जानवरों को चारागाह में चरने न भेजें ताकि प्रतिरोधी परजीवी के अंडे या लार्वा जानवरो में स्थानांतरित न हो सके |

रिफ्यूजी का संरक्षण करना:

रिफ्यूजिया कुल परजीवी आबादी का अनुपात है जो कृमिनाशक दवा उपचार के लिए चयनित नहीं होती है|रिफ्यूजिया के संरक्षण का उद्देश्य दवा.संवेदनशील ;अतिसंवेदनशीलद्ध परजीवियों को बनाए रखना है|किसी पशुओं के झुण्ड में या चारागाह में परजीवी के आबादी में कृमिनाशक संवेदनशील परजीवी होना प्रतिरोधी परजीवी के अनुपात को कम करती है | इसके लिए कुछ परजीवी प्रभावित जानवरों को बिना इलाज के छोड़ दिया जाता है |कृमिनाशक प्रतिरोध के लिए नियमित रूप से परीक्षण करना|

डॉ गायत्री देवांगन1 डॉ अखिलेश मिश्रा2 एवं डॉ नीतू राजपूत1
1.पशु चिकित्सा एवं पशु पालन महाविद्यालय महू, इंदौर
2.मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली