बाढ़ के समय पशुओं का बचाव एवं रखरखाव

पशु संदेश, 27 जून 2018

डॉ अलका सुमन, डॉ दीपक निगवाल, डॉ ज्ञानेश कुमार यादव

करोड़ों पशुपालक किसानों की जिंदगी पशुओं के बल पर चलती है क्योकि भारत में पशुओं के जरीए दूध, मांस व अंडे वगैरह का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है| भारत में भौगोलिक वजहों से देश के कई इलाकों में किसानों को हर साल कुदरती आपदाओं का सामना करना पड़ता है, जिस से पशुधन उत्पादन में करोड़ों का नुकसान होता है| कुदरती आपदाओं में बाढ़, भूकंप, तूफान (सुनामी) और सूखा खास हैं| बाढ़ देश को कई बार बुरी तरह से तबाह कर चुकी है| देश में अलग अलग बारिश के कारण कई क्षेत्रों में सूखा पड़ जाता है और कई जगहों पर बाढ़ का पानी भर जाता है| बाढ़ की वजह से गाय, भैंस, बकरी, भेड़, सुअर और किसानो को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है| ऐसे हालात में इनसान अपनी हिफाजत में लगा रहता है और अपने मवेशियों का खयाल नहीं करता, जिस से काफी नुकसान होता है, जबकि बाढ़ के वक्त अपने पशुओं का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए|

बाढ़ के कारण 

·         अत्यधिक बारिश

·         बांध एवं तट बंधुओं का टूटना

·         सुनामी और भूकंप से भी आता है बाढ़

·         पहाड़ी क्षेत्रों में असामान्य बारिश

·         बादल के फटने से

 

बचाव एवं रखरखाव

बाढ़ के समय, पशुओं के नुकसान को कम करने के लिए अक्लमंद व फौरन फैसला लेने वाले लोगों का एक आकस्मिक दस्ता बनाना चाहिए, जोकि पशुकल्याण के लिए भलाई का काम कर सके|

आकस्मिक दस्ते में पशुचिकित्सक, पशुपोषण विशेषज्ञ, लोकस्वास्थ्य विशेषज्ञ, माहिर स्वैच्छिक कार्यकर्ता और गैरसरकारी संगठनों के सक्रिय लोगों को शामिल करना चाहिए|

विशेषज्ञों के इस दस्ते को समय-समय पर स्थानीय प्रशासन को समस्या हल करने के तरीके सुझाने चाहिए, जिस से कि जानमाल का कम से कम नुकसान हो|

स्थानीय प्रशासन को बाढ़ आपदा के समय वाहनों, दवाओं, रोग के टीके व साफ पानी वगैरह का इंतजाम रखना चाहिए, जिस से कि बाढ़ के बाद पैदा होने वाली मुसीबतों को सुलझाया जा सके|

 बाढ़ के बाद निम्न बातों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए:

*      खराब पानी का शुद्धिकरण|

*      खराब पशु आहार सामग्री का निबटान|

*      सही पशुआहार का इंतजाम|

*      मरे हुए पशुओं का निबटारा|

*      मच्छरमक्खी की रोकथाम|

*      बाढ़ के कारण होने वाले रोगों की रोकथाम|

*      टूटे बिजली के तारों को ठीक कराना|

*      मवेशियों के टूटे घरों की मरम्मत

*      सांप वगैरह से बचाव

 आहार के इंतजाम : सब से पहले बाढ़ वाले इलाके में बाढ़ की चपेट में आने वाले पशुओं की तादाद का अंदाजा लगाना जरूरी है, ताकि उन के आहार की मांग को ढंग से पूरा किया जा सके|

 

सेहत व हिफाजत के इंतजाम : अगर पशुओं के रहने की जगह भी बाढ़ से तबाह हो गई हो, तो संक्रामक रोगों को फैलने से रोकने के उपाय तेज गति से करने चाहिए| बाढ़ के दौरान कई दिनों तक पानी भरे रहने और पशुओं के उस में खड़े रहने की वजह से खुर का गलना, लंगड़ापन, सांस के रोग व मांसपेशी में तनाव वगैरह होने का खतरा बना रहता है| ऐसे में इलाज में देरी नहीं होनी चाहिए| बाढ़ के माहौल में किसी भी किस्म के कीटनाशक वगैरह को किसी महफूज जगह पर रखना चाहिए, ताकि ऐसी चीजें पानी में न मिल सकें वरना पानी जहरीला हो सकता है| बाढ़ की हालत में पशुओं को किसी ऊंची जगह पर बांध देना चाहिए| इस के अलावा दुधारू पशुओं से प्रतिदिन दूध निकालना चाहिए ताकि थनैला से बचा जा सके|

पानी का इंतजाम : बाढ़ के समय साफ पानी की कमी पशुओं को गंदा पानी पीने पर मजबूर कर देती है, जिस से कि कई तरह के रोगों के फैलने की संभावना बढ़ जाती है| लिहाजा पशुओं के लिए साफ पानी का इंतजाम करना बेहद जरूरी है| दूषित पानी को कैल्शियम कार्बोनेट से उपचारित कर के पशुओं को पीने के लिए दिया जा सकता है|

पशुआहार का इंतजाम: बाढ़ के समय पशुओं को दिए जाने वाले गेहूं, मक्का व धान वगैरह की जांच करना जरूरी है, क्योंकि इन में फफूंदी का असर हो सकता है, जो कई प्रकार के रोगों को बुलावा दे सकता है| फफूंदी वाले अनाजों को फौरन नष्ट कर देना चाहिए| इन्हें पशुओं को कतई नहीं खिलाना चाहिए| अगर चारे में कवक का असर हो तो उसे जला देना चाहिए| लिहाजा पशुओं के लिए साफ पशुआहार का इंतजाम करना बेहद जरूरी है|

बाढ़ का पानी मवेशियों एवं जानवरों को भी अपने साथ बहा कर ले जाती है जिससे उसकी मौत हो जाती है ! बाढ़ से मरने वाले पशुओं को जला कर निबटाना जरूरी होता है, वरना संक्रमण का खतरा हो सकता है| बाढ़ के बाद फैलने वाले रोगों के संक्रमण से भी पशुओं को बचाने के पूरे इंतजाम करने चाहिए जिस से कि कम से कम नुकसान हो|


Alka suman:- Assistant Professor Noble Polytechnic in A.H., Junagarh, Gujarat

Deepak Ningwal:- Veterinary Assistant Surgeon Chandwasa, Mandsaur (M.P.)

Gyanesh K. Yadav:- Executive M.P. Women Poultry Producer, Bhopal

 

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