राष्ट्रीय विकास के लिए संवैधानिक गरिमा का प्रतिपालन अत्यंत आवश्यक-अश्वनी उपाध्याय

देश में रिवर्स इंजीनियरिंग अत्यंत आवश्यकता

Pashu Sandesh, चेन्नई (तमिलनाडु) 05 March 2023

डॉ. आर बी चौधरी

सुप्रीम कोर्ट के जाने माने वरिष्ठ अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय , "पीआईएल मैन" का शहर के लोकप्रिय डी जी वैश्णव कॉलेज में मॉडल ऑफ डेवलपिंग इंडिया( विकासशील भारत का प्रतिरूप) सीरीज के तहत "कांस्टीट्यूशनल चैलेंजज"( संवैधानिक चुनौतियां) विषय पर शनिवार को व्याख्यान रखा गया जिसका आयोजन कॉलेज के साथ साथ चेन्नई की कई सामाजिक तथा शैक्षिक समितियों ने किया था। अश्वनी उपाध्याय भारत के प्रगति में आने वाली अड़चनों के कई मुद्दों को बड़े ही स्पष्ट ढंग से रखा और कहा कि भारत की कई संवैधानिक चुनौतियां आज सामने खड़ी है जिसका निराकरण किया जाए तो देश में परिवर्तन की एक नई लहर आ जाएगी। उन्होंने वर्तमान परिवेश में राजनीति के बदलते स्वरूप पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वोट बैंक की राजनीति संविधान की गरिमा को निरंतर चोट पहुंचा रही है। जिसका सीधा असर हमारे सामाजिक, आर्थिक और विकास कार्यों पर पड़ रहा है। देश की कुल बजट का 20% हिस्सा आज भ्रष्टाचार का शिकार हो रहा है जिसमें संविधान की रक्षा करने की कसम खाने वाले कुछ भ्रष्ट लोग शामिल हैं और धीरे-धीरे भ्रष्टाचार बीमारी फैलती जा रही है।

डी जी वैष्णो कॉलेज खचाखच भरे हाल में बोलते हुए अश्वनी उपाध्याय ने कहां कि जब भी संवैधानिक गरिमा के रक्षक राजनेता यहां तक की सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज इत्यादि
पदभार ग्रहण करते हैं यह शपथ दिलाई जाती है कि संविधान की मर्यादा का पालन करते हुए वह राष्ट्र की रक्षा करेंगे। लेकिन दुर्भाग्य है कि इस प्रतिज्ञा का परिपालन नहीं होता और वोट बैंक के चक्कर में संविधान की रक्षा के लिए ली गई कसमे-वादे सब ताक पर रख दिया जाता है। जिसका नतीजा है कि आज राष्ट्रीय कुल बजट का 20% हिस्सा भ्रष्टाचार का शिकार हो जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि आज देश में प्रगति सिर्फ ईमानदार राजनेताओं और जजों की निष्ठा और कर्मयोग से हो रहा है। लेकिन भ्रष्ट लोगों के द्वारा भ्रष्टाचार की गति बढ़ रही है जो एक चिंता का विषय है। अश्वनी जी ने अपने संभाषण में कई बातों का उल्लेख किया जिसमें भाषा, धर्म, संस्कृति, राजनीत इत्यादि शामिल थे। उन्होंने राष्ट्रीय गरिमा का प्रतीक राष्ट्रगान की चर्चा की और बताया कि जब राष्ट्र गान को चयन करने की वोटिंग हुई तो वंदे मातरम को सर्वाधिक मत मिले थे। लेकिन आज वंदे मातरम अपनी गरिमा प्राप्त करने में पिछड़ गया। यहां तक की इसके गायन के लिए प्रोटोकॉल भी नहीं बन पाए।

आगे उन्होंने बताया कि मुगलों के समय में तमाम महत्वपूर्ण स्थानों के नाम मुगल शासकों द्वारा रखे गए थे और आज भी जस के तस वह पड़े हुए हैं। क्या हमारी जिम्मेदारी नहीं है कि उनका नाम देश की आजादी के लिए कुर्बान देशभक्तों के नाम पर रखे जाएं। भारतीय संस्कृति का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पहले इस देश की परंपरा में राजाओं ने राजकुमारियों के नाम से शहरों के नाम रखे थे जिसे मुगल शासन ने कभी स्वीकार नहीं किया। उत्तर भारत के मंदिरों की स्थित दक्षिण भारत के मंदिरों की तरह थी लेकिन दक्षिण भारत के मंदिर आज भी उसी तरह से है। लेकिन उत्तर भारत के तमाम मंदिर खत्म कर दिए गए। अपने व्याख्यान में अश्वनी जी ने राजनेताओं को जननेता -जनप्रतिनिधि नाम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राजनेताओं को सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया है। लेकिन वोट बैंक की उनकी लालच संविधान की गरिमा को ताक पर रखने के लिए थोड़ी भी हिचकिचाहट नहीं होती। भला ऐसे में विकासशील भारत को विकसित भारत के रूप में देखने का सपना कैसे साकार हो सकता है। वर्तमान वोट बैंक की राजनैतिक महत्वाकांक्षा उन्हें क्षेत्र , जाति,धर्म ,भाषा आदि तोड़ मरोड़ कर कहीं से कहीं ले जा रही है। जिसका सीधा असर हमारे सामाजिक आर्थिक तथा बौद्धिक विकास पर पड़ रहा है। भारत के विकास की गति कुछ और होना चाहिए जो नहीं हो पा रहा है।

यह बता दें कि अश्वनी उपाध्याय ने अपना जीवन राष्ट्रीय विकास और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए समर्पित किया है। वर्तमान में वह बौद्धिक के समुदाय के लोगों के माध्यम से जनजागृति में का कार्य करें रहे हैं। अब तक 150 से अधिक जनहित याचिकाएं दायर कर चुके हैं। इसीलिए उन्हें पीआईएल मैन कहा जाता है। आज का व्याख्यान उनका इतना प्रभावशाली था कि लोग लगातार तालियां बजाते रहे और मंत्रमुग्ध सुनते रहे। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार 18 हजार से अधिक अनावश्यक कानूनों को रद्द कर दिया जो एक बहुत बड़ी महत्वपूर्ण कदम है। देश की प्रगति में राजनीतिक इच्छा का बहुत बड़ा महत्व है जो वर्तमान सरकार बखूबी से निभा रही है। देशभर में राजनैतिक भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए स्थापित देश के 400 त्वरित निर्णय देने वाले कोर्ट स्थापित किए गए हैं। अब तक 200 से अधिक भ्रष्ट राजनीतिज्ञो , जिसमें सांसद एवं विधायक आदि शामिल है , पर कार्यवाही की जा चुकी है। अपने संभाषण केअंत में उन्होंनेयह कहा कि आज रिवर्स इंजीनियरिंग की जरूरत है। उन्होंने नारकोपॉलीग्राफ-झूठ बोलने वाले के ऊपर कार्यवाही करने वाले लोगों पर कानूनी प्रक्रिया लागू करने की बात कही ।

इस कार्यक्रम के संयोजन समिति के वरिष्ठ एवं चेन्नई के जाने-माने समाजसेवी,आरएसएस के प्रतिनिधि एवं प्रखर वक्ता ,अशोक जैन ने भारत माता की जयकारा लगाकर लोगों के अंदर जोश भर दिया।माहौल काफी जोशीला हो गया । डीजी वैश्णव कॉलेज के प्रबंधन समिति के प्रमुख श्रीअशोक मूंदड़ा ने केंद्र और राज्य सरकार के नीति संचालन पर अपना अत्यंत महत्वपूर्ण एवं सोचनीय विचार रखा और राजनेताओं के दोहरे मापदंड की बात कही। इस आयोजन में तमिलनाडु सहित कई राज्यों से तकरीबन 1000 प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यक्रम संयोजक श्रीअशोक जैन ने बताया कि कार्यक्रम संयोजन समिति के विशेष मार्गदर्शकअशोक मूंदड़ा के साथ-साथ कैलाश चोरडिया,अशोक केडिया,प्रवीण टाटिया,कुमार राकेश,रजत सिंघवी स्वामी श्रीरामचरण दाशा आदि गणमान्य लोगों के निरंतर सहयोग एवं समर्थन से इस कार्यक्रम का आयोजन हो सका है।

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