जैविक कुक्कुट पालन एवं प्रबंधन

Pashu Sandesh, 17 Jan 2022

1 डॉ. रेणु कुमारी, 2 डॉ. संजय सिंह, 3 डॉ. गीतेश मिश्र

1सहायक आचार्य, पशु पोषण विभाग, आई.आई.वी.ई. आर. रोहतक, हरियाणा

2सहायक आचार्य, पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी, आई.आई.वी.ई. आर. रोहतक, हरियाणा

3सहायक आचार्य, पशुधन उत्पादन प्रबंधन, आई.आई.वी.ई. आर. रोहतक, हरियाणा

परिचय

ऐसी उत्पादन प्रबंधन इकाई जो कि बगैर किसी बाहृय उत्पाद (रासायनिक खाद एवं प्रतिजैविक औषधीयां) एवं मानव निर्मित उत्पाद उपयोग के, सिर्फ जैविक कृषि खाद्य उत्पाद, संसाधनों का उपयोग करे तथा जो कि घरेलु स्तर के संसाधनों पर आधारित हो।

जैविक उत्पादन प्रणाली

जैविक खेती एक समग्र उत्पादन प्रबंधन प्रणाली है जो कृषि पारिस्थितिकी तंत्र, स्वास्थ्य, जैव विविधता सहित, मृदा जैविक चक्र गतिविधि को बढ़ाता है। जैविक उत्पादन प्रणाली के विभिन्न निर्धारित मानक जैसे कि पशु कल्याण के लिए अधिक से अधिक ध्यान, वृद्धि संवर्धक, कृत्रिम उर्वरकों या कीटनाशकों का उपयोग किये बिना कम से कम 80 प्रतिशत चारा जैविक मानकों के अनुसार उगाया गया हो।

जैविक उत्पाद

रासायनिक, कीटनाशकों, उर्वरक, योजको और दवा का उपयोग किये बिना, जैविक उत्पादन प्रणाली पर पाला गया हो तथा जैविक मानकों के अनुसार उत्पादित, संरक्षित, प्रसंस्कृत किया जाये। उत्पाद स्वस्थ और पर्यावरण के अनुकूल, योजको से मुक्त स्वास्थ्य जोखिम से मुक्त, भविष्य की पीढ़ी के स्वास्थ्य की रक्षा करता हो। उत्पाद हमारे पशुओं के संरक्षण में, ऊपरी मिट्टी की रक्षा, जैव विविधता के संरक्षण, सच्चे अर्थव्यवस्था का समर्थन करता हो।

जैविक कुक्कुट पालन उत्पादन के व्यावहारिक पहलु एवं उपयुक्त मानक

कुक्कुट का जन्म एवं पालन एक जैविक कृषि पर हुआ हो, तथा प्रमाणन कार्यक्रम के बाद जैविक कुक्कुट की अनुमति होगी।
कुक्कुट का प्रजनन प्राकृतिक होना चाहिए तथा साथ ही साथ कुक्कुट 100 प्रतिशत जैविक विधि से उत्पादित आहार खाया हो।
जैविक कुक्कुट पालन में हार्मोन्स उपचार, भ्रूण हस्तांतरण प्रौद्योगिकी की अनुमति नहीं है।
संश्लेषिक वृद्धि संवर्धक पदार्थ, संश्लेषिक क्षुधावर्धक, परिरक्षक, कृत्रिम रंग पदार्थ, पशुओ के उपोत्पाद, विलायक द्वारा निकली गयी तेल केक, अमीनो एसिड, अनुवांशिक इंजीनियर जीवों या उसके उत्पादों के उपयोग अनुमति नहीं है।

जैविक कुक्कुट पालन में प्राकृतिक चिकित्सा और विधियों, होमियोपैथी, आयुर्वेदिक चिकित्सा, सूचीभेदन पर जोर एवं रोगनिरोधी परंपरागत पशु चिकित्सा दवाओं के उपयोग अनुमति नहीं है। परम्परागत औषधियों का उपयोग तभी किया जाता है जब गैर एलोपैथिक विकल्प न उपलब्ध हो, जब इन दवाओँ का उपयोग किया जाता है तब वैध रूप से रोक की अवधि दुगना रखते है जिससे उत्पाद में दवा का अवशेष न रह जाये तथा साथ ही साथ टीका का इस्तेमाल तभी किया जाएगा जब किसी क्षेत्र में रोग होने का पता है या उम्मीद कर रहे हैं और रोग की रोकथाम अन्य प्रबंधन तकनीकी से नहीं हो सकती है। आनुवंशिकी इंजीनियर टीकों का उपयोग नहीं किया जा सकता। जैविक कुक्कुट पालन में कीचड़, गंदे नाले युक्त पानी का प्रयोग भी वर्जित है।

कुक्कुट प्रजनन प्रबंधन

ऐसी नस्लों का चयन किया जाना चाहिए जो कि स्थानीय परिस्थितियों के अनुकुल हो तथा प्रजनन हमेशा प्राकृतिक तरीको से ही होना चाहिए, क्योंकि आनुवंशिकी अभियांत्रिकी से पैदा नस्ले एवं प्रजातियों का चुनाव जैविक कुक्कुट पालन हेतु प्रतिबंधित है ।
जैविक कुक्कुट पालन में हार्मोनों का उपयोग कर अधिक अण्डों का उत्पादन करवाना प्रतिबंधित है। विदेशो में जैविक कुक्कुट पालन एवं उत्पादन व्यवसायिक हैचरी में हो रहा है क्योंकि जैविक चूजों का प्राकृतिक तरीके से उत्पादन अधिक महंगा एवं कम उपलब्धता एवं कम उत्पादन वाला है।

कुक्कुट आवास प्रबंधन

जैविक कुक्कुट पालन में प्राकृतिक आवास उपलब्ध करना चाहिए जिसमे वह अपना प्राकृतिक व्यवहार प्रदर्शित करे तथा साथ ही साथ स्थायी आवासों की तुलना में गतिशील आवासों का उपयोग भी किया जा सकता हे क्योंकि गतिशील आवासों का मुख्य लाभ यह है कि इसमें पक्षी हर समय स्वच्छ घास वाले स्थान पर होता है एवं मृदा जनित परजीवीयों का खतरा कम होता है।
जैविक कुक्कुट पालन हेतु पक्षियों को पिंजरों में ना रखकर उन्हें गहरे लीटर (बिछोना) वाले आवासों में रखना चाहिए । कृत्रिम रोषनी की मात्रा उतनी ही देवे जितनी की प्रमाणित संस्थाएं सुझावित करती है।

आहार प्रबंधन

जैविक कुक्कुट पालन में प्रमाणित जैविक आहार ही खिलायें तथा आहार के सभी भाग जैविक खेती से पैदा हो लेकिन कुछ विटामिन एवं खनिज तत्व पूरक पदार्थ के जो कि भोजन का 5 प्रतिशत भाग उपयोग में लिया जा सकता है।
जैविक कुक्कुट पालन में मछली का चूरा भी जैविक खाद्य में उपयोग कर सकते है यह आवस्यक अमीनों अम्ल की प्रचुरता का स्त्रोत है लेकिन इनका उपयोग सीमित करना चाहिए क्योंकि यह मंहगा है तथा कुक्कुट मांस में मछली की गंध पैदा करता है। अंकुरित अनाज भी विटामिन का एक अच्छा स्त्रोत है जो कि विटामिन एवं अमीनों अम्लों की जरूरत को पूरी कर सकता है।
पक्षियों को बाहर खुले वातावरण युक्त चारागाह में स्वच्छ वायु एवं प्रर्याप्त खाद्य तथा स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाये जायें
पक्षियो की चोंच काटने की प्रथा अनुचित है परन्तु कुछ प्रमाणित सस्थाएं अभी भी चोंच काटने हेतु स्वीकृति देतीं हैं। चोंच काटी भी जाऐ तो 5 मी.मी. से अधिक नहीं ।
जैविक कुक्कुट पालन में लेयर पालन हेतु चूने पत्थर के बारीक टूकड़े, मार्बल ग्रिट (मंजिया) ओएस्टर कवच भी एक अच्छा कैल्सियम का स्त्रोत है ।
संश्लेषित अमीनों अम्लो का उपयोग जैविक खाद्य में प्रतिबंधित है अतः अनिवार्य अमीनों अम्ल की पूर्ति हेतु जैविक सोयाबीन, स्किम मिल्क पाऊडर, मक्का ग्लूटेन इत्यादि उपयोग कर सकते है।

स्वास्थ्य प्रबंधन

जैविक कुक्कुट पालन में उपचार में सिर्फ प्राकृतिक औषधीयां, आर्युवेद एवं होम्योपेथी तकनीक ही स्वीकार्य है। प्रतिजैविक का इस्तेमाल प्रतिबंधित है, टीकाकरण भी तभी करना चाहिए जब कोई ऐसा ज्ञात संक्रमण हो जो कि अन्य तरीकों से कम ना हों तथा उस क्षेत्र के लिए गंभीर संभावित खतरा हो। खाद्य एवं आवास प्रबंधन अधिक से अधिक प्राकृतिक परिस्थितियों अच्छी प्रतिरक्षा एवं स्वास्थय की लब्धि हों ।

रिकॉर्ड प्रबंधन

रिकॉर्ड विश्लेषक, फार्म मालिक एवं आर्थिक सहायता प्रदान करने वाली संस्थाओं के लिए सूचना का स्त्रोत होता हैं अतः प्रजनन रिकॉर्ड, चूजे खरीद का रिकॉर्ड, जैविक खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल से बने राशन का रिकॉर्ड, जैविक खाद्य पदार्थ खरीद रिकॉर्ड, जैविक कुक्कुट चारागाह रिकॉर्ड, स्वास्थय सहायक प्राकृतिक औषधी रिकॉर्ड, स्वच्छता सहायक संसांधन रिकॉर्ड ,जैविक अण्डे उत्पादन का मासिक रिकॉर्ड, जैविक मांस उत्पादन एवं बिकवाली रिकॉर्ड रखने चाहिए ।

जैविक कुक्कुट पालन में व्यापक प्रमुख बाधाएं

सामान्तया भारत में उचित नस्लों की उपलब्धता नहीं है एवं हैचरी इकाई की कम उपलब्धता होने से चूजों की उपलब्धता में कमीं है।
जैविक कुक्कुट पालन में परिवहन खर्चे की अधिकता तथा परिवहन के दौरान कुक्कुट कुक्कुट कि मृत्यु से होने वाले नुक्सान।
एंटीबायोटिक दवाओं का लम्बे समय तक उपयोग करने से कुछ बैक्टीरिया के लिए एंटीबायोटिक प्रतिरोध आ जाता है परिणामस्वरूप उपचार में समस्या आती है इन पशुओ के दूध का सेवन करने से एंटीबायोटिक प्रतिरोध का जोखिम रहता है।
हानिकारक बग द्वारा प्रतिरोधी जीन को हस्तांतरित कर देता है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा है।
हार्मोन्स की प्रतिबंधित सीमा से अधिक उपयोग कैंसर उत्पन्न करने के लिए उत्तरदायी है और सार्वजनिक स्वास्थ के लिए खतरा है।

जैविक कुक्कुट पालन उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु रणनीतियां

जैविक कुक्कुट पालन में विशेष नस्ल एवं प्रजातियां तैयार करना जो कि जैविक पालन के अनुकूलन हो तथा ग्राहक को स्वीकार्य हो।
जैविक कुक्कुट का उत्पादन करने वाले कुक्कुट पालन किसानों के लिए मूल्य प्रोत्साहन करना तथा उपयुक्त क्षेत्रों को चिह्नित करना जिससे इसे बढ़ावा दिया जा सके ।
जैविक कुक्कुट उत्पादन प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए और फायदे हेतु शिक्षित किया जाना। एंटीबायोटिक कृत्रिम उर्वरकों के अंधाधुंध उपयोग से बचने के लिए शिक्षित किया जाना चाहिए। संश्लेषिक कीटनाशक दवाइयां के प्रयोग न करने हेतु शिक्षित किया जाना चाहिए। उपभोक्ताओं का विश्वास बनाने के लिए नियमित जाँच करना। जैविक कुक्कुट पालन के लिए वनस्पति एवं जैव प्रोटीन स्त्रोतो कि आवशयक्ता एवं उपलब्ध्ता पर जोर देना चाहिए।