नई शिक्षा नीति : घट जायेगा VCI का महत्व

पशु संदेश, 07 अगस्त 2020

भारत की नई शिक्षा नीति 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने 29 जुलाई को मंजूरी दे दी है | नई शिक्षा नीति का मसोदा इसरो के पूर्व चेयरमैन के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञों की टीम ने तैयार किया है, जिसमें प्री प्राइमरी से लेकर प्रोफेशनल एजुकेशन तक सभी में वदलाबों को समाहित किया है | आईये जानते हैं देश में वेटरनरी एजुकेशन की रेगुलेटरी बॉडी वेटरनरी काउंसिल(VCI) पर इस नई शिक्षा नीति का क्या असर होगा|

नई शिक्षा नीति 2020 को पढ़कर जो हमें समझ आया उस के अनुसार, नई शिक्षा नीति के अमल में आने के बाद VCI का वेटरनरी एजुकेशन को रेगुलेट करने का पॉवर खत्म हो जायेगा | यहाँ तक शिक्षा के क्षेत्र का सवाल है, VCI, ICAR जैसी प्रोफेशनल काउंसिल्स मात्र एकेडमिक स्टैंडर्ड ड्राफ्टिंग बॉडीज बन कर रह जायेंगी, जिन्हें नई शिक्षा नीति में प्रोफेशनल स्टैंडर्ड सेटिंग बॉडीज (PSSB) के नाम से जाना जायेगा | ये संस्थायें अपने डोमेन में पाठ्यक्रमों के लिए एकेडमिक स्टैंडर्डस तो बनायेगी पर इनके पास रेगुलेटरी पवार नहीं होगा | ज्यादा गहराई में समझे तो लगता है कि VCI द्वार बनाये गये एकेडमिक स्टैंडर्डस एक रेफरेंस का काम करेंगे जिस के अनुरूप/ इर्दगिर्द वेटरनरी कॉलेज और यूनिवरसिटी अपना सिलेबस खुद बना सकेंगे | यानी नई शिक्षा नीति में कॉलेज और यूनिवरसिटी को ज्यदा ऑटोनोमी मिलने की संभावना है|

वर्तमान में VCI के दो प्रमुख मेनडेड हैं, पहला regulation of minimum standards of veterinary education दूसरा regulation of minimum standards of veterinary practice. इनमें से दूसरे यानी regulation of minimum standards of veterinary practice के रेगुलेशनस अभी तक बने ही नहीं हैं, जिससे VCI इस क्षेत्र में ज्यादा कुछ कर नहीं पाती | अब नई शिक्षा नीति में regulation of minimum standards of veterinary education का कार्य भी VCI के अधिकार क्षेत्र से वाहर हो जायेगा और सिंगल पॉइंट रेगुलेटर National Higher Education Regulatory Council के पास चला जायेगा | ऐसी स्थिति में VCI का महत्व कम होना निश्चित है|

नई शिक्षा नीति के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर एक Higher Education Commission of India (HECI) का गठन किया जायेगा | HECI के अंतर्गत Higher Education के चार डोमेन्स - रेगुलेशन, एक्रीडिशन, फंडिंग और एकेडमिक स्टैंडर्ड सेटिंग के लिए चार अलग अलग संस्थायें काम करेंगी | उदहारण के लिए अभी ICAR रेगुलेशन, एक्रीडिशन, फंडिंग और एकेडमिक स्टैंडर्ड सेटिंग ये सभी चरों कम करती है तथा VCI रेगुलेशन और एकेडमिक स्टैंडर्ड सेटिंग दोनों काम करती है |

नई शिक्षा नीति नीती लागू होने के बाद ऐसा नहीं होगा, उपरोक्त चरों काम HECI के अंतर्गत नेशनल लेवल पर स्थापित चार अलग अलग संस्थायें करेंगी | HECI के अंतर्गत ये चार संस्थायें होंगी -

1. National Higher Education Regulatory Council (NHERC) – यह संस्था एक सिंगल पॉइंट रेगुलेटर की तरह कम करेगी, जो मेडिकल और लॉ एजुकेशन को छोड़ कर सभी प्रकार की शिक्षा को रेगुलेट करेगी | नई शिक्षा नीति में रेगुलेशन का काम एक्रीडिशन के माध्यम से किया जायेगा |
2. National Accreditation Council (NAC) - यह संस्था हायर एजुकेशनल इंस्टिट्यूटस के एक्रीडिशन का कार्य करेगी | NAC के सुपरविजन में एक्रीडिशन इंस्टीट्यूट होंगी जो हायर एजुकेशनल इंस्टिट्यूटस (HEI) के एक्रीडिशन का कार्य करेंगी | एजुकेशनल इंस्टिट्यूटस को फंडिंग उनके एक्रीडिशन के आधार पर प्राप्त होगी |
3. Higher Education Grants Council (HEGC) – यह संस्था हायर एजुकेशनल इंस्टिट्यूटस को फंडिंग का कार्य करेगी जैसे अभी UGC करती है |
4. General Education Council (GEC) – यह संस्था विभिन्न डोमेन्स में एकेडमिक स्टैंडर्ड सेटिंग, लर्निंग आउटकम का कार्य करेगी | ICAR, VCI, NCTE, CoA, NCVET जैसी प्रोफेशनल कोउंसिल्स GEC के साथ professional standard setting bodies (PPSSB) के रूप में काम करेंगी | उपरोक्त प्रोफेशनल कोउंसिल्स GEC के सदस्य के रूप में अपने अपने डोमेन में एकेडमिक स्टैंडर्ड बनाने का कार्य जारी रखेंगी पर उन्हें रेगुलेटरी पॉवर नहीं होगी |

नई शिक्षा नीति 2020 को धरातल पर लागू होने में अभी कुछ समय लगेगा | इस से सम्बंधित संस्थाओं की स्थापना/ पुनरगठन और संबंधित लीगल अमेंडमेंटस के बाद ही यह नई शिक्षा नीति धरातल पर आकार लेगी |